भोपाल। चुनावी साल में शिवराज सरकार अपने मंत्रियों के कामकाज,वादों और घोषणाओं का फॉलोअप चैक कराने जा रही है, कैपेसिटी बिल्डिंग की कार्यशाला के बाद अब मंत्रियों के प्रभार के जिलों और अन्य दौरों में उनके कार्यक्रमों और सरकार की योजनाओं की अपडेट रखने और जानने के लिए उनके साथ एक-एक रिसर्चर लगाये जायेंगे. इसमें मंत्रियों को यह भी ध्यान रखना है कि अगर किसी एक विभाग ने दूसरे विभाग को चिट्ठी लिखी है, तो उसके निराकरण और क्रियान्वयन के लिए उसका फॉलोअप हर हाल में होना चाहिए.
कैपेसिटी बिल्डिंग के साथ अधिकारियों और मंत्रियों के बीच संवाद को पुख्ता बनाने की कोशिश: मंत्रियों की कैपेसिटी बिल्डिंग में उनके मेल मुलाकात और एक्टिविटी पर फोकस करने के साथ ही सरकार यह भी ध्यान रखेगी कि वरिष्ठ अधिकारियों के समूह और मंत्री समूह बैठक एवं संवाद कर व्यवस्था को पुख्ता बनाएं. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चाहते हैं कि मंत्रियों के साथ एक-एक रिसर्चर रहे जिससे आंकड़ों और कार्यक्रमों की वर्तमान स्थिति की जानकारी इकट्ठी कर उनका उपयोग किया जा सके. (MP Assembly Elections 2023 )
हर जिले में होगा सीएम फैलो: इस क्रम में अब प्रत्येक जिले में एक-एक सीएम फैलो सम्बद्ध किया जाएगा जो जिले के प्रभारी मंत्री को भी आवश्यक सहयोग प्रदान करेगा. अति सफल क्रियान्वयन वाली योजनाओं की केस स्टडी का कार्य भी किया जाएगा. इससे अन्य प्रांतों तक मध्य प्रदेश के श्रेष्ठ कार्यों का संदेश पहुंच सकेगा. भौतिक अधोसंरचना, सुशासन, स्वास्थ्य, शिक्षा और अर्थ-व्यवस्था एवं रोजगार संबंधी चार स्थायी मंत्री समूह बेहतर परिणामों और विकास कार्यों की गति बढ़ाने की दिशा में निरंतर कार्य करेंगे. केंद्र सरकार की मंशा के मुताबिक मंत्रियों में मिशन कर्मयोगी की भावना बढ़ाना है. मिशन कर्मयोगी योजना कार्यों की रफ्तार बढ़ाने के उद्देश्य को भी पूरा करेगी.(MP Government to appoint researcher with minsters )
अटल बिहारी सुशासन संस्थान करेगा रिसर्चर तैयार: अटल बिहारी सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान योजनाओं का प्रभावी आंकल करने का काम करता है, साथ ही विभागों की नीति बनाने का भी काम करता है. पंचायत और स्वास्थ्य जैसे अन्य विभागों की नीति बनाने का काम भी संस्थान कर चुका है, अब ये संस्थान अच्छे और निपुण रिसर्चर की टीम मंत्रियों के साथ लगाएगा, इस टीम में चयनित लोग IIM ,IIT और अन्य प्रतिष्ठित संस्थाओं से निकले हुए रहेंगे.
कांग्रेस बोली प्रदेश सरकार के मंत्रियों की जासूसी करा रहें है मुख्यमंत्री : सीएम शिवराज चाहते हैं कि उनके मंत्री कर्मयोगी बनें और ये कवायद आने वाले चुनावों को देखते हुए की जा रही है. माना जा रहा है कि इसके जरिए सीएम को मंत्रियों की पूरी रिपोर्ट मिलेगी और साथ ही मंत्री भी अपने दिए गए टास्क को लेकर अलर्ट मोड पर रहेंगे. हालांकि, कांग्रेस सरकार के इस प्लान को सोची समझी रणनीति बता रही है. कमलनाथ सरकार में मंत्री रहे पीसी शर्मा का कहना है कि " सीएम शिवराज सिंह इस तरह हर मंत्री पर नजर रखेंगे और इस तरह वे मंत्रियों की जासूसी कराके उन पर दवाब बनाएंगे. सरकार इसके जरिए करोड़ों रुपए बहाकर उनके लोगों को उपकृत करने का काम कर रही है."
शिवराज सरकार के मंत्रियों ने बताई अच्छी पहल: वहीं इस नए प्लान को लेकर मंत्री भी खासे उत्साहित नजर आ रहे हैं. मंत्री अरविंद भदौरिया का कहना है कि "इस प्लानिंग से मंत्री अपडेट रहेंगे, मंत्रियों और उनके स्टाफ पर काम बहुत है, रिसर्चर मिलने से काफी कुछ सुधर जायेगा और हम भी अपडेट होते रहेंगे".