भोपाल। मध्यप्रदेश शासन संस्कृति विभाग द्वारा प्रत्येक रविवार को आयोजित होने वाले पारंपरिक संगीत की श्रृंखला 'उत्तराधिकार' में आज ओमप्रकाश गन्धर्व और उनके साथियों द्वारा बघेलखण्ड अंचल के लोक गायन की प्रस्तुति संग्रहालय पेश की गयी.
प्रस्तुति का आरंभ हिंदुली 'बरसा है पनिया' के साथ हुआ इसके बाद 'हमरी जनकपूरी ससुरार', गारी 'पातिन-पातिन रे परि रे पतरिया', फगुआ 'केसर के उड़े फुहारा' और नचनहाई 'जरे भिनसारी की निंदिया', भगत 'खोरिन-खोरिन फिरे शारदा' और कजरी 'हरि रामा पिया गए परदेस' की प्रस्तुतिया दी गयी. आपको बता दें कि ओमप्रकाश गन्धर्व लम्बे समय से गायन के क्षेत्र में सक्रिय हैं. जो बघेली गायन की कई प्रस्तुतियां देश के विभिन्न कला मंचों पर दे चुके हैं.