भोपाल। मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव के दौरान आयकर छापों में लेन देन के मामले में केंद्रीय चुनाव आयोग ने प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस और गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ राजेश राजौरा को दिल्ली तलब किया है. आयोग ने पत्र भेजकर पूछा है कि केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड की रिपोर्ट पर आगे क्या कार्रवाई की जाएगी. मुख्य सचिव जवाब पेश करने 5 जनवरी को दिल्ली जाएंगे.
आयोग ने कहा क्या किया आगे क्या करेंगे
उप चुनाव आयुक्त चंद्र भूषण कुमार ने अपने पत्र में लिखा है कि मुख्य सचिव इस तैयारी के साथ हैं कि सीबीडीटी की रिपोर्ट पर अभी तक क्या किया गया और इस संबंध में आगे कब तक क्या कार्रवाई की जाएगी. सीबीडीटी( CBDT) की रिपोर्ट के साथ आई इस चिट्ठी को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को मुख्य सचिव ने जानकारी दे दी है. साथ ही अप्रेजल रिपोर्ट के संबंध में भी तथ्य से अवगत करा दिया गया है. वहीं सरकार ने विधि विभाग से इस संबंध में कानूनी पक्ष भी लिया है कि जांच के बिंदु और कार्रवाई की दिशा क्या होगी?
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16 दिसंबर को आई थी सीबीडीटी( CBDT) की रिपोर्ट
लोकसभा चुनाव के पहले तत्कालीन कमलनाथ सरकार के करीबियों पर आयकर छापे से जुड़ी सीबीडीटी की रिपोर्ट चुनाव आयोग ने मध्य प्रदेश सरकार को 16 दिसंबर को सौंपी थी. रिपोर्ट में राज्य पुलिस सेवा के अधिकारी अरुण मिश्रा और 3 आईपीएस अधिकारी बी मधु कुमार, संजय माने और सुशोभन बैनर्जी के साथ मध्य प्रदेश सरकार के कुछ मंत्रियों विधायकों और कांग्रेस के नेताओं के नाम शामिल हैं.
क्या है मामला
अप्रैल 2019 को दिल्ली आयकर विभाग की टीम ने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के सलाहकार आर के मिगलानी, ओएसडी प्रवीण कक्कड़, कमलनाथ के भांजे रतुल पुरी और एक अन्य कारोबारी अश्विन शर्मा के कुल 52 ठिकानों पर छापे मार कार्रवाई की थी. इस दौरान आयकर विभाग की टीम ने कई अहम दस्तावेज और फाइलें यहां से जब्त तक की थी. इन दस्तावेजों और फाइलों की सीबीडीटी ने बारीकी से जांच की है और जांच कर एक विस्तृत रिपोर्ट चुनाव आयोग को भेजी गई है. जिसमें आईपीएस अधिकारियों समेत नेता,मंत्रियों और कारोबारियों के नाम शामिल हैं. इसे लेकर चुनाव आयोग ने ईओडब्ल्यू को प्राथमिक जांच दर्ज करने के आदेश दिए हैं.
आयकर विभाग ने 14 करोड रुपए की बेहिसाब नकदी, डायरियां, कंप्यूटर और फाइलें जब्त की थीं. इन्ही दस्तावेजों में करोड़ों रुपए के लेनदेन का हिसाब दर्ज था. दस्तावेजों में यह प्रमाण भी मिला कि 20 करोड़ रुपये की राशि एक राष्ट्रीय राजनीतिक दल के दिल्ली स्थित मुख्यालय भेजी गई. इन छापों में कुल 281 करोड़ रुपए के लेनदेन का पुख्ता प्रमाण आयकर विभाग को मिला है. यह रुपए अलग-अलग कारोबारी नौकरशाहों और राजनीतिज्ञों से एकत्र किया गया था और हवाला के जरिए दिल्ली तुगलक रोड स्थित राष्ट्रीय राजनीतिक पार्टी के मुख्यालय भेजा गया.