भोपाल। मध्य प्रदेश में निकाली जा रही बीजेपी की जन आशीर्वाद यात्रा की सोमवार से शुरूआत हो गई. यात्रा में 3 केन्द्रीय मंत्री जनता आशीर्वाद का आशीर्वाद लेने प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में यात्रा निकालेंगे.सोमवार को केंद्रीय मंत्री और आगरा से सांसद एसपीएस बघेल ने दतिया में पीताम्बरा पीठ के दर्शन करके यात्रा की शुरूआत की. इस यात्रा में बघेल के अलावा केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया 17 अगस्त से और केंद्रीय मंत्री वीरेन्द्र खटीक 19 अगस्त से अपनी यात्रा शुरू करेंगे. राजनीतिक जानकारों का मानना है कि बीजेपी इस यात्रा के जरिए 2022 में होने वाले यूपी विधानसभा, 2023 में मध्यप्रदेश विधानसभा और 2024 के आम चुनावों में जीत की जमीन तैयार कर रही है.
कहां, कितनी और कब होगी यात्रा
- बीजेपी ने मोदी कैबिनेट में शामिल हुए केन्द्रीय मंत्रियों को आशीर्वाद यात्रा निकालने का काम सौंपा है.
- सभी नए मंत्री अलग-अलग क्षेत्रों में आशीर्वाद यात्रा निकालेंगे और कुल 19,567 किलोमीटर से ज्यादा की यात्रा करेंगे.
- इसमें 3 मंत्रियों यूपी के आगरा से सांसद एसपीएस बघेल, टीकमगढ़ से सांसद वीरेन्द्र खटीक और राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया को मध्य प्रदेश में जनता का आशीर्वाद लेने की जिम्मेदारी सौंपी गई है.
- यात्रा के पहले चरण में 16 अगस्त से शुरू हुए एसपीएस बघेल की जन आशीर्वाद यात्रा दतिया में मां पीतांबरा के दर्शन के साथ शुरू हुई. इस दौरान वे पार्टी के नए-पुराने नेताओं. शहीदों और मीसाबंदियों के घर जाएंगे. इसके अलावा यात्रा के दौरान ही मंत्री कई जातियों के कार्यक्रमों में शामिल होंगे. एसपीएस बघेल के यात्रा दतिया- डबरा- ग्वालियर होते हुए मुरैना में खत्म होगी. इस दौरान बघेल कुल 177 किलोमीटर की यात्रा करेंगे जिसमें 13 पड़ाव होंगे.
- 17 अगस्त से केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया मालवा-निमाड़ क्षेत्र में यात्रा पर निकलेंगे. देवास में मां चामुंडा देवी के दर्शन के साथ अपनी यात्रा की शुरुआत करेंगे. उनकी यात्रा देवास-शाजापुर- खंडवा, बुरहानपुर होते हुए 19 अगस्त को इंदौर पहुंचेगी. इस दौरान सिंधिया 584 किलोमीटर की यात्रा करेंगे जिसमें 78 पड़ाव होंगे.
- केन्द्रीय मंत्री वीरेन्द्र खटीक 19 अगस्त को ग्वालियर से अपनी यात्रा की शुरुआत करेंगे. यह यात्रा 589 किलोमीटर की होगी, जिसमें 104 पड़ाव होंगे. 19 अगस्त को टीकाकरण अभियान में शामिल होकर खटीक अपनी आशीर्वाद यात्रा की शुरुआत करेंगे.
'यात्रा' तैयार करेगी जीत की जमीन
2014 और 2019 में लोकसभा चुनाव में मोदी के चेहरे देश में दो बार सरकार बना चुकी बीजेपी इस जन आशीर्वाद यात्रा के जरिए एक बार फिर से अपनी जीत की जमीन तैयार करने में जुट गई है. यात्रा के जरिए न सिर्फ लोकसभा चुनाव बल्कि राज्यों के विधानसभा चुनावों में भी जीत हासिल करने के लिए पार्टी अपनी रणनीति को अंजाम देने में जुट गई है. यात्रा के पहले चरण में पार्टी का फोकस उन राज्यों में जहां 2022 और 2023 में विधानसभा चुनाव होना है. ये राज्य हैं उत्तरप्रदेश और मध्यप्रदेश जो बीजेपी शासित हैं और यहां विधानसभा चुनाव होना है. 2022 में यूपी विधानसभा का चुनाव है. पार्टी एक बार फिर यहां सत्ता में वापसी चाहती है. यही वजह है कि उसने केंद्र में शामिल मध्यप्रदेश और यूपी के बड़े नेताओं को यात्रा में उतारा है. इन नेताओं में एसपीएस बघेल जो यूपी के आगरा से सांसद हैं और उनकी यात्रा का रूट मध्यप्रदेश में जिन जिलों का रखा गया है उनकी सीमा यूपी से भी लगती है. ग्वालियर-दतिया के करीब झांसी, इटावा, जालौन, आगरा की कई विधासभा सीटों पर यात्रा असर डालेगी. मतलब यात्रा एमपी में होगी जिसका असर एमपी और यूपी दोनों में दिखाई देगा. पार्टी की रणनीति यही है जिसके जरिए ओबीसी और पिछड़े वर्ग के नेताओं को यात्रा के लिए आगे किया गया है. इसके जरिए बीजेपी ओबीसी वोट बैंक को पार्टी के साथ जोड़े रखना चाहती है. इसी के चलते बीजेपी ने अपने नए मंत्रियों को जनता का आशीर्वाद लेने भेजने का प्लान तैयार किया है.
यात्रा का उद्देश्य सरकार की योजनाएं जनता तक पहुंचाना
यात्रा के प्रथम चरण की शुरूआत करते हुए केंद्रीय मंत्री बघेल ने मीडिया से कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के अंतिम छोर के व्यक्ति तक केंद्र और राज्य सरकारों की योजनाओं को पहुंचाने के मकसद से यह जन आर्शीवाद यात्रा निकाली जा रही है. इस यात्रा का उद्देश्य हम अंतिम छोर के व्यक्ति तक अंत्योदय औऱ दूसरी तमाम योजनाओं की जानकारी पहुंचाना है. इसलिए जनता के बीच पहुंचने की जिम्मेदारी केंद्रीय मंत्रियों को दी गई है.
वीरेंद्र खटीक, एमपी यूपी और बुन्देलखण्ड में साधेगें समीकरण
मोदी कैबिनेट में मंत्री और मध्यप्रदेश के टीकमगढ़ से 7 बार के सांसद वीरेंद्र खटीक की यात्रा ग्वालियर से भोपाल तक के रूट पर होगी. इस दौरान उनका फोकस यूपी से सटे इलाकों पर होगा. केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र खटीक पिछड़ा वर्ग से आते हैं. वे मध्यप्रदेश में पूर्व मंत्री रहे गौरीशंकर शेजवार के रिश्तेदार भी हैं. गौरीशंकर शेजवार फिलहाल बीजेपी के खिलाफ बागी तेवर अपनाए हुए हैं. खटीक के जरिए बीजेपी मध्यप्रदेश में शेजवार को भी साधने की रणनीति पर काम कर रही है. इसके अलावा वीरेंद्र खटीक का लोकसभा क्षेत्र टीकमगढ़ यूपी के बड़े एरिया बांदा महोबा, हमीरपुर, चित्रकूट, ललितपुर, झांसी , जालौन, ललितपुर की सीमा के पास ही है. इन इलाकों में एससी वर्ग से बड़ी आबादी रहती है. ऐसे में पार्टी यूपी के आसपास के इलाकों से जुड़े नेताओं पर फोकस कर रही है.
मराठा, ओबीसी वोट बैंक को पार्टी के साथ बनाए रखेंगे सिंधिया
ज्योतिरादित्य सिंधिया (Union Minister Jyotiraditya Scindia) अपनी आशीर्वाद यात्रा 17 अगस्त से देवास से शुरू करेंगे. 18 अगस्त को आशीर्वाद यात्रा के दौरान वे खरगोन के रावेरखेड़ी में बाजीराव पेशवा (Peshva Bajirao) की समाधि पर आयोजित कार्यक्रम में शिवराज सिंह चौहान के साथ शामिल होंगे. 19 अगस्त को सिंधिया की आशीर्वाद यात्रा इंदौर पहुंचेगी.
एमपी की 52 फीसदी आबादी पर है फोकस
यात्रा के मार्ग और जिन क्षेत्रों से यात्रा निकाली जाएगी उसे देखते हुए यह साफ कहा जा सकता है कि ओबीसी वोटर्स को बीजेपी के साथ बनाए रखने के इरादे से ही पार्टी हाईकमान ने सिंधिया को आगे किया है. मध्य प्रदेश की 52 फ़ीसदी आबादी पर बीजेपी का सारा फोकस है. सिंधिया की आशीर्वाद यात्रा उन क्षेत्रों से निकलेगी जहां ओबीसी वोट ज्यादा है. बीजेपी इस बात को जानती है कि अगर उसे फिर से सत्ता में वापस आना है तो ओबीसी वोट बैंक की बहुत ज्यादा जरूरत है. सिंधिया ओबीसी हैं और इसी बात को देखते हुए पार्टी ने इसका फायदा उठाना शुरू कर दिया है. उनका चॉकलेटी चेहरा और महाराजा की छवि दोनों ही भीड़ जुटाऊ मानी जाती है. पार्टी का भी यही मानना है कि यह चेहरा जितना ज्यादा मैदान में दिखेगा, इसका जितना ज्यादा उपयोग होगा उसे वोट बैंक का उतना ही ज्यादा फायदा होगा. हाल ही में केंद्र सरकार ने ओबीसी आरक्षण के संबंध में राज्यों को सूची तैयार करने के अधिकार दे दिए हैं. यही वजह है कि पार्टी ने सिंधिया को जनता का आशीर्वाद लेने के लिए मैदान में उतार दिया है. इस जन आशीर्वाद यात्रा का फायदा पार्टी को उन क्षेत्रों में होगा जहां लोकसभा और विधानसभा के उप चुनाव होने हैं.