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EOW जांच की जद में आ सकते हैं संघ विचारक और बीजेपी सांसद राकेश सिन्हा, जानें क्या है मामला

माखनलाल यूनिवर्सिटी फर्जी नियुक्ति और आर्थिक अनियमितता के मामले में EOW बीजेपी नेता राकेश सिन्हा पर शिकंजा कस सकता है. आरोप है कि बिना पत्रकारिता की योग्यता के राकेश सिन्हा को पत्रकारिता से संबंधित कार्य दिया गया.

EOW जांच की जद में आ सकते हैं संघ विचारक
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Published : Apr 15, 2019, 7:29 PM IST

भोपाल। माखनलाल यूनिवर्सिटी फर्जी नियुक्ति और आर्थिक अनियमितता के मामले में EOW राज्यसभा सांसद और संघ विचारक राकेश सिन्हा पर शिकंजा कस सकता है. बिना योग्यता के प्रोफेसर बनाए जाने और वेतन देने की गंभीर अनियमितता सामने आने के बाद उसके खिलाफ भी मामला दर्ज किया जा सकता है.

EOW जांच की जद में आ सकते हैं संघ विचारक

बताया जा रहा है कि राकेश सिन्हा राजनीति शास्त्र के प्रोफेसर रहे हैं और उन्हें पत्रकारिता का प्रोफेसर बनाने का आरोप है. आरोप ये भी है कि तत्कालीन कुलपति बीके कुठियाला ने राकेश सिन्हा को विश्वविद्यालय में एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर रखा था और उन्हें अध्यन कार्य में भी छूट दी गई थी. हैरानी की बात ये है कि राकेश सिन्हा राजनीति शास्त्र के शिक्षक थे और उन्हें पत्रकारिता से संबंधित कार्य दिया गया था, जबकि यूनिवर्सिटी में राजनीति विज्ञान के प्रोफेसरों के लिए कोई पद ही नहीं है.

इस मामले को लेकर ईओडब्ल्यू केडीजी केएन तिवारी ने कहा कि माखनलाल यूनिवर्सिटी मामले में मुकदमा दर्ज करने के बाद अब सभी की भूमिका की बारीकी से जांच की जा रही है. दस्तावेजों को भी सीज करने का काम किया जाएगा. इस दौरान संबंधित व्यक्ति के खिलाफ कोई दस्तावेज मिलते हैं और उन्हें दोषी पाया जाता है तो स्वभाविक रूप से सख्त कार्रवाई की जाएगी.

भोपाल। माखनलाल यूनिवर्सिटी फर्जी नियुक्ति और आर्थिक अनियमितता के मामले में EOW राज्यसभा सांसद और संघ विचारक राकेश सिन्हा पर शिकंजा कस सकता है. बिना योग्यता के प्रोफेसर बनाए जाने और वेतन देने की गंभीर अनियमितता सामने आने के बाद उसके खिलाफ भी मामला दर्ज किया जा सकता है.

EOW जांच की जद में आ सकते हैं संघ विचारक

बताया जा रहा है कि राकेश सिन्हा राजनीति शास्त्र के प्रोफेसर रहे हैं और उन्हें पत्रकारिता का प्रोफेसर बनाने का आरोप है. आरोप ये भी है कि तत्कालीन कुलपति बीके कुठियाला ने राकेश सिन्हा को विश्वविद्यालय में एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर रखा था और उन्हें अध्यन कार्य में भी छूट दी गई थी. हैरानी की बात ये है कि राकेश सिन्हा राजनीति शास्त्र के शिक्षक थे और उन्हें पत्रकारिता से संबंधित कार्य दिया गया था, जबकि यूनिवर्सिटी में राजनीति विज्ञान के प्रोफेसरों के लिए कोई पद ही नहीं है.

इस मामले को लेकर ईओडब्ल्यू केडीजी केएन तिवारी ने कहा कि माखनलाल यूनिवर्सिटी मामले में मुकदमा दर्ज करने के बाद अब सभी की भूमिका की बारीकी से जांच की जा रही है. दस्तावेजों को भी सीज करने का काम किया जाएगा. इस दौरान संबंधित व्यक्ति के खिलाफ कोई दस्तावेज मिलते हैं और उन्हें दोषी पाया जाता है तो स्वभाविक रूप से सख्त कार्रवाई की जाएगी.

Intro:भोपाल- माखनलाल यूनिवर्सिटी फर्जी नियुक्ति और आर्थिक अनियमित्ताओं के मामले में ईओडब्ल्यू कुछ और लोगों के खिलाफ भी जल्द ही एफ आई आर दर्ज कर सकता है बताया जा रहा है कि राज्यसभा सांसद और संघ विचारक राकेश सिंहा पर भी ईओडब्ल्यू का शिकंजा कस सकता है बिना योग्यता के प्रोफेसर बनने और राकेश सिन्हा को वेतन देना में अनियमितताएं सामने आई है यह भी बताया जा रहा है कि राकेश सिन्हा राजनीति शास्त्र के प्रोफेसर रहे हैं और उन्हें पत्रकारिता का प्रोफेसर बनाने का आरोप है तत्कालीन कुलपति बीके कुठियाला ने राकेश सिन्हा को विश्वविद्यालय में एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर रखा था और उन्हें अध्ययन कार्य से भी छूट दी गई थी राकेश सिन्हा राजनीति शास्त्र के शिक्षक थे और उन्हें पत्रकारिता से संबंधित कार्य दिया गया था जबकि विश्वविद्यालय में राजनीति विज्ञान के प्रोफेसरों के लिए कोई भी पद नहीं है।


Body:इस मामले को लेकर ईओडब्ल्यू केडीजी केएन तिवारी ने कहा कि माखनलाल यूनिवर्सिटी मामले में मुकदमा दर्ज करने के बाद अब सभी की भूमिका की बारीकी से जांच की जा रही है दस्तावेजों को भी सीज करने का काम किया जाएगा इस दौरान संबंधित व्यक्ति के खिलाफ कोई दस्तावेज मिलते हैं और उन्हें दोषी पाया जाता है तो स्वभाविक रूप से सख्त कार्रवाई की जाएगी।

बाइट- केएन तिवारी, डीजी, ईओडब्ल्यू।


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