भोपाल। मध्यप्रदेश उच्च माध्यमिक शिक्षक और माध्यमिक शिक्षकों के लिए ऑनलाइन पात्रता परीक्षा दिसंबर 2018 में आयोजित की गई थी, लेकिन विधानसभा चुनाव का बहाना देकर 3 महीने टालते हुए फरवरी और मार्च में इन परीक्षाओं को संपन्न कराया गया. जिसको करवाने के लिए अभ्यर्थियों को हर जिले में ज्ञापन और धरना प्रदर्शन करना पड़ा था. परीक्षा के बाद परिणाम घोषित करने के लिए शिक्षक पात्रता भर्ती परीक्षा के अभ्यर्थियों ने आंदोलन प्रदर्शन किए और अब जब नतीजे आ चुके हैं तो जॉइनिंग की मांग को लेकर भी इन चयनित अभ्यर्थियों को प्रदर्शन की राह पकड़नी पड़ रही है. यही वजह है कि आज राजधानी के लोक शिक्षण संचनालय में एक बार फिर शिक्षक पात्रता भर्ती परीक्षा के अभ्यर्थी धरने पर बैठ गए हैं.
30 हज़ार से ज्यादा चयनित शिक्षकों को नहीं मिली जॉइनिंग
शिक्षक पात्रता भर्ती परीक्षा में चयनित अभ्यर्थियों का कहना है की ऑनलाइन पात्रता परीक्षा आयोजित होने के बाद में 2019 में लोकसभा चुनाव में लगे आचार संहिता का बहाना लेकर परीक्षा परिणाम बनाने पर काम शुरू किया गया. जून से परीक्षा परिणाम बनाने पर काम शुरू किया गया. लेकिन सरकार की लेटलतीफी के चलते इसके नतीजे 28 अगस्त 2019 को जारी किए गए. ठीक इसी तरह मार्च में संपन्न हुई माध्यमिक शिक्षक की परीक्षा का परिणाम 26 अक्टूबर 2019 को घोषित किए गए. मध्यप्रदेश में अभ्यर्थियों को व्यापक स्तर पर ज्ञापन धरना प्रदर्शन करना पड़ा. यहां तक की शासन की लेटलतीफी के खिलाफ हाईकोर्ट में रिट पिटीशन तक दायर की गई. इसके बावजूद अब तक शिक्षक पात्रता भर्ती परीक्षा के चयनित शिक्षकों को जॉइनिंग नहीं मिल पाई है.
मंत्री से मिला आश्वासन अप्रैल में शुरू होगी प्रक्रिया
जॉइनिंग की मांग को लेकर मध्य प्रदेश के अलग-अलग जिलों से आए शिक्षक पात्रता भर्ती परीक्षा में चयनित अभ्यर्थी लोक शिक्षण संचनालय का घेराव कर रहे हैं. अभ्यर्थियों का कहना है कि इस आंदोलन के पहले भी उन्होंने सरकार को ज्ञापन दिया. लेकिन उनकी कोई मांगे पूरी नहीं हुई. वही. आज स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार से मुलाकात की. उन्होंने आश्वासन दिया कि अप्रैल में प्रक्रिया शुरू की जाएगी. लेकिन कोई निश्चित समय नहीं दिया, इसी बात से नाराज दो हजार से ज्यादा शिक्षक पात्रता भर्ती परीक्षा के अभ्यर्थी लोक शिक्षण संचनालय पर प्रदर्शन कर रहे हैं.
भर्ती शुरू नही हुई तो करेंगे उग्र आंदोलन
अभ्यार्थियों का कहना है कि अगर आज ऑफिसियल नोटिफिकेशन जारी नहीं हुआ तो सभी 30 हज़ार अभ्यर्थी अनिश्चितकालीन धरना शुरू करेंगे. यह धरना उग्र रूप लेगा और इसकी जिम्मेदारी मध्यप्रदेश शासन की होग.