भोपाल। रानी कमलापति रेलवे स्टेशन, भोपाल से दिल्ली जाने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस में यात्रा कर रहे एक यात्री की जान पर बन आई. दरअसल, ट्रेन में यात्रा के दौरान अचानक एक यात्री की तबीयत बिगड़ी गई. मगर ट्रेन नॉन-स्टॉप थी और सीधे रानी कमलापति स्टेशन से झांसी स्टेशन जाती है. लिहाजा यात्री के सामने जान का खतरा मंडराने लगा. ट्रेन के अंदर हड़कंप मच गया. लोगों ने यात्री को बचाने के लिए कोशिशें शुरु कर दीं और तभी ट्रेन में मौजूद डॉक्टर कुलदीप स्वरूप ने यात्री को प्राथमिक उपचार दिया. इसके बाद रेलवे के कंट्रोल रुम और अलार्म बटन से ट्रेन चालक को सूचना दी गई. मगर ट्रेन के रुकने के लिए अधिकारियों की अनुमति चाहिए थी. ऐसे में अगले स्टॉप बीना पर ट्रेन रोकने के लिए वरिष्ठ मण्डल परिचालन प्रबन्धक से बात की गई.
C-10 कोच में यात्री की तबीयत बिगड़ीः जैसे ही वंदे भारत को रोकने के लिए अनुमति मिली स्टेशन पर चिकित्सकों की टीम आ गई. इस मामले को लेकर रेलवे के अपर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. कुलदीप स्वरूप मिश्रा ने बताया कि वंदे भारत एक्सप्रेस में रानी कमलापति स्टेशन से अवधेश खरे नाम के शख्स यात्रा कर रहे थे. उस दौरान उन्हें ट्रेन के TTE ने बताया कि C-10 कोच में एक यात्री की तबीयत खराब है. वो तुरंत मौके पर पहुंचे और यात्री को मेडिकल एड दिया. उन्होंने कहा कि सी-10 कोच में यात्रा कर रहे 72 वर्षीय यात्री अवधेश खरे की पल्स रेट गिरने व उनकी त्वचा ठंडी और चिपचिपी हो रही थी. साथ ही उन्हें ठंडा पसीना आ रहा था और उल्टी शुरु हो गई थी. ट्रेन में ही कुर्सी पर लिटाकर यात्री को इमरजेंसी दवा दी गई.
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ट्रेन पकड़ने के तनाव के कारण बिगड़ा स्वास्थ्यः सुबह 6.20 बजे रेलवे अस्पताल बीना में ऑन ड्यूटी डॉ. के पी शर्मा ने यात्री को स्टेशन से अटेंड किया और एबुलेंस के जरिए मरीज को सिविल अस्पताल बीना में स्थानांतरित किया. यहां उनका रक्तचाप और ईसीजी सामान्य पाया गया और शुगर भी बढ़ी हुई पाई गई. डॉक्टर ने बताया कि यात्री सुबह ट्रेन पकड़ने के तनाव में थे और रात भर उन्हे नींद नहीं आई. पहली बार वो वंदे भारत एक्सप्रेस में ट्रैवेल कर रहे थे इसका भी उन्हे स्ट्रेस था. हालत स्थिर होने पर मरीज अवधेश खरे को एक निजी एम्बुलेंस में सड़क मार्ग से भोपाल घर भेजा गया.