भोपाल। ग्वालियर-अंचल की 16 विधानसभा सीटों सहित प्रदेश की 27 सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर राजनीतिक जोड़-तोड़ और गठजोड़ तेज हो गई है. कुछ दिन पहले भाजपा ने अंचल के कद्दावर नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक कांग्रेसियों को ग्वालियर में भाजपा की सदस्यता दिलाई थी. अब कांग्रेस ने बीजेपी को बड़ा झटका दिया है. ग्वालियर-चंबल के बड़े नेता सतीश सिकरवार बीजेपी छोड़ कमलनाथ की मौजूदगी में कांग्रेस में शामिल हो गए हैं. उनके साथ बीजेपी के पांच पार्षद और सैकड़ों समर्थक भी कांग्रेस में शामिल हुए हैं.
बिना नाम लिए सिंधिया पर साधा निशाना
कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण करने के बाद ईटीवी भारत से बात करते हुए सतीश सिकरवार ने कहा कि सामंतवादी शक्तियों के खिलाफ वो लगातार बीजेपी में रहकर लड़ाई लड़ रहे थे, लेकिन अब वही लोग बीजेपी में शामिल हो गए हैं. इसलिए उन्होंने कांग्रेस की विचारधारा को अपनाया है. विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार बनने के सवाल पर उन्होंने कहा कि पार्टी जो फैसला लेगी, उसे वे स्वीकार करेंगे. वे बिना शर्त के कांग्रेस में शामिल हुए हैं. कांग्रेस को आने वाले उपचुनाव में जीत दिलाएंगे.
पूर्व विरोधी से फिर हो सकता है मुकाबला
2018 में ग्वालियर पूर्व से सतीश सिकरवार बीजेपी के उम्मीदवार थे. कांग्रेस के उम्मीदवार रहे मुन्नालाल गोयल से करीब 17 हजार वोटों से चुनाव हार गए थे. अब मुन्नालाल गोयल बीजेपी में हैं और ये माना जा रहा है कि ग्वालियर पूर्व से आने वाले उपचुनाव में मुन्नालाल गोयल ही बीजेपी के प्रत्याशी होंगे और इसी बात से नाराज होकर सतीश सिकरवार ने आज कांग्रेस का दामन थाम लिया है.
बीजेपी से रहा गहरा नाता
गौरतलब है कि सिकरवार की पारिवारिक पृष्ठभूमि भाजपा की रही है. उनके पिता गजराज सिंह और भाई सत्यपाल सिंह सिकरवार भाजपा से विधायक रह चुके हैं. ऐसे में उनका कांग्रेस में शामिल होना बीजेपी के लिए भारी नुकसानदायक साबित हो सकता है. इसके अलावा कहीं ना कहीं बीजेपी के सीनियर नेताओं की नाराजगी की बात को भी बल मिलने लगा है.