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भोपाल: 11 नवंबर से निगम कर्मचारियों की हड़ताल, तीन चरण में होगा आंदोलन !

भोपाल नगर निगम के छह हजार कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर आंदोलन की तैयारी कर ली है. नगर निगम के कर्मचारी तीन चरण पर अपनी मांगों को लेकर आंदोलन करेंगे, और 11 नवंबर तक मांगे पूरी नहीं होने पर अनिश्चितकालीन हड़ताल करेंगे.

Bhopal Municipal Corporation employee strike
भोपाल नगर निगम कर्मचारी की हड़ताल
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Published : Nov 4, 2020, 4:22 PM IST

Updated : Nov 4, 2020, 7:01 PM IST

भोपाल। त्यौहारों के बीच राजधानी भोपाल में एक हफ्ते बाद से कचरा उठाने को लेकर दिक्कत आ सकती है. दरअसल 11 नवंबर से भोपाल के करीब 6 हजार नगर निगम कर्मचारी अपनी 5 सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल पर जाने की तैयारी कर रहे हैं.

तीन चरण में आंदोलन

नगर निगम के कर्मचारी तीन चरण पर अपनी मांगों को लेकर आंदोलन करेंगे. 5 नवंबर को कर्मचारी काली पट्टी बांधकर अपना विरोध जताएंगे, 7 नवंबर को कर्मचारी नगर निगम मुख्यालय का घेराव करेंगे और 11 नवंबर से कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे, लेकिन दिवाली के पहले अगर नगर निगम के कर्मचारी हड़ताल पर जाते हैं तो शहर में गंदगी का अंबार लग सकता है.

ये है पांच सूत्रीय मांगें

  1. नगर निगम के 6 हजार कर्मचारियों को 25 दिवसीय से नियमित किया जाए और 25 दिवसीय प्रथा खत्म की जाए.
  2. भोपाल में स्थाई दिवंगत कर्मचारियों के आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति सहित नियमित कर्मचारी के समान समस्त सुविधाओं का लाभ दिया जाए.
  3. जिस विभाग में कर्मचारी पदस्थ है उसी में उन्हें पदस्थ किया जाए और नियमित किया जाए.
  4. कर्मचारियों को अवकाश का लाभ नहीं दिया जाता है, सप्ताह में एक दिन अवकाश का लाभ दिया जाए.
  5. कुछ अधिकारी और सुपरवाइजर का व्यवहार कर्मचारियों के प्रति ठीक नहीं है, कई अधिकारी सुपरवाइजर सालों से एक ही जगह पर जमे हुए हैं उन्हें तत्काल हटाया जाए.

आंदोलन जनता के लिए बनेगी मुसीबत

कर्मचारी नेताओं का कहना है कि हमारी मांगों को पूरा किया जाए, नहीं तो 11 नवंबर के बाद से शहर मे कहीं भी कचरा नहीं उठेगा. साथ ही कर्मचारियों ने भोपाल की जनता से माफी मांगते हुए कहा दिवाली के मौके पर ये हड़ताल हैं लेकिन हमारी समस्या काफी लंबी है और कहीं इसकी कोई सुनवाई नहीं हो रही. 11 नवंबर से पहले अगर आंदोलन का हल नहीं निकाला गया, तो आने वाले समय में त्यौहारों के मौके पर भोपाल की जनता परेशान होती नजर आएगी.

भोपाल नगर निगम कर्मचारी की हड़ताल
डोर टू डोर कचरा कलेक्शन पर ब्रेक

नगर निगम के कर्मचारी रोज डोर टू डोर घरों से लेकर दुकानों और व्यवसायिक मार्केट से कचरा उठाते हैं, अगर एक दिन भी शहर से कचरा न उठाया गया तो हजारों मैट्रिक कचरा शहर में जमा हो जाएगा. इसके अलावा शहर में निगम के कचरा प्लांट भी बंद रहेंगे. यहां हर रोज कचरा को रीसायकल कर खाद बनाई जाती है. साथ ही निगम के वर्कशॉप में मैकेनिक भी हड़ताल पर रहेंगे, तो निगम की कोई भी गाड़ी सुधर नहीं पाएगी. इसके अलावा उन इलाकों में भी सबसे ज्यादा परेशानी हो सकती है, जिन इलाकों में टैंकर के माध्यम से पानी सप्लाई किया जाता है. कर्मचारी नेताओं ने साफ कर दिया है कि अगर मांगे पूरी नहीं हुई तो सब कुछ ठप हो जाएगा, आम हो या खास कहीं से कचरा नहीं उठाया जाएगा.

कितना पड़ेगा असर

  • भोपाल नगर निगम के करीब 6 हजार कर्मचारी करेंगे हड़ताल
  • 1500 निगम की गाड़ियों पर लगेगा ब्रेक
  • राजभवन से लेकर मुख्यमंत्री निवास, मंत्री, विधायक, आईएएस, आईपीएस समेत किसी भी वार्ड से नहीं उठाया जाएगा कचरा
  • टैंकर के माध्यम से होने वाली पानी की सप्लाई भी हो सकती है प्रभावित

भोपाल। त्यौहारों के बीच राजधानी भोपाल में एक हफ्ते बाद से कचरा उठाने को लेकर दिक्कत आ सकती है. दरअसल 11 नवंबर से भोपाल के करीब 6 हजार नगर निगम कर्मचारी अपनी 5 सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल पर जाने की तैयारी कर रहे हैं.

तीन चरण में आंदोलन

नगर निगम के कर्मचारी तीन चरण पर अपनी मांगों को लेकर आंदोलन करेंगे. 5 नवंबर को कर्मचारी काली पट्टी बांधकर अपना विरोध जताएंगे, 7 नवंबर को कर्मचारी नगर निगम मुख्यालय का घेराव करेंगे और 11 नवंबर से कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे, लेकिन दिवाली के पहले अगर नगर निगम के कर्मचारी हड़ताल पर जाते हैं तो शहर में गंदगी का अंबार लग सकता है.

ये है पांच सूत्रीय मांगें

  1. नगर निगम के 6 हजार कर्मचारियों को 25 दिवसीय से नियमित किया जाए और 25 दिवसीय प्रथा खत्म की जाए.
  2. भोपाल में स्थाई दिवंगत कर्मचारियों के आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति सहित नियमित कर्मचारी के समान समस्त सुविधाओं का लाभ दिया जाए.
  3. जिस विभाग में कर्मचारी पदस्थ है उसी में उन्हें पदस्थ किया जाए और नियमित किया जाए.
  4. कर्मचारियों को अवकाश का लाभ नहीं दिया जाता है, सप्ताह में एक दिन अवकाश का लाभ दिया जाए.
  5. कुछ अधिकारी और सुपरवाइजर का व्यवहार कर्मचारियों के प्रति ठीक नहीं है, कई अधिकारी सुपरवाइजर सालों से एक ही जगह पर जमे हुए हैं उन्हें तत्काल हटाया जाए.

आंदोलन जनता के लिए बनेगी मुसीबत

कर्मचारी नेताओं का कहना है कि हमारी मांगों को पूरा किया जाए, नहीं तो 11 नवंबर के बाद से शहर मे कहीं भी कचरा नहीं उठेगा. साथ ही कर्मचारियों ने भोपाल की जनता से माफी मांगते हुए कहा दिवाली के मौके पर ये हड़ताल हैं लेकिन हमारी समस्या काफी लंबी है और कहीं इसकी कोई सुनवाई नहीं हो रही. 11 नवंबर से पहले अगर आंदोलन का हल नहीं निकाला गया, तो आने वाले समय में त्यौहारों के मौके पर भोपाल की जनता परेशान होती नजर आएगी.

भोपाल नगर निगम कर्मचारी की हड़ताल
डोर टू डोर कचरा कलेक्शन पर ब्रेक

नगर निगम के कर्मचारी रोज डोर टू डोर घरों से लेकर दुकानों और व्यवसायिक मार्केट से कचरा उठाते हैं, अगर एक दिन भी शहर से कचरा न उठाया गया तो हजारों मैट्रिक कचरा शहर में जमा हो जाएगा. इसके अलावा शहर में निगम के कचरा प्लांट भी बंद रहेंगे. यहां हर रोज कचरा को रीसायकल कर खाद बनाई जाती है. साथ ही निगम के वर्कशॉप में मैकेनिक भी हड़ताल पर रहेंगे, तो निगम की कोई भी गाड़ी सुधर नहीं पाएगी. इसके अलावा उन इलाकों में भी सबसे ज्यादा परेशानी हो सकती है, जिन इलाकों में टैंकर के माध्यम से पानी सप्लाई किया जाता है. कर्मचारी नेताओं ने साफ कर दिया है कि अगर मांगे पूरी नहीं हुई तो सब कुछ ठप हो जाएगा, आम हो या खास कहीं से कचरा नहीं उठाया जाएगा.

कितना पड़ेगा असर

  • भोपाल नगर निगम के करीब 6 हजार कर्मचारी करेंगे हड़ताल
  • 1500 निगम की गाड़ियों पर लगेगा ब्रेक
  • राजभवन से लेकर मुख्यमंत्री निवास, मंत्री, विधायक, आईएएस, आईपीएस समेत किसी भी वार्ड से नहीं उठाया जाएगा कचरा
  • टैंकर के माध्यम से होने वाली पानी की सप्लाई भी हो सकती है प्रभावित
Last Updated : Nov 4, 2020, 7:01 PM IST
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