भोपाल। राजधानी में हुए खटलापुरा हादसे के बाद भी प्रशासन गंभीर नजर नहीं आ रहा है. 11 युवकों की मौत के दूसरे दिन खटलापुरा घाट पर ही मछुआरों से भरी एक नाव पलट गई. हालांकि नाव में सवार तीनों मछुआरों को नगर-निगम की टीम ने बचा लिया और नांव को भी तालाब से बाहर निकाल लिया गया.
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस बल मौके पर पहुंचा. हालांकि पुलिस के पहुंचने से पहले ही मछुआरों को तालाब से बाहर निकाल दिया गया था. लेकिन बड़ा सवाल यह है कि मछुआरों ने भी लाइफ जैकेट नहीं पहनी थी. हालांकि वे मौके पर निगम की टीम मौजूद होने से बड़ा हादसा टल गया.
गंभीर क्यों नहीं दिख रहा प्रशासन
बड़ा सवाल यह है कि इतने बड़े हादसे के बाद भी भोपाल प्रशासन गंभीर नजर क्यों नहीं आ रहा है. गणेश विसर्जन के दौरान 11 लोगों की डूबने से मौत हो गई थी. जिसमें सबसे बड़ी लापरवाही प्रशासन की सामने आई थी. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इस तालाब पर मछली पालने वाले ठेकेदार लोग रहते हैं. जो मछलियों को दाना डालने के लिए तालाब में गए थे.