भोपाल। राजधानी के डिपो चौराहे से स्मार्ट पार्क की तरफ जाते हैं तो यही दायीं तरफ भारत स्काउट एंड गाइड मध्य प्रदेश का दफ्तर बना हुआ है. आम दिनों में यहां शांति रहती है, लेकिन मंगलवार को खासा हंगामा था. दरअसल इस विभाग के अधिकारियों कर्मचारियों ने कई वर्षों से लंबित अपनी मांगों को लेकर प्रबंधन के सामने मोर्चा खोल दिया. इन हड़ताली कर्मचारियों का कहना है कि हमारी समस्याओं का निराकरण नहीं हो रहा है, जिससे उनके कार्य एवं पारिवारिक उत्तरदायित्व का निर्वहन नहीं हो पा रहा है.
निराकरण जल्द करने का आश्वासन : उनका कहना है कि विगत कई वर्ष से राज्य मुख्य आयुक्त पारस चंद्र जैन एवं अध्यक्ष इंदर सिंह परमार शिक्षा मंत्री को इस संबंध में आवेदन दिया गया था, लेकिन विगत कई वर्षों के पश्चात भी हमारी समस्याओं का निराकरण नहीं हो पाया. इस कारण मजबूरन हमें धरने पर बैठना पड़. दूसरी तरफ राज्य आयुक्त पारसचंद्र जैन से संपर्क किया तो जवाब मिला कि समस्याओं का निराकरण जल्द करेंगे. संगठन के आंदोलनकर कर्मियों ने बताया कि भारत स्काउट का एवं गाइड मध्य प्रदेश के संबंध में उच्च न्यायालय जबलपुर ने यह माना है कि यह मध्य प्रदेश शासन के अनुदान नियमावली 1980 में किए गए प्रावधानों को एवं सिविल सेवा वर्गीकरण नियंत्रण एवं अपील 1966 को मानने के लिए पूर्ण रूप से बाध्य है.
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ये हैं मांगें : संस्था के राज्य सचिव के पद पर संस्था/शासन द्वारा नियमित अधिकारी की नियुक्ति की जाए. अन्य शासकीय कर्मचारियों की भांति संस्था को प्राप्त हो रहे 11 माह के वेतन के स्थान पर 12 माह का वेतन प्रदान किया जाए. संस्था में करीब 40 कर्मचारी/अधिकारी विभिन्न श्रेणियो में विगत 15 से 20 वर्षों से संविदा/तदर्थ के रूप में कार्य कर रहे हैं, इन्हें संविदा नीति 2018 के अनुसार समान पद पर कार्य करने पर नियम अनुसार 90% वेतन तथा अन्य सुविधाएं संस्था के कर्मचारियों को नहीं मिल रही, ये दी जाएं.