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कमलनाथ सरकार पर सियासी संकट ! सियासी गदर के बीच सिंधिया किधर ?

हॉर्स ट्रेंडिंग के आरोपों के बाद मध्य प्रदेश में सियासी ड्रामा जारी है. बताया जा रहा है कि कांग्रेस के कई विधायक अभी भी गायब हैं. कांग्रेस के नेताओं ने दावा किया है कि बीजेपी नेता इन विधायकों को लेकर बैंगलुरु ले गए हैं. कांग्रेस के इन विधायकों से अब तक संपर्क न होने की बात कही गई है. पिछले तीन दिनों से चल रही रहे इस सियासी ड्रामे में सिंधिया किधर हैं, ये सवाल भी मध्यप्रदेश की सियासत में जमकर गूंज रहा है.

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सियासी गदर के बीच सिंधिया किधर?
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Published : Mar 4, 2020, 7:15 PM IST

Updated : Mar 4, 2020, 9:25 PM IST

भोपाल। हॉर्स ट्रेंडिंग के आरोपों के बाद मध्यप्रेदश में गजब का सियासी ड्रामा चल रहा है. कमलनाथ सरकार को गिराने के लिए मची गदर से सियासी पारा चरम पर है. कांग्रेस का आरोप है कि बीजेपी विधायकों की खरीद फरोख्त में जी जान से जुटी है.

कमलनाथ गुट के कुछ मंत्री भी लगातार दावा कर रहे हैं कि कांग्रेस एक है, बीजेपी अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो पाएगी. लेकिन बड़ा सवाल ये है कि तीन दिनों से मची इस सियासी गदर में मध्यप्रेदश कांग्रेस के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया किधर हैं, यह सवाल सियासी गलियारों में जोर-शोर से गूंज रहा है, क्योंकि सिंधिया ने अब इस मामले पर चुप्पी नहीं तोड़ी, जो कई तरह के सवाल खड़े कर रही हैं, क्योंकि उन्हीं के गढ़ यानी चंबल अंचल में बीजेपी ने सेंध लगा दी और उन्हें हवा तक नहीं लगी.

कांग्रेस विधायक बिसाहू लाल सिंह, हरदीप सिंह डंग, रघुराज सिंह कंसाना और निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा अभी भी पार्टी की पकड़ से दूर बीजेपी के कब्जे में हैं. इनमें से ज्यादातर विधायक सिंधिया खेमे से आते हैं, लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया इस पूरे सीन से गायब नजर आ रहे हैं. बुरहानपुर सीट से निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा सिंधिया को प्रदेश अध्यक्ष बनाने की मांग उठा चुके हैं और वे फिलहाल बीजेपी के साथ खड़े हैं. इसके अलावा पथरिया से बसपा के रमाबाई और अनूपपुर सीट से कांग्रेस विधायक बिसाहूलाल सिंह भी बागी रुख अख्तियार किए हुए हैं.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया भले ही खुलकर न बोलते हों, लेकिन मध्यप्रदेश का मुख्यमंत्री और उसके बाद प्रदेश अध्यक्ष का मामला अधर में लटकने के बाद से ही उनके समर्थकों के बीच इसकी कसक साफ तौर पर देखी गई है. हाल ही में सिंधिया ने जिस तरह से तेवर अख्तियार किए हैं, उससे कमलनाथ सरकार की बेचैनी बढ़ गई थी. इसके बाद अब राज्यसभा चुनाव से ऐन वक्त पहले जिस तरह से सिंधिया के इलाके के समर्थक विधायकों ने बागी तेवर दिखाएं हैं उससे कांग्रेस की नींद उड़ चुकी है.

मध्यप्रदेश में में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का ऑपरेशन लोटस फ्लॉप हो गया? ये सवाल इस वजह से है, क्योंकि देर रात गुरुग्राम में जबरदस्त सियासी ड्रामा चला. खबर है कि कमलनाथ सरकार को समर्थन दे रहे कुछ विधायकों को एक होटल में रोक कर रखा गया है. इन्हीं में से एक बीएसपी विधायक राम बाई को कमलनाथ सरकार में मंत्री जीतू पटवारी और जयवर्धन सिंह अपने साथ ले आए.

भोपाल। हॉर्स ट्रेंडिंग के आरोपों के बाद मध्यप्रेदश में गजब का सियासी ड्रामा चल रहा है. कमलनाथ सरकार को गिराने के लिए मची गदर से सियासी पारा चरम पर है. कांग्रेस का आरोप है कि बीजेपी विधायकों की खरीद फरोख्त में जी जान से जुटी है.

कमलनाथ गुट के कुछ मंत्री भी लगातार दावा कर रहे हैं कि कांग्रेस एक है, बीजेपी अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो पाएगी. लेकिन बड़ा सवाल ये है कि तीन दिनों से मची इस सियासी गदर में मध्यप्रेदश कांग्रेस के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया किधर हैं, यह सवाल सियासी गलियारों में जोर-शोर से गूंज रहा है, क्योंकि सिंधिया ने अब इस मामले पर चुप्पी नहीं तोड़ी, जो कई तरह के सवाल खड़े कर रही हैं, क्योंकि उन्हीं के गढ़ यानी चंबल अंचल में बीजेपी ने सेंध लगा दी और उन्हें हवा तक नहीं लगी.

कांग्रेस विधायक बिसाहू लाल सिंह, हरदीप सिंह डंग, रघुराज सिंह कंसाना और निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा अभी भी पार्टी की पकड़ से दूर बीजेपी के कब्जे में हैं. इनमें से ज्यादातर विधायक सिंधिया खेमे से आते हैं, लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया इस पूरे सीन से गायब नजर आ रहे हैं. बुरहानपुर सीट से निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा सिंधिया को प्रदेश अध्यक्ष बनाने की मांग उठा चुके हैं और वे फिलहाल बीजेपी के साथ खड़े हैं. इसके अलावा पथरिया से बसपा के रमाबाई और अनूपपुर सीट से कांग्रेस विधायक बिसाहूलाल सिंह भी बागी रुख अख्तियार किए हुए हैं.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया भले ही खुलकर न बोलते हों, लेकिन मध्यप्रदेश का मुख्यमंत्री और उसके बाद प्रदेश अध्यक्ष का मामला अधर में लटकने के बाद से ही उनके समर्थकों के बीच इसकी कसक साफ तौर पर देखी गई है. हाल ही में सिंधिया ने जिस तरह से तेवर अख्तियार किए हैं, उससे कमलनाथ सरकार की बेचैनी बढ़ गई थी. इसके बाद अब राज्यसभा चुनाव से ऐन वक्त पहले जिस तरह से सिंधिया के इलाके के समर्थक विधायकों ने बागी तेवर दिखाएं हैं उससे कांग्रेस की नींद उड़ चुकी है.

मध्यप्रदेश में में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का ऑपरेशन लोटस फ्लॉप हो गया? ये सवाल इस वजह से है, क्योंकि देर रात गुरुग्राम में जबरदस्त सियासी ड्रामा चला. खबर है कि कमलनाथ सरकार को समर्थन दे रहे कुछ विधायकों को एक होटल में रोक कर रखा गया है. इन्हीं में से एक बीएसपी विधायक राम बाई को कमलनाथ सरकार में मंत्री जीतू पटवारी और जयवर्धन सिंह अपने साथ ले आए.

Last Updated : Mar 4, 2020, 9:25 PM IST
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