भोपाल । प्यारे मियां यौन शोषण मामले में सरकार निशाने पर है. पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मामले की CBI जांच की मांग की है. कानून व्यवस्था के मुद्दे पर कमलनाथ ने शिवराज सरकार को घेरने की कोशिश की. कमलनाथ ने आरोप लगाया कि शिवराज के राज में महिलाओं से जुड़े अपराधों में राज्य नंबन वन हो गया है. जब से ये सरकार आई है, प्रदेश में क्राइम का ग्राफ बढ़ गया है. प्यारे मियां यौन शोषण मामले में पीड़ित परिवार कमलनाथ से मिलने पहुंचा था.
क्या है मामला?
शासकीय बाल गृह में 18 जनवरी को पीड़िता ने नींद की गोलियां खा ली थी. जिससे उसकी तबीयत बिगड़ी और हमीदिया अस्पताल में भर्ती कराया गया. अस्पताल में इलाज के दौरान बच्ची की मौत हो गई. पीड़िता की मौत के बाद गुरुवार को पुलिस शव को हमीदिया अस्पताल से सीधे भदभदा विश्राम घाट ले गई. जहां पुलिस की निगरानी में विश्राम घाट पर अंतिम संस्कार किया गया. प्यारे मियां नाबालिग यौन शोषण मामले में पीड़िता ही फरियादी भी थी. पीड़िता के परिजन घर पर बेटी के शव का इंतजार कर रहे थे. लेकिन पुलिस उन्हें शव सौंपना ही नहीं चाहती थी. पीड़िता की मां ने बताया कि वह अपनी बेटी के शव का घर पर इंतजार करती रही और पुलिस ने सीधे अंतिम संस्कार विश्राम घाट पर करा दिया. सवाल ये है कि आखिर ऐसा करने के पीछे क्या जल्दबाजी थी?