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साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के चुनाव प्रचार पर बैन पर BJP ने जताई कड़ी आपत्ति

भोपाल लोकसभा सीट पर बीजेपी प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा ठाकुर पर लगाए गए बैन पर भाजपा ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है. बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि प्रज्ञा ठाकुर ने बयान पर माफी मांग ली थी, इसलिए ऐसा करना सही नहीं है. बता दें कि चुनाव आयोग ने साध्वी प्रज्ञा के चुनाव प्रचार पर 3 दिनों तक बैन लगाया है.

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Published : May 2, 2019, 7:45 AM IST

साध्वी प्रज्ञा के चुनाव प्रचार पर 3 दिनों का बैन

भोपाल। साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के चुनाव प्रचार करने पर चुनाव आयोग ने 72 घंटों का बैन लगा दिया है. जिस पर बीजेपी ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है. भाजपा प्रवक्ता राकेश शर्मा ने चुनाव आयोग के फैसले पर कहा कि जिन शब्दों को लेकर साध्वी प्रज्ञा ठाकुर पर बैन लगाया गया है, उस पर उन्होंने माफी मांग ली थी. बता दें कि प्रज्ञा ठाकुर ने बाबरी मस्जिद विध्वंस को लेकर विवादित बयान दिया था. उन्होंने बाबरी मस्जिद गिराने को गर्व की बात बताया था.

बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि एक तरफ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी जानबूझकर गलती कर रहे हैं और सुप्रीम कोर्ट में माफी मांग रहे हैं और फिर बाहर आकर उन्हीं शब्दों का दोबारा उपयोग कर रहे हैं, लेकिन उन पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही. वहीं साध्वी जी ने भावनाओं में बहकर कुछ शब्दों को बोला था, जिस पर चुनाव आयोग ने इतना कठोर कदम उठा लिया. बीजेपी प्रवक्ता राकेश शर्मा ने कहा कि कम से कम निर्वाचन आयोग को इस बात पर विचार करना चाहिए कि पिछले 9 साल तक बिना किसी कारण के साध्वी प्रताड़ित हुई हैं, अगर वह भावनाओं में बहकर कुछ बोल गईं, तो उन्होंने अपनी गलती को भी स्वीकार किया है .

साध्वी प्रज्ञा के चुनाव प्रचार पर 3 दिनों का बैन

बीजेपी प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा ठाकुर पर चुनाव आयोग ने कैंची चला दी है. आयोग ने भोपाल लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार प्रज्ञा पर अगले 72 घंण्टों के लिए चुनाव प्रचार नहीं करने पर रोक लगा दी है. भारत निवार्चन आयोग ने प्रज्ञा ठाकुर के उस बयान को लेकर प्रतिबंध लगाया है जिसमें वह बाबरी मस्जिद तोड़ जाने की बात को साझा कर रही है.

भोपाल। साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के चुनाव प्रचार करने पर चुनाव आयोग ने 72 घंटों का बैन लगा दिया है. जिस पर बीजेपी ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है. भाजपा प्रवक्ता राकेश शर्मा ने चुनाव आयोग के फैसले पर कहा कि जिन शब्दों को लेकर साध्वी प्रज्ञा ठाकुर पर बैन लगाया गया है, उस पर उन्होंने माफी मांग ली थी. बता दें कि प्रज्ञा ठाकुर ने बाबरी मस्जिद विध्वंस को लेकर विवादित बयान दिया था. उन्होंने बाबरी मस्जिद गिराने को गर्व की बात बताया था.

बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि एक तरफ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी जानबूझकर गलती कर रहे हैं और सुप्रीम कोर्ट में माफी मांग रहे हैं और फिर बाहर आकर उन्हीं शब्दों का दोबारा उपयोग कर रहे हैं, लेकिन उन पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही. वहीं साध्वी जी ने भावनाओं में बहकर कुछ शब्दों को बोला था, जिस पर चुनाव आयोग ने इतना कठोर कदम उठा लिया. बीजेपी प्रवक्ता राकेश शर्मा ने कहा कि कम से कम निर्वाचन आयोग को इस बात पर विचार करना चाहिए कि पिछले 9 साल तक बिना किसी कारण के साध्वी प्रताड़ित हुई हैं, अगर वह भावनाओं में बहकर कुछ बोल गईं, तो उन्होंने अपनी गलती को भी स्वीकार किया है .

साध्वी प्रज्ञा के चुनाव प्रचार पर 3 दिनों का बैन

बीजेपी प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा ठाकुर पर चुनाव आयोग ने कैंची चला दी है. आयोग ने भोपाल लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार प्रज्ञा पर अगले 72 घंण्टों के लिए चुनाव प्रचार नहीं करने पर रोक लगा दी है. भारत निवार्चन आयोग ने प्रज्ञा ठाकुर के उस बयान को लेकर प्रतिबंध लगाया है जिसमें वह बाबरी मस्जिद तोड़ जाने की बात को साझा कर रही है.

Intro:साध्वी प्रज्ञा ठाकुर पर चुनाव आयोग के द्वारा उठाया गया कदम बेहद कठोर = भाजपा


भोपाल देश में हो रहे लोकसभा निर्वाचन 2019 मैं चुनाव आयोग का सख्त रवैया देखने को मिलने लगा है लगातार कई बड़े नेताओं को चुनाव आयोग के द्वारा प्रतिबंधित किया जा रहा है हर तरह के रैली और भाषणों में चुनाव आयोग की पैनी नजर है वहीं निर्वाचन आयोग के द्वारा भी लगातार शिकायतों पर कार्यवाही की जा रही है चुनाव आयोग ने एक बड़ा निर्णय लेते हुए भोपाल लोकसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा ठाकुर पर 72 घंटे के लिए प्रतिबंध लगा दिया है यह अवधि गुरुवार सुबह 6:00 बजे से शुरू हो जाएगी इस दौरान वे आम सभा रोड शो जुलूस साक्षात्कार और मीडिया से बयान बाजी नहीं कर सकेंगी प्रज्ञा ठाकुर पर यह कार्यवाही शहीद हेमंत करकारे और बाबरी मस्जिद गिराने को दिए गए बयान पर की गई है साथ ही उन्हें चेतावनी भी दी गई है कि भविष्य में इस तरह के बयान का दोहराव ना हो .


लोकसभा चुनाव के दौरान निर्वाचन आयोग ने मध्य प्रदेश में किसी प्रत्याशी के खिलाफ यह पहली कड़ी कार्यवाही की है वहीं चुनाव आयोग ने मुख्यमंत्री कमलनाथ के 14 अप्रैल को खंडवा जिले के हरसूद में दिए गए बयान को आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन नहीं माना है जबकि 3 अप्रैल को मंत्री पी सी शर्मा के भोपाल में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधन के दौरान दिए बयान
बूथ जिताओ नौकरी पाओ के मामले में एफ आई आर के बाद किसी अन्य एक्शन की आवश्यकता नहीं जताई है .


Body:हालांकि सेना पर दिए गए बयान के मामले में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को नोटिस दिया गया है जबकि इंदौर में खजराना गणेश को खोले के रूप में पार्टी का झंडा चढ़ाने पर भाजपा प्रत्याशी शंकर लालवानी से भी जवाब मांगा गया है आदर्श आचार संहिता उल्लंघन के मामले में कलेक्टर लोकेश कुमार जाटव ने दोनों को नोटिस जारी किया है .


बता दें कि साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने 18 अप्रैल को राजधानी भोपाल में मुंबई में आतंकी हमले में शहीद एटीएस चीफ हेमंत करकरे को लेकर अपमानजनक बात कही थी इसके बाद उन्होंने 20 अप्रैल को बाबरी मस्जिद ढांचा गिराने को लेकर भी मीडिया में बयान दिया था जिला निर्वाचन अधिकारी भोपाल ने उन्हें नोटिस देकर जवाब मांगा था जिसका जवाब 21 अप्रैल को उन्होंने दिया था .


कुछ इसी तरह से साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने बाबरी मस्जिद गिराए जाने को लेकर भी कहा था कि मैंने किसी जाति धर्म समुदाय भाषा के माध्यम से उन्माद या धार्मिक भावनाओं को आहत करने या ठेस पहुंचाने के उद्देश्य बयान नहीं दिया बयान मेरी स्वयं की अंतरात्मा की आवाज को व्यक्त करता है इसके बाद निर्वाचन अधिकारी ने भोपाल में साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के खिलाफ आईपीसी की धारा 188 के तहत मामला दर्ज किया था .



आज चुनाव आयोग के सचिव बीएस जोशी ने अपने आदेश में कहा है कि बिना किसी पूर्वाग्रह के साध्वी प्रज्ञा से जुड़े सभी तथ्यों को देखा गया है इसमें पाया गया है कि उनके बयान उकसाने और धार्मिक उन्माद को बढ़ाने वाले रहे हैं मीडिया में होने की वजह से यह सिर्फ भोपाल संसदीय क्षेत्र तक सीमित नहीं रहे बयानों से आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन होता है इसलिए चेतावनी दी जाती है कि इस तरह के बयान का भविष्य में दोहराव ना हो साथ ही 72 घंटे तक पब्लिक मीटिंग रैली रोड शो जुलूस साक्षात्कार और मीडिया के किसी भी माध्यम के जरिए बयान पर प्रतिबंध रहेगा .


हालांकि यह आदेश आने के बाद कांग्रेस ने तो इस निर्णय का स्वागत किया है तो वहीं साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के सामने कांग्रेस के प्रत्याशी दिग्विजय सिंह ने भी सोशल मीडिया के माध्यम से अपनी बात रख दी है उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा है कि भाजपा सांप्रदायिक विद्वेष की राजनीति करने वालों तथा आतंकवाद के आरोपितो को जब उम्मीदवार बन आएगी तब ऐसा होना स्वाभाविक है आदर्श लोकतांत्रिक मूल्यों की स्थापना व संरक्षण के लिए इस तरह के प्रत्याशियों का नामांकन रद्द करना श्रेयस्कर होगा .



आइए आपको बताते हैं कि साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने कौन कौन सी तारीख को अपने विवादित बयान दिए हैं .


18 अप्रैल भोपाल के गांधीनगर में कार्यकर्ता सम्मेलन के दौरान साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने कहा था कि मैं हेमंत करकारे से बोली थी कि तेरा सर्वनाश होगा और सवा माह बाद उसे आतंकियों ने मार दिया उस दिन सूतक का अंत हो गया .

19 अप्रैल को जब शहीद हेमंत करकारे के बयान को लेकर बवाल मचा तो उन्होंने सफाई दी और कहा कि यह मामला मेरी पीड़ा से जुड़ा हुआ है मेरे बयान से दुश्मनों को बल मिलता हो तो मैं यह बयान वापस लेती हूं और माफी मांगती हूं .

20 अप्रैल भोपाल के अपने स्वयं के निवास पर अयोध्या में विवादित ढांचा गिराए जाने को लेकर विशेष बातचीत में उन्होंने विवादित बयान दिया था उस दौरान उन्होंने कहा था कि विवादित ढांचे को मैं तोड़ने गई थी ढांचे पर चढ़कर उसे थोड़ा ढांचा तोड़ने का मुझे भयंकर गर्व है ईश्वर ने मुझे अवसर और शक्ति दी थी इसलिए मैंने यह काम किया मैंने देश का कलंक मिटाया था .







Conclusion:अब इस मामले पर बीजेपी ने साध्वी प्रज्ञा ठाकुर का पक्ष लेते हुए कहा है कि चुनाव आयोग के द्वारा जो कार्रवाई की गई है वह बेहद कठोर है .


बीजेपी प्रवक्ता राकेश शर्मा का कहना है कि जिन शब्दों को लेकर साध्वी प्रज्ञा ठाकुर पर बैन लगाया गया है कहीं ना कहीं उन्होंने इस बात को तुरंत ही स्वीकार कर लिया था और उन्होंने अपने शब्दों को वापस भी लिया था उन्होंने इस मामले पर माफी भी मांग ली थी लेकिन जिस तरह से चुनाव आयोग के द्वारा यह कदम उठाया गया है या काफी कठोर कदम है .


बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि एक तरफ कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी जानबूझकर गलती कर रहे हैं और सुप्रीम कोर्ट में माफी मांग रहे हैं और फिर बाहर आकर उन्ही शब्दों का दोबारा उपयोग कर रहे हैं यदि एक साध्वी ने भावनाओं में बहकर कुछ शब्दों को बोला था लेकिन चुनाव आयोग को इतना कठोर कदम नहीं उठाना चाहिए था कम से कम निर्वाचन आयोग को इस बात पर विचार करना चाहिए कि पिछले 9 वर्ष तक बिना किसी कारण के जो साध्वी प्रताड़ित हुई है अगर वह भावनाओं में बहकर कोई शब्द निकल गए हैं तो उन्होंने अपनी गलती को भी स्वीकार किया है .


माना जा रहा है कि भारतीय जनता पार्टी इस मामले को लेकर अपील कर सकती है जिसे लेकर देर रात राजधानी के बीजेपी कार्यालय में बैठक भी हुई है वरिष्ठ नेताओं के द्वारा इस मामले पर मंथन किया जा रहा है कि आगे क्या किया जाए फिलहाल अपील की जाएगी या नहीं इसे लेकर भारतीय जनता पार्टी ने अभी फिलहाल मौन साध रखा है .
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