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बीजेपी सांसद और विधायक में जुबानी जंग, कांग्रेस ने बताया 'जूता चलाने वाली पार्टी'

बीजेपी के हाथों में एक बार फिर देश की कमान है. लेकिन पार्टी की अंतर कलह भी सामने आ रही है. बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी और चौथी बार सांसद चुने गए गणेश सिंह के बीच जमकर जुबानी जंग चल रही है.

बीजेपी सांसद और विधायक में जुबानी जंग
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Published : Jun 4, 2019, 11:24 PM IST

भोपाल| लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने भले ही बड़ी भारी जीत हासिल की है. लेकिन इसके बावजूद बीजेपी नेताओं में मनमुटाव देखने मिल रहा है. ताजा मामला सतना का है जहां के बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी और चौथी बार सांसद चुने गए गणेश सिंह के बीच जमकर जुबानी जंग चल रही है. गणेश सिंह का मानना है कि चुनाव के दौरान नारायण त्रिपाठी ने उनके खिलाफ काम किया है. ऐसे में चुनाव के बाद जब गणेश सिंह अपने क्षेत्र में पहुंचे तो एक कार्यक्रम में उन्होंने विधायक की मौजूदगी में कहा कि ऐसे लोग जिन्होंने मेरे खिलाफ काम किया है, मैं चाहता हूं कि वो मुझसे दूर रहें. सांसद के इस बयान के बाद विधायक का कहना है कि सांसद अपना मानसिक संतुलन खो चुके हैं, उन्हें याद रखना चाहिए 2014 में चुनाव जीते थे.

बीजेपी सांसद और विधायक में जुबानी जंग

इस विवाद में बीजेपी की जीत के बाद पार्टी की अंतर कलह भी सामने आ रही है. अब तक ये माना जा रहा था कि अल्पमत के कारण कांग्रेस की सरकार संकट में हैं. लेकिन भाजपा के विधायक की नाराजगी से लग रहा है कि ये हालात कांग्रेस के लिए काफी मुफीद हो सकते हैं. क्योंकि नारायण त्रिपाठी कभी सपा, कभी कांग्रेस और अब बीजेपी में विधायक हैं. अगर नारायण त्रिपाठी की नाराजगी कायम रहती है, तो कोई बड़ी बात नहीं है कि वो भाजपा से नाता तोड़ लेंगे. हालांकि नारायण त्रिपाठी ने इस मामले की शिकायत पार्टी आलाकमान से की है. अब देखना ये होगा कि इस लड़ाई का हल बीजेपी किस तरह से करती है. लेकिन इस विवाद के बीच सत्ताधारी कांग्रेस बीजेपी को जूता चलाने वाली पार्टी बताने का मौका नहीं चूक रही है.

इस मामले में मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता दुर्गेश शर्मा का कहना है कि ये बीजेपी का चरित्र है, जिसे पूरे देश में पहले भी कई बार देखा गया है. जिस तरह से उत्तर प्रदेश में भाजपा के विधायक और सांसद के बीच जूते चले थे और एक-दूसरे पर वार किए थे. वो तस्वीर अब मध्य प्रदेश में देखने को मिल रही है. आने वाला समय देखिएगा कि भाजपा का हर स्तर का कार्यकर्ता और नेता आपस में उसी भाषा और शैली में बात करेगा, जो उसके चरित्र में हैं.

भोपाल| लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने भले ही बड़ी भारी जीत हासिल की है. लेकिन इसके बावजूद बीजेपी नेताओं में मनमुटाव देखने मिल रहा है. ताजा मामला सतना का है जहां के बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी और चौथी बार सांसद चुने गए गणेश सिंह के बीच जमकर जुबानी जंग चल रही है. गणेश सिंह का मानना है कि चुनाव के दौरान नारायण त्रिपाठी ने उनके खिलाफ काम किया है. ऐसे में चुनाव के बाद जब गणेश सिंह अपने क्षेत्र में पहुंचे तो एक कार्यक्रम में उन्होंने विधायक की मौजूदगी में कहा कि ऐसे लोग जिन्होंने मेरे खिलाफ काम किया है, मैं चाहता हूं कि वो मुझसे दूर रहें. सांसद के इस बयान के बाद विधायक का कहना है कि सांसद अपना मानसिक संतुलन खो चुके हैं, उन्हें याद रखना चाहिए 2014 में चुनाव जीते थे.

बीजेपी सांसद और विधायक में जुबानी जंग

इस विवाद में बीजेपी की जीत के बाद पार्टी की अंतर कलह भी सामने आ रही है. अब तक ये माना जा रहा था कि अल्पमत के कारण कांग्रेस की सरकार संकट में हैं. लेकिन भाजपा के विधायक की नाराजगी से लग रहा है कि ये हालात कांग्रेस के लिए काफी मुफीद हो सकते हैं. क्योंकि नारायण त्रिपाठी कभी सपा, कभी कांग्रेस और अब बीजेपी में विधायक हैं. अगर नारायण त्रिपाठी की नाराजगी कायम रहती है, तो कोई बड़ी बात नहीं है कि वो भाजपा से नाता तोड़ लेंगे. हालांकि नारायण त्रिपाठी ने इस मामले की शिकायत पार्टी आलाकमान से की है. अब देखना ये होगा कि इस लड़ाई का हल बीजेपी किस तरह से करती है. लेकिन इस विवाद के बीच सत्ताधारी कांग्रेस बीजेपी को जूता चलाने वाली पार्टी बताने का मौका नहीं चूक रही है.

इस मामले में मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता दुर्गेश शर्मा का कहना है कि ये बीजेपी का चरित्र है, जिसे पूरे देश में पहले भी कई बार देखा गया है. जिस तरह से उत्तर प्रदेश में भाजपा के विधायक और सांसद के बीच जूते चले थे और एक-दूसरे पर वार किए थे. वो तस्वीर अब मध्य प्रदेश में देखने को मिल रही है. आने वाला समय देखिएगा कि भाजपा का हर स्तर का कार्यकर्ता और नेता आपस में उसी भाषा और शैली में बात करेगा, जो उसके चरित्र में हैं.

Intro:भोपाल लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने भले ही बड़ी भारी जीत हासिल की है।लेकिन इसके बावजूद बीजेपी नेताओं में जमकर मनमुटाव देखने मिल रहा है। ताजा मामला सतना का है, जहां के बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी और चौथी बार सांसद चुने गए गणेश सिंह के बीच जमकर जुबानी जंग चल रही है। दरअसल गणेश सिंह का मानना है कि चुनाव के दौरान कांग्रेस की तरफ से नारायण त्रिपाठी के सजातीय प्रत्याशी होने के कारण नारायण त्रिपाठी ने उनके खिलाफ काम किया है। ऐसे में चुनाव के बाद जब वो अपने क्षेत्र में पहुंचे तो एक कार्यक्रम में उन्होंने विधायक की मौजूदगी में कहा कि ऐसे लोग जिन्होंने मेरे खिलाफ काम किया है, मैं चाहता हूं कि वह मुझसे दूर रहें। सांसद के इस बयान के बाद विधायक ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। विधायक का कहना है कि सांसद अपना मानसिक संतुलन खो चुके हैं, उन्हें याद रखना चाहिए 2014 में चुनाव जीते थे।


Body:इस विवाद में भाजपा की भारी जीत के बाद भाजपा का अंतर कलह भी सामने ला दिया है। अब तक यह माना जा रहा था कि अल्पमत के कारण कांग्रेस की सरकार संकट में हैं। लेकिन भाजपा के विधायक की नाराजगी से लग रहा है कि यह हालात कांग्रेस के लिए काफी मुफीद हो सकते हैं। क्योंकि नारायण त्रिपाठी कभी सपा, कभी कांग्रेस और अब बीजेपी में विधायक हैं। अगर नारायण त्रिपाठी की नाराजगी कायम रहती है,तो कोई बड़ी बात नहीं है कि वह है भाजपा से नाता तोड़ ले। ऐसे हालात कांग्रेस के लिए बीजेपी को कमजोर करने के लिए मुफीद मौका दे रहे हैं। हालांकि नारायण त्रिपाठी ने इस मामले की शिकायत पार्टी आलाकमान से की है। अब देखना यह होगा कि इस लड़ाई का हल बीजेपी किस तरह से करती है। लेकिन इस विवाद के बीच सत्ताधारी दल कांग्रेस बीजेपी को जूता चलाने वाली पार्टी बताने का मौका नहीं चूक रही है।


Conclusion:इस मामले में मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता दुर्गेश शर्मा का कहना है कि यह भाजपा का चरित्र है, जिसे पूरे देश में पहले भी कई बार देखा है। जिस तरह से उत्तर प्रदेश में भाजपा के विधायक और सांसद के बीच जूते चले थे और एक-दूसरे पर वार किए थे। वह परिणीति अब मध्य प्रदेश में देखने को मिल रही है। आने वाला समय देखिएगा कि भाजपा का हर स्तर का कार्यकर्ता और नेता आपस में उसी भाषा और शैली में बात करेगा, जो उसके चरित्र में हैं। वही चरित्र आज सतना में उनके सांसद और विधायक में देखने मिल रहा है।
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