भोपाल। अनुशासन हीनता के मामले में पथरिया विधानसभा क्षेत्र से बसपा विधायक रामबाई परिहार को पार्टी सुप्रीमो मायावती ने पार्टी से बाहर निकाल दिया है, जिसके बाद प्रदेश सरकार में संकट गहराने लगा हैं. हालांकि कांग्रेस का मानना है कि रामबाई के निलंबन से सरकार पर कोई खतरा नहीं है.
बसपा सुप्रीमो मायावती ने एक ट्वीट कर यह जानकारी दी है. ट्वीट में मायावती ने लिखा है कि बीएसपी अनुशासित पार्टी है और अनुशासन को तोड़ने पर पार्टी तुरंत कार्रवाई करती हैं. इसीक्रम में एमपी में पथरिया से बीएसपी विधायक रामबाई परिहार को सीएए का समर्थन करने पर पार्टी से बाहर निकाला जा रहा हैं. उन पर पार्टी कार्यक्रम में भाग लेने पर भी रोक लगा दी गई है.
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1. BSP अनुशासित पार्टी है व इसे तोड़ने पर पार्टी के MP/MLA आदि के विरूद्ध भी तुरन्त कार्रवाई की जाती है। इसी क्रम में MP में पथेरिया से BSP MLA रमाबाई परिहार द्वारा CAA का समर्थन करने पर उनको पार्टी से निलम्बित कर दिया है। उनपर पार्टी कार्यक्रम में भाग लेने पर भी रोक लगा दी गई है
— Mayawati (@Mayawati) December 29, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— Mayawati (@Mayawati) December 29, 20191. BSP अनुशासित पार्टी है व इसे तोड़ने पर पार्टी के MP/MLA आदि के विरूद्ध भी तुरन्त कार्रवाई की जाती है। इसी क्रम में MP में पथेरिया से BSP MLA रमाबाई परिहार द्वारा CAA का समर्थन करने पर उनको पार्टी से निलम्बित कर दिया है। उनपर पार्टी कार्यक्रम में भाग लेने पर भी रोक लगा दी गई है
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मायावती ने एक और ट्वीट कर लिखा कि बीएसपी ने सबसे पहले बिल को असंवैधानिक बताकर इसका तीव्र विरोध किया, इसके विरुद्ध वोट दिया और इसकी वापसी को भी लेकर राष्ट्रपति को ज्ञापन दिया. फिर भी विधायक परिहार ने सीएए का समर्थन किया पहले भी उन्हें कई बार पार्टी लाइन पर चलने की चेतावनी दी गई थी.
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2. जबकि BSP ने सबसे पहले इसे विभाजनकारी व असंवैधानिक बताकर इसका तीव्र विरोध किया, संसद में भी इसके विरूद्ध वोट दिया तथा इसकी वापसी को भी लेकर मा राष्ट्रपति को ज्ञापन दिया। फिर भी विधायक परिहार ने CAA का समर्थन किया। पहले भी उन्हें कई बार पार्टी लाइन पर चलने की चेतवानी दी गई थी।
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हालांकि इस निलंबन पर कांग्रेस का कहना है कि रामबाई को पार्टी से निलंबित किए जाने पर मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकार पर कोई असर नहीं पड़ेगा, फिर भी देश भर में CAA के विरोध और प्रदेश में सत्ता की राह देख रही बीजेपी के लिए यह खबर मरहम का काम जरूर कर सकती है.