ETV Bharat / state

Bhopal: कलियासोत नदी पर अतिक्रमण मामले में NGT ने CS को किया तलब

भोपाल में कई तालाब और डेम हैं, लेकिन नदी एक ही है कलियासोत. अब यही नदी संकट में है और इसी को लेकर एनजीटी ने मध्यप्रदेश के चीफ सेक्रेटरी को तलब किया है. क्योंकि कलियासोत को कब्जे से मुक्त कराने और उसमें मिलने वाली गंदगी को रोकने के लिए चीफ सेक्रेटरी की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई गई थी, जो अपना काम नहीं कर पाई. इस मामले में कोर्ट की अवमानना का मामला बन गया है.

Bhopal NGT summons CS
कलियासोत नदी पर अतिक्रमण मामले में NGT ने CS को किया तलब
author img

By

Published : Mar 28, 2023, 2:28 PM IST

कलियासोत नदी पर अतिक्रमण मामले में NGT ने CS को किया तलब

भोपाल। कलियोसात नदी में बिल्डर, अस्पताल संचालक और अन्य के द्वारा किए गए कब्जों को हटवाने के लिए एनजीटी में 14 जनवरी 2022 को एक याचिका लगाई गई थी. यह याचिका एक पिटीशन के पालन के लिए लगाई गई थी. दरअसल, कलियासोत नदी प्रदेश की बेतवा नदी की सहायक नदी है. इसमें लगातार बिल्डर्स और दूसरे लोगों द्वारा कैचमेंट एरिया में निर्माण किए जा रहे हैं. इसको लेकर 20 अगस्त 2014 को एनजीटी ने एक अंतिम आदेश दिया था कि अतिक्रमणकारियों से इसे मुक्त कराया जाए.

नदी के किनारे पर तन गए अपार्टमेंट : नियमानुसार इस नदी के दोनों तरफ 33-33 मीटर क्षेत्र में किसी भी प्रकार का निर्माण नहीं किया जा सकता है, लेकिन दोनों ही तरफ नदी के भीतर तक निर्माण कर दिए गए हैं. इस मामले को लेकर 19 जुलाई 2021 को एनजीटी में एक हियरिंग हुई. इसी में एनजीटी ने चीफ सेक्रेटरी की अध्यक्षता में एक स्टेट मॉनीटरिंग कमेटी बनाकर उसे जिम्मेदारी दे दी गई. इस कमेटी को 20 अगस्त 2014 के आदेश का पालन करवाना था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. हालांकि जुलाई 2021 के आदेश का पालन करते हुए पीसीबी ने एक टीम बनाई और मौका मुआयना करके रिपोर्ट बना दी. इसमें 4 सदस्य थे.

Must Read: ये खबरें भी पढ़ें...

नदी के कैचमेंट पर कब्जा : टीम ने पाया कि 13 बड़े बिल्डर्स व दूसरों ने नदी के कैचमेंट में कब्जा कर लिया है. इतना ही नहीं, बिना ट्रीटमेंट किए ही गंदा पानी नदी में छोड़ रहे हैं. रिपोर्ट के आधार पर एक रिमाइंडर सीएस की अध्यक्षता वाली कमेटी को भेजा गया, लेकिन इस पर ध्यान नहीं दिया गया. अब यहां अतिक्रमण हो चुके हैं. इसका पालन नहीं हुआ तो 4 जनवरी 2023 को पुन: एनजीटी में एक याचिका लगाई गई. इसमें सीएस को नोटिस जारी कर दिया गया और 28 मार्च 2023 की तारीख सुनवाई के लिए दी गई है. इस मामले को पर्यावरणविद् डॉ. सुभाष सी पांडेय ने उठाया है और वे इस मामले में पक्षकार हैं. उन्होंने कहा कि शासन ने इस मामले में लगातार लेतलाली कर रहा है. वहीं इस पूरे मामले में जब सीएस से जवाब मांगा तो उन्होंने संदेश और फोन का रिप्लाई नहीं दिया.

कलियासोत नदी पर अतिक्रमण मामले में NGT ने CS को किया तलब

भोपाल। कलियोसात नदी में बिल्डर, अस्पताल संचालक और अन्य के द्वारा किए गए कब्जों को हटवाने के लिए एनजीटी में 14 जनवरी 2022 को एक याचिका लगाई गई थी. यह याचिका एक पिटीशन के पालन के लिए लगाई गई थी. दरअसल, कलियासोत नदी प्रदेश की बेतवा नदी की सहायक नदी है. इसमें लगातार बिल्डर्स और दूसरे लोगों द्वारा कैचमेंट एरिया में निर्माण किए जा रहे हैं. इसको लेकर 20 अगस्त 2014 को एनजीटी ने एक अंतिम आदेश दिया था कि अतिक्रमणकारियों से इसे मुक्त कराया जाए.

नदी के किनारे पर तन गए अपार्टमेंट : नियमानुसार इस नदी के दोनों तरफ 33-33 मीटर क्षेत्र में किसी भी प्रकार का निर्माण नहीं किया जा सकता है, लेकिन दोनों ही तरफ नदी के भीतर तक निर्माण कर दिए गए हैं. इस मामले को लेकर 19 जुलाई 2021 को एनजीटी में एक हियरिंग हुई. इसी में एनजीटी ने चीफ सेक्रेटरी की अध्यक्षता में एक स्टेट मॉनीटरिंग कमेटी बनाकर उसे जिम्मेदारी दे दी गई. इस कमेटी को 20 अगस्त 2014 के आदेश का पालन करवाना था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. हालांकि जुलाई 2021 के आदेश का पालन करते हुए पीसीबी ने एक टीम बनाई और मौका मुआयना करके रिपोर्ट बना दी. इसमें 4 सदस्य थे.

Must Read: ये खबरें भी पढ़ें...

नदी के कैचमेंट पर कब्जा : टीम ने पाया कि 13 बड़े बिल्डर्स व दूसरों ने नदी के कैचमेंट में कब्जा कर लिया है. इतना ही नहीं, बिना ट्रीटमेंट किए ही गंदा पानी नदी में छोड़ रहे हैं. रिपोर्ट के आधार पर एक रिमाइंडर सीएस की अध्यक्षता वाली कमेटी को भेजा गया, लेकिन इस पर ध्यान नहीं दिया गया. अब यहां अतिक्रमण हो चुके हैं. इसका पालन नहीं हुआ तो 4 जनवरी 2023 को पुन: एनजीटी में एक याचिका लगाई गई. इसमें सीएस को नोटिस जारी कर दिया गया और 28 मार्च 2023 की तारीख सुनवाई के लिए दी गई है. इस मामले को पर्यावरणविद् डॉ. सुभाष सी पांडेय ने उठाया है और वे इस मामले में पक्षकार हैं. उन्होंने कहा कि शासन ने इस मामले में लगातार लेतलाली कर रहा है. वहीं इस पूरे मामले में जब सीएस से जवाब मांगा तो उन्होंने संदेश और फोन का रिप्लाई नहीं दिया.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.