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उपचुनाव में बीजेपी को भीतरघात का डर! मंत्रियों को सौंपी जिम्मेदारी, चुनाव हारने पर होगा एक्शन - bhopal

मध्य प्रदेश में एक लोकसभा और 3 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है. इस बीच बीजेपी को इन सीटों पर भीतरघात का डर सता रहा है. टिकट कटने से नाराज कई बड़े नेता चुनावी समय में पार्टी से दूरी बनाए हुए हैं.

bjp fear of bitrate in by election held in mp
उपचुनाव में बीजेपी को भीतरघात का डर
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Published : Oct 16, 2021, 5:42 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश में 3 विधानसभा सीटों और एक लोकसभा सीट पर हो रहे उपचुनावों को लेकर अब बीजेपी को भीतरघात का डर सता रहा है. टिकट नहीं मिलने से दावेदारों की नाराजगी पार्टी को उपचुनाव में भारी न पड़ जाए इसलिए बीजेपी बागियों को मनाने के लिए मंत्रियों को विशेष जिम्मेदारी भी सौंपी है. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और सीएम शिवराज सिंह चौहान लगातार चुनाव प्रचार में जुटे हैं, साथ ही लगातार बैठकों का दौर भी जारी है.

बीजेपी ने मंत्रियों को सौंपी सीटों की जिम्मेदारी

टिकट नहीं मिलने से कई नेता नाराज

बीजेपी के सामने सबसे बड़ी चुनौती टिकट न मिलने से नाराज हुए नेता हैं. खबर है कि बीजेपी के केन्द्रीय हाईकमान के फैसले के सामने प्रदेश नेतृत्व की पसंद को दरकिनार किया गया. इसका असर यह हुआ कि बीजेपी का प्रदेश नेतृत्व जिन्हें टिकट दिलवाने का वादा कर चुका था उन्हें निराश होना पड़ा. अब पार्टी के प्रदेश नेतृत्व को इन्हीं के भितरघात का डर सता रहा है. बीजेपी को चारों की सीटों पर बड़े नेताओं के बागी होने का डर है.

केन्द्रीय नेतृत्व के सामने प्रदेश के नेताओं की नहीं चली

उपचुनाव वाली चारों सीटों पर बीजेपी में टिकट को लेकर काफी खींचतान देखी गई थी. टिकट के दावेदार माने जा रहे कई नेताओं के टिकट आखिरी समय में कट गए. इसके पीछे का कारण बीजेपी केन्द्रीय नेतृत्व का फैसला है. खबर है कि सीएम शिवराज खंडवा से दिवंगत सांसद नंदकुमार सिंह चौहान के बेटे हर्ष चौहान को टिकट दिलवाना चाहते थे, लेकिन पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने ज्ञानेश्वर पाटिल को टिकट दे दिया.

बीजेपी का 'विजय संकल्प', कांग्रेस का 'पोल खोल अभियान', सत्ता के 'सेमीफाइनल' में बराबरी की टक्कर

चारों सीटों पर बीजेपी को भीतरघात का खतरा

रैगांव में सीएम शिवराज सिंह चौहान दिवंगत विधायक जुगल किशोर बागरी के पुत्र या फिर उनके परिवार के किसी सदस्य को टिकट देने के पक्ष में थे, लेकिन पार्टी के केन्द्रीय नेतृत्व ने यहां भी उनकी राय को दरकिनार करते हुए प्रतिमा बागरी को टिकट दिया. पृथ्वीपुर में सपा से आए शिशुपाल यादव को टिकट देने में भी पार्टी में एक राय नहीं देखी गई थी. वहीं जोबट में कांग्रेस से आई बीजेपी में आई सुलोचना रावत को टिकट देने के बाद स्थानीय स्तर पर विरोध देखा गया.

मंत्रियों को सौंपी जिम्मेदारी, गड़बड़ी होगी तो होगा एक्शन

अब बीजेपी को बागी हुए इन्हीं नेताओं के भीतरघात का डर सता रहा है. इसलिए बीजेपी ने मंत्रियों को बागियों को मनाने की जिम्मेदारी सौंप रखी है. खबर है कि बीजेपी ने अपने मंत्रियों को साफ निर्देश दिए हैं कि चुनावी नतीजों के हिसाब से उनकी परफॉर्मेंस रिपोर्ट तैयार होगी. सीएम ने पार्टी के बैठक में कहा है कि 'यदि किसी क्षेत्र में बीजेपी हारती है, तो उसकी जिम्मेदारी प्रभारी मंत्री की होगी. संगठन के पदाधिकारी भी उतने ही जिम्मेदार होंगे. उनका परफॉर्मेंस इसी जरिए आंका जाएगा.'

भोपाल। मध्य प्रदेश में 3 विधानसभा सीटों और एक लोकसभा सीट पर हो रहे उपचुनावों को लेकर अब बीजेपी को भीतरघात का डर सता रहा है. टिकट नहीं मिलने से दावेदारों की नाराजगी पार्टी को उपचुनाव में भारी न पड़ जाए इसलिए बीजेपी बागियों को मनाने के लिए मंत्रियों को विशेष जिम्मेदारी भी सौंपी है. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और सीएम शिवराज सिंह चौहान लगातार चुनाव प्रचार में जुटे हैं, साथ ही लगातार बैठकों का दौर भी जारी है.

बीजेपी ने मंत्रियों को सौंपी सीटों की जिम्मेदारी

टिकट नहीं मिलने से कई नेता नाराज

बीजेपी के सामने सबसे बड़ी चुनौती टिकट न मिलने से नाराज हुए नेता हैं. खबर है कि बीजेपी के केन्द्रीय हाईकमान के फैसले के सामने प्रदेश नेतृत्व की पसंद को दरकिनार किया गया. इसका असर यह हुआ कि बीजेपी का प्रदेश नेतृत्व जिन्हें टिकट दिलवाने का वादा कर चुका था उन्हें निराश होना पड़ा. अब पार्टी के प्रदेश नेतृत्व को इन्हीं के भितरघात का डर सता रहा है. बीजेपी को चारों की सीटों पर बड़े नेताओं के बागी होने का डर है.

केन्द्रीय नेतृत्व के सामने प्रदेश के नेताओं की नहीं चली

उपचुनाव वाली चारों सीटों पर बीजेपी में टिकट को लेकर काफी खींचतान देखी गई थी. टिकट के दावेदार माने जा रहे कई नेताओं के टिकट आखिरी समय में कट गए. इसके पीछे का कारण बीजेपी केन्द्रीय नेतृत्व का फैसला है. खबर है कि सीएम शिवराज खंडवा से दिवंगत सांसद नंदकुमार सिंह चौहान के बेटे हर्ष चौहान को टिकट दिलवाना चाहते थे, लेकिन पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने ज्ञानेश्वर पाटिल को टिकट दे दिया.

बीजेपी का 'विजय संकल्प', कांग्रेस का 'पोल खोल अभियान', सत्ता के 'सेमीफाइनल' में बराबरी की टक्कर

चारों सीटों पर बीजेपी को भीतरघात का खतरा

रैगांव में सीएम शिवराज सिंह चौहान दिवंगत विधायक जुगल किशोर बागरी के पुत्र या फिर उनके परिवार के किसी सदस्य को टिकट देने के पक्ष में थे, लेकिन पार्टी के केन्द्रीय नेतृत्व ने यहां भी उनकी राय को दरकिनार करते हुए प्रतिमा बागरी को टिकट दिया. पृथ्वीपुर में सपा से आए शिशुपाल यादव को टिकट देने में भी पार्टी में एक राय नहीं देखी गई थी. वहीं जोबट में कांग्रेस से आई बीजेपी में आई सुलोचना रावत को टिकट देने के बाद स्थानीय स्तर पर विरोध देखा गया.

मंत्रियों को सौंपी जिम्मेदारी, गड़बड़ी होगी तो होगा एक्शन

अब बीजेपी को बागी हुए इन्हीं नेताओं के भीतरघात का डर सता रहा है. इसलिए बीजेपी ने मंत्रियों को बागियों को मनाने की जिम्मेदारी सौंप रखी है. खबर है कि बीजेपी ने अपने मंत्रियों को साफ निर्देश दिए हैं कि चुनावी नतीजों के हिसाब से उनकी परफॉर्मेंस रिपोर्ट तैयार होगी. सीएम ने पार्टी के बैठक में कहा है कि 'यदि किसी क्षेत्र में बीजेपी हारती है, तो उसकी जिम्मेदारी प्रभारी मंत्री की होगी. संगठन के पदाधिकारी भी उतने ही जिम्मेदार होंगे. उनका परफॉर्मेंस इसी जरिए आंका जाएगा.'

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