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भूरिया ने सदन में उठाया PSC में विवादित सवाल का मुद्दा, सीएम बोले- दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा

विधानसभा की कार्यवाही के दौरान कांग्रेस विधायक कांतिलाल भूरिया ने पीएससी परीक्षा में पूछे गए विवादित प्रश्न का मुद्दा उठाया. जिसके जवाब में  सीएम कमलनाथ ने कहा कि इसको लेकर पहले ही जांच के निर्देश दिए जा चुके हैं.

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Published : Jan 17, 2020, 6:29 PM IST

Congress MLA Kantilal Bhuria
भूरिया ने सदन में उठाया PSC के विवादित सवाल का मुद्दा

भोपाल। विधानसभा की कार्यवाही के दौरान कांग्रेस विधायक कांतिलाल भूरिया ने पीएससी परीक्षा में भील जनजाति पर पूछे गए विवादित सवाल का मुद्दा उठाया. मामले में सीएम कमलनाथ ने कहा कि इसे लेकर पहले ही जांच के निर्देश दिए जा चुके हैं और जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

भूरिया ने सदन में उठाया PSC के विवादित सवाल का मुद्दा

सदन की कार्यवाही के दौरान अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के लिए आरक्षण को 10 साल तक बढ़ाए जाने के संकल्प पर बोलने के लिए खड़े हुए कांग्रेस विधायक कांतिलाल भूरिया ने कहा कि पीएससी में भी मनुवादी विचारधारा के लोग बैठे हैं, जिन्होंने परीक्षा में इस तरह के सवाल पूछे, ऐसे लोगों पर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए.

इसके जवाब में सीएम कमलनाथ ने कहा कि भील जाति को लेकर पूछे गए आपत्तिजनक प्रश्न के बारे में जांच की जा रही है. जांच रिपोर्ट आने के बाद दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि घटना की जांच के आदेश दिए गए हैं. इस पूरे मामले को राज्य सरकार ने गंभीरता से लिया है. किसी भी विद्यार्थी का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

ये था पूरा मामला

मध्य प्रदेश राज्य प्रशासनिक सेवा की प्रारंभिक परीक्षा में भील जाति को लेकर आपत्तिजनक सवाल पूछे गए थे. इसमें भील जनजाति को आपराधिक प्रवृत्ति का बताया गया था. मामले पर विवाद बढ़ने के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने जांच के आदेश दिए थे.

भोपाल। विधानसभा की कार्यवाही के दौरान कांग्रेस विधायक कांतिलाल भूरिया ने पीएससी परीक्षा में भील जनजाति पर पूछे गए विवादित सवाल का मुद्दा उठाया. मामले में सीएम कमलनाथ ने कहा कि इसे लेकर पहले ही जांच के निर्देश दिए जा चुके हैं और जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

भूरिया ने सदन में उठाया PSC के विवादित सवाल का मुद्दा

सदन की कार्यवाही के दौरान अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के लिए आरक्षण को 10 साल तक बढ़ाए जाने के संकल्प पर बोलने के लिए खड़े हुए कांग्रेस विधायक कांतिलाल भूरिया ने कहा कि पीएससी में भी मनुवादी विचारधारा के लोग बैठे हैं, जिन्होंने परीक्षा में इस तरह के सवाल पूछे, ऐसे लोगों पर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए.

इसके जवाब में सीएम कमलनाथ ने कहा कि भील जाति को लेकर पूछे गए आपत्तिजनक प्रश्न के बारे में जांच की जा रही है. जांच रिपोर्ट आने के बाद दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि घटना की जांच के आदेश दिए गए हैं. इस पूरे मामले को राज्य सरकार ने गंभीरता से लिया है. किसी भी विद्यार्थी का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

ये था पूरा मामला

मध्य प्रदेश राज्य प्रशासनिक सेवा की प्रारंभिक परीक्षा में भील जाति को लेकर आपत्तिजनक सवाल पूछे गए थे. इसमें भील जनजाति को आपराधिक प्रवृत्ति का बताया गया था. मामले पर विवाद बढ़ने के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने जांच के आदेश दिए थे.

Intro:भोपाल। विधानसभा की कार्रवाई के दौरान कांग्रेस विधायक कांतिलाल भूरिया ने पीएससी राज्य सेवा परीक्षा में भील जनजाति पर पूछे गए विवादित सवाल मुद्दा उठाया। मामले में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि इसको लेकर पहले ही जांच के निर्देश दिए जा चुके हैं और जो भी दोषी आया जाएगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।


Body:सदन की कार्यवाही के दौरान अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के लिए आरक्षण को 10 साल बढ़ाए जाने के संकल्प पर बोलने के लिए खड़े हुए कांग्रेस विधायक कांतिलाल भूरिया ने कहा कि पीएससी में भी मनुवादी विचारधारा के लोग बैठे हैं, जिन्होंने परीक्षा में इस तरह के सवाल पूछे। ऐसे लोगों पर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। इसके बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग ने भील जाति को लेकर की आपत्तिजनक प्रश्न के संबंध में जांच की जा रही है। जांच रिपोर्ट आने के बाद दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्हें बख्शा नहीं जाएगा मुख्यमंत्री ने कहा कि घटना की जांच के आदेश दिए गए हैं इस पूरे मामले को राज्य सरकार ने गंभीरता से लिया है किसी भी विद्यार्थी का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।


Conclusion:गौरतलब है कि मध्य प्रदेश राज्य प्रशासनिक सेवा की प्रारंभिक परीक्षा में भील जाति को लेकर आपत्तिजनक सवाल पूछे गए थे। इसमें भी लोगों को आपराधिक प्रवृत्ति का बताया गया था। मामले पर विवाद बढ़ने के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने जांच के आदेश दिए थे।
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