भोपाल। मध्य प्रदेश में तीन विधानसभा और एक लोकसभा सीट पर उपचुनाव होने हैं. हालांकि अभी तक तारीखों का ऐलान नहीं हुआ है, लेकिन उससे पहले ही चुनावी सुगबुगाहट तेज हो गई है. कांग्रेस ने मध्य प्रदेश में जमावट शुरू कर दी है. उपचुनाव को देखते हुए दमोह की तर्ज पर कांग्रेस बूथ मैनेजमेंट पर फोकस कर रही है. युवा कांग्रेस, महिला कांग्रेस, NSUI और सेवादल के कार्यकर्ताओं को हर एक बूथ पर तैनात किया जाएगा.
लोगों की नाराजगी को वोट में बदलने की तैयारी
पीसीसी चीफ कमलनाथ ने कांग्रेस संगठन में कसावट लाते हुए हर सीट पर पूर्व मंत्रियों और विधायकों को जिम्मेदारी दिए जाने का ऐलान किया है. हर सीट पर कम से कम 10 विधायकों की टीम तैनात की जा रही है. इसके अलावा जनता की सरकार के प्रति नाराजगी को भी भुनाने की रणनीति बनाई जा रही है. कांग्रेस का मानना है कि जनता कोरोना काल और महंगाई के मुद्दे पर सरकार के खिलाफ है. कांग्रेस सक्रियता से प्रदेश की सियासत भी गरमा गई है.
हर एक बूथ पर कांग्रेस कार्यकर्ता
कांग्रेस प्रवक्ता अजय सिंह यादव ने कहा, 'साल 2018 के चुनाव में भी पीसीसी चीफ कमलनाथ का विशेष फोकस माइक्रो मैनेजमेंट पर था. जिसका फायदा पार्टी को मिला और प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी. जिस तरह दमोह में बीजेपी को हराया गया है, उससे पार्टी का आत्मविश्वास बढ़ा है. इन चुनावों की कमान पीसीसी चीफ कमलनाथ के हाथों में ही रहेगी. खास बात ये है कि हर सीट पर चार पूर्व मंत्रियों की भी ड्यूटी लगाई जाएगी. कमलनाथ सरकार के कामकाज को जनता के सामने रखा जाएगा.'
कांग्रेस प्रवक्ता अजय सिंह यादव ने आगे बताया कि कांग्रेस इन उपचुनावों में एनएसयूआई, युवा कांग्रेस, सेवादल और महिला कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को खास जिम्मेदारी दे रही है. हर बूथ पर कांग्रेस पदाधिकारी के साथ एनएसयूआई, युवा कांग्रेस, महिला कांग्रेस और आईटी सेल के एक-एक कार्यकर्ता की तैनाती करेगी.
मप्र में सत्ता और संगठन में नियुक्तियों को लेकर मंथन
कांग्रेस की तरफ से ये हो सकते हैं दावेदार
खंडवा लोकसभा सीट बीजेपी सांसद नंदकुमार सिंह चौहान के निधन के बाद खाली हुई है, कांग्रेस की ओर से अरुण यादव यहां से टिकट के प्रबल दावेदार हैं. पृथ्वीपुर विधानसभा सीट, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बृजेंद्र सिंह राठौर के निधन से खाली हुई है, अब कांग्रेस उनके पुत्र नितेंद्र सिंह राठौर को टिकट दे सकती है.
जोबट विधानसभा सीट, कांग्रेस विधायक कलावती भूरिया के निधन के कारण खाली हुई है, कांग्रेस की ओर से सुलोचना रावत, मुकेश पटेल, विक्रांत भूरिया में से किसी एक पर पार्टी विचार कर सकती है. इसी तरह रैगांव विधानसभा सीट बीजेपी विधायक जुगल किशोर बागरी के निधन के बाद खाली हुई है, कांग्रेस सभी सीटों के लिए सर्वे करा रही है और जीतने वाले संभावित उम्मीदवार को ही टिकट दी जाएगी.