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खटलापुरा हादसे के बाद भी नहीं जागा प्रशासन, जहां डूबे थे 11 लोग, वहीं डूबी मछुआरों की नाव - राजधानी भोपाल

राजधानी भोपाल के खटलापुरा घाट पर गणेश विसर्जन के दौरान 11 लोगों की डूबने से मौत हो गई थी. इतनी बड़ी घटना के बाद भी प्रशासन सतर्क नजर नहीं आ रहा है. एक बार फिर खटलापुरा घाट पर मछुआरों की नाव तालाब में पलट गई. हालांकि नगर-निगम की टीम ने तीनों मछुआरों को बचा लिया.

खटलापुरा घाट पर मछुआरों की नाव तालाब में पलट गई
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Published : Sep 14, 2019, 8:31 PM IST

Updated : Sep 14, 2019, 9:10 PM IST

भोपाल। राजधानी में हुए खटलापुरा हादसे के बाद भी प्रशासन गंभीर नजर नहीं आ रहा है. 11 युवकों की मौत के दूसरे दिन खटलापुरा घाट पर ही मछुआरों से भरी एक नाव पलट गई. हालांकि नाव में सवार तीनों मछुआरों को नगर-निगम की टीम ने बचा लिया और नांव को भी तालाब से बाहर निकाल लिया गया.

खटलापुरा घाट पर मछुआरों की नाव तालाब में पलट गई

घटना की सूचना मिलते ही पुलिस बल मौके पर पहुंचा. हालांकि पुलिस के पहुंचने से पहले ही मछुआरों को तालाब से बाहर निकाल दिया गया था. लेकिन बड़ा सवाल यह है कि मछुआरों ने भी लाइफ जैकेट नहीं पहनी थी. हालांकि वे मौके पर निगम की टीम मौजूद होने से बड़ा हादसा टल गया.

गंभीर क्यों नहीं दिख रहा प्रशासन
बड़ा सवाल यह है कि इतने बड़े हादसे के बाद भी भोपाल प्रशासन गंभीर नजर क्यों नहीं आ रहा है. गणेश विसर्जन के दौरान 11 लोगों की डूबने से मौत हो गई थी. जिसमें सबसे बड़ी लापरवाही प्रशासन की सामने आई थी. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इस तालाब पर मछली पालने वाले ठेकेदार लोग रहते हैं. जो मछलियों को दाना डालने के लिए तालाब में गए थे.

भोपाल। राजधानी में हुए खटलापुरा हादसे के बाद भी प्रशासन गंभीर नजर नहीं आ रहा है. 11 युवकों की मौत के दूसरे दिन खटलापुरा घाट पर ही मछुआरों से भरी एक नाव पलट गई. हालांकि नाव में सवार तीनों मछुआरों को नगर-निगम की टीम ने बचा लिया और नांव को भी तालाब से बाहर निकाल लिया गया.

खटलापुरा घाट पर मछुआरों की नाव तालाब में पलट गई

घटना की सूचना मिलते ही पुलिस बल मौके पर पहुंचा. हालांकि पुलिस के पहुंचने से पहले ही मछुआरों को तालाब से बाहर निकाल दिया गया था. लेकिन बड़ा सवाल यह है कि मछुआरों ने भी लाइफ जैकेट नहीं पहनी थी. हालांकि वे मौके पर निगम की टीम मौजूद होने से बड़ा हादसा टल गया.

गंभीर क्यों नहीं दिख रहा प्रशासन
बड़ा सवाल यह है कि इतने बड़े हादसे के बाद भी भोपाल प्रशासन गंभीर नजर क्यों नहीं आ रहा है. गणेश विसर्जन के दौरान 11 लोगों की डूबने से मौत हो गई थी. जिसमें सबसे बड़ी लापरवाही प्रशासन की सामने आई थी. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इस तालाब पर मछली पालने वाले ठेकेदार लोग रहते हैं. जो मछलियों को दाना डालने के लिए तालाब में गए थे.

Intro:भोपाल- राजधानी भोपाल के खटला पुरा घाट पर गणेश विसर्जन के दौरान 11 युवकों की नाव पलटने से मौत हो गई लेकिन इस बड़े हादसे के बाद भी शासन प्रशासन गंभीर नजर नहीं आ रहा है 11 युवकों की मौत के दूसरे हितेन खटला पूरा घाट पर एक मछुआरों की नाव फिर पलट गई हालांकि नाव में सवार तीनों मछुआरों को नगर निगम की टीम में बचा लिया और गांव को भी तालाब से बाहर निकाल लिया गया।

Body:सूचना मिलते ही पुलिस अधिकारी और बल मौके पर पहुंच गया। हालांकि पुलिस के पहुंचने से पहले ही मछुआरों को तालाब से बाहर निकाल दिया गया था लेकिन फिर भी सवाल यह है कि इन मछुआरों ने भी लाइफ जैकेट नहीं पहने थे और इतने बड़े हादसे के बाद भी लोग जागरूक नहीं हुए हैं पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इस तालाब पर मछली पालने वाले ठेकेदार के यह लोग के जो मछली को दाना डालने तालाब में गए थे।

बाइट- अखिल पटेल, एएसपी, भोपाल।Conclusion:
Last Updated : Sep 14, 2019, 9:10 PM IST
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