भोपाल। राजधानी भोपाल की अदालत ने लॉकडाउन उल्लघंन के मामले में 8 विदेशी जमातियों की जमानत अर्जी नामंजूर कर दी है, जिनमें से विदेशी जमातियों पर विदेशी विषयक अधिनियम 1946 की धारा 13, 14 भी लगाई गई है और उनका पासपोर्ट भी जब्त कर लिया गया है. अपर सत्र न्यायाधीश अजय श्रीवास्तव ने वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जमानत पर सुनवाई की.
सरकारी वकील ने जमानत पर आपत्ति लगाई थी, आरोपियों की जमानत नामंजूर करते हुए जज ने लिखा कि इस मामले की शुरूआती जांच चल रही है, इसलिए दोषों पर टिप्पणी किये बिना जमानत दिया जाना उचित नहीं है, जबकि थाना पिपलानी और मंगलवारा से जेल गये 20 जमातियों की जमानत अर्जी निरस्त की गई है, अब इन 20 आरोपियों के पास सिर्फ हाईकोर्ट से जमानत का विकल्प बचा है.
जज अजय श्रीवास्तव की अदालत में तलैया थाना प्रभारी डीपी सिंह ने जमानत पर आपत्ति जताते हुए प्रतिवेदन पेश किया था, पुलिस ने कहा कि आरोपी देसी-विदेशी जमातियों के खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा के तहत राष्ट्रीय आपदा अधिनियम का मामला दर्ज किया गया है. विदेशी जमातियों पर विदेशी विषयक अधिनियम 1946 की धारा लगाने के बाद उनके पासपोर्ट जब्त किए गए हैं.
जेल भेजे गए जमाती ईदासेठ मस्जिद इस्लामपुरा में धार्मिक आयोजनों में शामिल होने आये थे, केंद्र सरकार के कोविड -19 की एडवाइजरी और कलेक्टर के आदेश का उल्लंघन किया था. कहा जा रहा है कि जमात के सभी सदस्य जो किर्गिस्तान, उज्बेकिस्तान, कजाकिस्तान से भारत आए थे और निजामुद्दीन स्थित मस्जिद में आयोजित विदेशी जमातों में शामिल होने के कारण और कई विदेशी नागरिकों के सपंर्क में आने से कोरोना वायरस का संक्रमण फैल सकता है. वे कोरोना वायरस के संभावित वाहक होंगे, जिनके स्थानीय नागरिकों के संपर्क में आने से कोरोना वायरस के एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलने की संभावना है. इसके बाद भी शासन के निर्देशों की अवहेलना करते हुए अलग अलग तारीखों में विभिन्न मस्जिदों में धार्मिक आयोजनों में शामिल होते रहे हैं.