भोपाल। प्रदेश में हुई भारी बारिश के बाद कई जिलों के किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है. अतिवृष्टि और बाढ़ से हुए नुकसान का अध्ययन करने के लिए बीते 2 दिनों से केंद्रीय दल लगातार प्रभावित जिलों का दौरा कर रहा था. जिसके बाद आज केंद्रीय अध्ययन दल ने मुख्यसचिव इकबाल बैस के साथ इस संबंध में बैठक की. जहां अतिवृष्टि और बाढ़ से सर्वाधिक प्रभावित जिलों रायसेन, सीहोर, होशंगाबाद, हरदा, देवास का भ्रमण कर फसलों के हुए नुकसान का आंकलन किया है.
केन्द्रीय अध्ययन दल ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने में दिखाई गई तत्परता और प्रदेश में जारी राहत कार्यों की सराहना की है. दल के सदस्यों ने कहा कि यह अभिभूत करने वाला तथ्य है कि इतनी अतिवृष्टि और बाढ़ की स्थिति के बावजूद कोई जनहानि नहीं होने दी गई. फसलों, मकानों, पशुधन का नुकसान हुआ है, लेकिन बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को यह विश्वास है कि उनको हुए नुकसान की भरपाई होगी और राज्य सरकार जल्द से जल्द व्यवस्थाओं को फिर से स्थापित करेगी.
बाढ़ राहत कार्यों के लिए की सराहना
केंद्रीय अध्ययन दल ने अतिवृष्टि और बाढ़ के समय प्रदेश सरकार के द्वारा किए गए राहत कार्यों की भी व्यवस्थाओं की प्रशंसा की है. बैठक के दौरान मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस ने फसलों के नुकसान के आंकलन के लिए अलग से केन्द्रीय दल को शीघ्र प्रदेश के दौरे पर भेजने का अनुरोध किया है.
बड़े पैमाने पर हुआ नुकसान
केन्द्रीय अध्ययन दल के सदस्यों ने कहा है कि जिलों के भ्रमण से प्रारंभिक रूप से स्पष्ट है कि बड़े पैमाने पर फसलों, मकानों, पशुधन और अधोसंरचना का नुकसान हुआ है. खेतों में पानी भरने से सोयाबीन के साथ-साथ धान की फसल भी खराब हुई है. अतिवृष्टि और बाढ़ से नुकसान के अलावा कीटव्याधि ने फसलों को अधिक नुकसान पहुंचाया है. इसका अलग से आंकलन करने की आवश्यकता है.
कीटव्याधि ने फसल को पहुंचाया नुकसान
अतिवृष्टि के बाद निरंतर बनीं अतिवर्षा की स्थिति, भीषण गर्मी और उमस के परिणामस्वरूप कीटव्याधि ने सोयाबीन की फसल को काफी नुकसान पहुंचाया है. स्टेंम फ्लाय कीट का दो बार आक्रमण हुआ. इससे सोयाबीन की उत्पादकता कम रहेगी. इसके साथ ही उड़द भी प्रभावित हुई है. उन्होंने कहा है कि आवश्यकता होने पर दल एक बार फिर प्रदेश भ्रमण पर आएगा.
संयुक्त सचिव केन्द्रीय गृह मंत्रालय आशुतोष अग्निहोत्री के नेतृत्व में आए केन्द्रीय दल में केन्द्रीय वित्त मंत्रालय के संचालक सुभाषचन्द्र मीणा, कृषि मंत्रालय के संचालक एके तिवारी, जलशक्ति मंत्रालय के अधीक्षण यंत्री मनोज तिवारी, सड़क परिवहन मंत्रालय के अधीक्षण यंत्री सुमित कुमार और ग्रामीण विकास मंत्रालय के संचालक (एनआरएलएम) सौरभ कुमार दुबे शामिल हैं.
बैठक में राज्य के कृषि उत्पादन आयुक्त केके सिंह, अपर मुख्य सचिव जल संसाधन एसएन मिश्रा, प्रमुख सचिव किसान कल्याण अजीत केसरी, प्रमुख सचिव राजस्व मनीष रस्तोगी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे.