भोपाल। मध्य प्रदेश में नवजात एवं बाल शिशु मृत्यु दर तथा कुपोषण कम करने की दिशा में कई प्रयास किए जा रहे हैं. इसी सिलसिले स्वास्थ्य विभाग ने मुस्कुराता बचपन कार्यक्रम (Muskurata Bachpan Program in Bhopal) आयोजित किया, कार्यक्रम की शुरूआत दीप प्रज्जवलन के साथ हुई. स्वास्थ्य विभाग ने कार्यक्रम के तहत जिलों से आए अधिकारियों को पुरस्कृत किया, हालांकि स्वास्थ्य विभाग के एसीएस मोहम्मद सुलेमान इस कार्यक्रम में नाराज हो गए. दरअसल भाषण के दौरान तीन बार लाइट चली गई, जिसके चलते उन्हें बीच में भाषण रोकना पड़ा.
नाराज हुए सुलेमान: स्वास्थ्य विभाग के एसीएस मोहम्मद सुलेमान इस कार्यक्रम में नाराज हो गए. दरअसल सुलेमान को मंच पर भाषण के लिए बुलाया गया, इसी दौरान प्राइवेट होटल की बिजली चली गई, जिसके चलते उन्हें अपना भाषण रोकना पड़ा.जैसे ही बिजली आई सुलेमान फिर अपना भाषण शुरू करने पहुंचे तो थोड़ी देर बाद फिर बिजली चली गई, ऐसा 3 बार हुआ. जिसके चलते मोहम्मद सुलेमान को अपना भाषण बीच में खत्म करना पड़ा और वह नाराज होकर कुर्सी पर बैठ गए. कार्यक्रम के अंत में उनसे पुनः भाषण के लिए विभाग के अधिकारियों ने बोला, तो वह आने को तैयार नहीं हुए. लेकिन मान मनोबल के बाद संक्षेप में अपनी बात कह कर कार्यक्रम का समापन किया.
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वहीं इसके अंतर्गत शिशु एवं बाल स्वास्थ्य एवं पोषण से जुड़े विभिन्न अभियान, हस्तक्षेपों एवं जागरूकता कार्यक्रमों की समीक्षा तथा श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले जिलों को पुरुष्कृत भी किया। 2/3 pic.twitter.com/22RtRuFhup
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लघु फिल्म का हुआ लोकार्पण: स्वास्थ्य मंत्री ने दस्तक अभियान पर आधारित एक लघु फिल्म का लोकार्पण भी किया, साथ ही अनीमिया मुक्त मध्यप्रदेश विषय पर विद्यालयों के लिए पुस्तिका तथा जीवन चक्र आधारित अनीमिया एवं कुपोषण से बचाव हेतु मार्गदर्शिका का भी विमोचन किया गया. इसके अलावा विभिन्न कार्यक्रमों और अभियानों की समीक्षा कर इनके विषय में आगामी चरणों के लिए जिलों के अधिकारियों का उन्मुखीकरण भी किया गया. इनमें दस्तक अभियान, अनीमिया मुक्त भारत, नवजात शिशु स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह और साँस अभियान प्रमुख हैं.
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दस्तक अभियान की उपलब्धियां
• दस्तक अभियान के प्रथम चरण माह जुलाई-अगस्त 2022 के दौरान, कुल 83.31 लाख बच्चों की जानकारी डिजिटाइज़ की गई व 80.63 लाख बच्चों को स्क्रीन किया गया.
• स्क्रीनिंग में कुल 47585 बच्चों में गंभीर कुपोषण की पहचान करते हुए कुल 13919 बच्चों को पोषण पुर्नवास केन्द्र में उपचार किया गया व 8430 बच्चों में जन्मजात विकृति की पहचान की गई.
• इस अवधि में कुल 62.07 लाख बच्चों की डिजिटल हिमोग्लोबिनोमीटर के माध्यम से एनिमिया की पहचान हेतु जांच की गई.
• कुल 29.16 लाख बच्चों को आयरन फोलिक एसिड प्रदाय किया गया.
• कुल 4300 बच्चों को ब्लड ट्रांसफ्यूजन प्रदाय किया गया.
• अभियान में कुल 71.09 लाख बच्चों को विटामिन ए की दवा दी गई.
गंभीर कुपोषित बच्चों का संस्थागत प्रबंधन (NRC)
• बीमार गंभीर कुपोषित बच्चों के संस्थागत उपचार हेतु प्रदेश में 315 पोषण पुनर्वास केन्द्र (NRC), संचालित है.
• देश में सर्वाधिक NRC संचालन करने वाला राज्य मध्यप्रदेश ही है.
• चिकित्सीय जटिल एवं नॉन रिस्पांडर गंभीर कुपोषित बच्चों के उपचार हेतु 3 SMTU संचालित की जा रही है.
• वित्तीय वर्ष 2022-23 में इन केंद्रों में अभी तक लगभग 46,600 बीमार गंभीर कुपोषित बच्चों को उपचारित किया जा चुका है.
राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस
• कृमिजन्य संक्रमण में रोकथाम हेतु राष्ट्रीय कृमिमुक्ति दिवस के दौरान 1 से 19 वर्ष के सभी बालक/बालिकाओं को वर्ष में 1 बार एल्बेंडाजोल टेबलेट खिलाई जाती है.
• इस वर्ष लगभग 27613072 हितग्राहियों को एल्बेंडाजोल टेबलेट खिलाई गई.
अनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम
• 6 माह से 5 वर्ष के सभी बच्चों को सप्ताह में दो बार आयरन फालिक एसिड सीरप पिलाया जाता है.
• माह अक्टूबर तक लगभग 37.84 लाख बच्चों को IFA सीरप प्रदान किया गया.
• स्कूल शिक्षा विभाग एवं महिला एवं बाल विकास विभाग के समन्वय से 5 से 10 वर्ष के सभी बच्चों को IFA गुलाबी गोली तथा 11 से 19 वर्ष के किशोर/किशोरियों को IFA नीली गोली का अनुपूरण कराया जाता है.