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अवैध शराब पर 'सरकार का वार': अब MP में शराब खरीदने पर मिलेगा बिल, 1 सितंबर से व्यवस्था लागू

अवैध और जहरीली शराब (Illicit & Poisonous Liquor) के बढ़ते मामलों को देखते हुए प्रदेश सरकार ने मध्य प्रदेश में नई व्यवस्था लागू (New system implemented in MP) कर दी है. इस व्यवस्था के तहत शराब खरीदने पर ग्राहक को बिल देना अनिवार्य होगा. यदि कोई दुकानदार बिल नहीं देता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी. यह व्यवस्था प्रदेश में 1 सितंबर से लागू हुई.

Now you will get bill for buying liquor in MP
अब MP में शराब खरीदने पर मिलेगा बिल
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Published : Sep 1, 2021, 10:45 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश में शराब के अवैध कारोबा (Illegal Liquor Trade)र को रोकने को लेकर प्रदेश सरकार ने 1 सितंबर से नई व्यवस्था लागू कर दी है. इसके तहत शराब दुकानों में शराब खरीदने वालों को अब बिल दिया जा रहा है. दरअसल प्रदेश में नकली और अवैध शराब (Illicit & Poisonous Liquor) की बिक्री के बाद हुई लोगों की मौतों के चलते सरकार ने यह व्यवस्था लागू की है.

प्रदेश में पिछले 2 सालों में शराब के दाम आसमान पर पहुंचने के चलते अवैध शराब का कारोबार तेजी से बढ़ा है. एक अनुमान के मुताबिक मिलावटी शराब की बिक्री से शराब तस्करों को 6 से 8 गुना तक का मुनाफा मिलता है. मध्य प्रदेश से सटे राज्यों की तुलना में प्रदेश में शराब की कीमतें करीब 2 गुना है. जिसके चलते पड़ोसी राज्यों से शराब की तस्करी भी खूब हो रही है.

अब MP में शराब खरीदने पर मिलेगा बिल

नई व्यवस्था से बढ़ा काम और समय

जिला आबकारी अधिकारी संजय शर्मा ने बताया कि मध्य प्रदेश में 1 सितंबर से सभी शराब दुकानों पर शराब खरीदने वालों को बिल दिया जा रहा है. इसके लिए विभाग की तरफ से सभी दुकानों पर रसीद बुक पहुंचा दी गई हैं. राजधानी की शराब दुकानों का जायजा लेने पर पता चला कि सुबह से ही लगभग सभी दुकानों पर ग्राहकों को शराब खरीदने पर बिल दिए जा रहे हैं, हालांकि दुकानदार संचालकों और प्रबंधकों का कहना है कि इस नई व्यवस्था से हमारा काम और समय दोनों बढ़ गया है.

जहरीली शराब मामलाः पुलिस ने अंतरराज्यीय गिरोह का किया पर्दाफाश, 21 आरोपी गिरफ्तार

भोपाल कांग्रेस का आरोप- नई व्यवस्था केवल दिखावा

प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने कहा कि मध्य सरकार की यह नई व्यवस्था भी केवल दिखावा साबित होगी. असल में शराब दुकानों में भाव सूची अभी तक नहीं लग पाई है. उन्होंने कहा कि एक आईएएस अफसर द्वारा ऑनलाइन शराब का बिल लेने पर ठगी हो जाती है. ऐसी सरकार से तो भगवान ही बचाए और जनता की रक्षा करें.

जहरीली शराब से साल भर में 60 लोगों की गई जान

प्रदेश में पिछले एक साल 2020 में जहरीली शराब पीने से मरने वालों की संख्या के मामलों पर गौर करें, तो मुरैना में 28, उज्जैन में 16 और रतलाम में करीब 11 लोगों की जहरीली शराब पीने से मौत हो चुकी है. वहीं मंदसौर में भी जहरीली शराब पीने से 6 लोगों की मौत हो गई थी. प्रदेश भर में जहरीली शराब से 60 लोगों की जान जा चुकी है.

कांग्रेस विधायक का आरोप, जहरीली शराब के धंधे में बीजेपी नेता शामिल, इसलिए नहीं हुई कार्रवाई

जहरीली शराब से मौतों के बाद जागी सरकार

प्रदेश में अवैध और जहरीली शराब को लेकर लगातार नए मामले सामने आने के बाद सरकार ने कड़ा कानून बना दिया है. नए कानून के मुताबिक अगर जहरीली शराब पीने से किसी की मौत हो जाती है, तो दोषी को आजीवन कारावास या फांसी अथवा न्यूनतम 20 लाख रुपए तक का जुर्माना लगाया जाएगा. इसके साथ ही मिलावटी शराब के पीने से अपंगता मामले में 2 से 14 साल तक की कैद और 2 से 10 लाख तक का जुर्माना लगाने का प्रावधान है. वहीं मिलावटी शराब मिलने पर भी जेल भेजा जाएगा.

भोपाल। मध्य प्रदेश में शराब के अवैध कारोबा (Illegal Liquor Trade)र को रोकने को लेकर प्रदेश सरकार ने 1 सितंबर से नई व्यवस्था लागू कर दी है. इसके तहत शराब दुकानों में शराब खरीदने वालों को अब बिल दिया जा रहा है. दरअसल प्रदेश में नकली और अवैध शराब (Illicit & Poisonous Liquor) की बिक्री के बाद हुई लोगों की मौतों के चलते सरकार ने यह व्यवस्था लागू की है.

प्रदेश में पिछले 2 सालों में शराब के दाम आसमान पर पहुंचने के चलते अवैध शराब का कारोबार तेजी से बढ़ा है. एक अनुमान के मुताबिक मिलावटी शराब की बिक्री से शराब तस्करों को 6 से 8 गुना तक का मुनाफा मिलता है. मध्य प्रदेश से सटे राज्यों की तुलना में प्रदेश में शराब की कीमतें करीब 2 गुना है. जिसके चलते पड़ोसी राज्यों से शराब की तस्करी भी खूब हो रही है.

अब MP में शराब खरीदने पर मिलेगा बिल

नई व्यवस्था से बढ़ा काम और समय

जिला आबकारी अधिकारी संजय शर्मा ने बताया कि मध्य प्रदेश में 1 सितंबर से सभी शराब दुकानों पर शराब खरीदने वालों को बिल दिया जा रहा है. इसके लिए विभाग की तरफ से सभी दुकानों पर रसीद बुक पहुंचा दी गई हैं. राजधानी की शराब दुकानों का जायजा लेने पर पता चला कि सुबह से ही लगभग सभी दुकानों पर ग्राहकों को शराब खरीदने पर बिल दिए जा रहे हैं, हालांकि दुकानदार संचालकों और प्रबंधकों का कहना है कि इस नई व्यवस्था से हमारा काम और समय दोनों बढ़ गया है.

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भोपाल कांग्रेस का आरोप- नई व्यवस्था केवल दिखावा

प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने कहा कि मध्य सरकार की यह नई व्यवस्था भी केवल दिखावा साबित होगी. असल में शराब दुकानों में भाव सूची अभी तक नहीं लग पाई है. उन्होंने कहा कि एक आईएएस अफसर द्वारा ऑनलाइन शराब का बिल लेने पर ठगी हो जाती है. ऐसी सरकार से तो भगवान ही बचाए और जनता की रक्षा करें.

जहरीली शराब से साल भर में 60 लोगों की गई जान

प्रदेश में पिछले एक साल 2020 में जहरीली शराब पीने से मरने वालों की संख्या के मामलों पर गौर करें, तो मुरैना में 28, उज्जैन में 16 और रतलाम में करीब 11 लोगों की जहरीली शराब पीने से मौत हो चुकी है. वहीं मंदसौर में भी जहरीली शराब पीने से 6 लोगों की मौत हो गई थी. प्रदेश भर में जहरीली शराब से 60 लोगों की जान जा चुकी है.

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