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चौंकाने वाली नहीं...पर चमत्कारी सूची, 24 घंटे पुराने कार्यकर्ता को पार्टी ने बनाया उम्मीदवार, कमलनाथ को आईकॉन बताने वाले नेता को भी टिकट - bhopal latest news

Siddharth Tiwari Got Ticket from Teonthar: एमपी में भाजपा ने चुनाव को लेकर अपने प्रत्याशियों की पांचवी लिस्ट जारी कर दी है. लिस्ट में 92 उम्मीदवारों का ऐलान किया है. पार्टी ने कई नए चेहरों पर अपना भरोसा जताया है. 24 घंटे पहले पार्टी में शामिल हुए सिद्धार्थ तिवारी को पार्टी ने त्योंथर से टिकट दिया. वहीं कमलनाथ को आईकॉन बताने वाले नेता शरद कौल को ब्यौहारी से टिकट दिया गया है.

mp election 2023
त्योंथर से सिद्धार्थ तिवारी को मिला टिकट
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Oct 21, 2023, 8:19 PM IST

भोपाल। 92 उम्मीदवारों वाली बीजेपी की पांचवी सूची में चौंकाने जैसा कुछ नहीं है, लेकिन कई चमत्कार हैं. इस सूची में स्काईलैब सी लैडिंग वाले उम्मीदवार भी हैं. पार्टी में कुल जमा 24 घंटे के तजुर्बे वाले सिद्धार्थ तिवारी को पार्टी ने त्योंथर से अपना उम्मीदवार बना दिया है. यानि इधर पार्टी की सदस्यता ली और उधर पार्टी ने सीधे उन्हें मैदान में उतार दिया. पांचवी सूची में सिद्धार्थ अकेले नहीं हैं...इसी महीने बीजेपी की सदस्यता लेने वाले सचिन बिड़ला को भी पार्टी ने बड़वाह सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है. एमपी के 2023 के विधानसभा चुनाव हर मायने में दिलचस्प हैं.

इधर एंट्री उधर टिकट भी: बीजेपी में अब भी ऐसे निष्ठावान बीजेपी कार्यकर्ताओं की लंबी कतार है. जिन्होंने अपनी पूरी उम्र बीजेपी के लिए काम करते खपा दी. लेकिन संगठन से सत्ता का रास्ता ये कार्यकर्ता तय नहीं कर पाए. कई ऐसे नेता हैं जिनकी चुनाव लड़ने की हसरत भी अधूरी रह गई. लेकिन 2020 के बाद बदली बीजेपी में अब कई सालों का त्याग और परिश्रम नहीं कुछ घंटे की सदस्यता भी पार्टी में उम्मीदवारी का क्राइटेरिया हो जाती है, बशर्ते जीतने वाला प्रत्याशी हों. बड़वाह से सचिन बिड़ला और त्योंथर से पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी के पोते सिद्धार्थ तिवारी की उम्मीदवारी इसी अंदाज में हुई है. दोनों प्रत्याशियों को पार्टी में आए पूरा एक महीना भी नहीं बीता. लेकिन इधर एंट्री ली तो उधर टिकट भी पक्का हो गया.

सपा और कांग्रेस से आए भी पार्टी के मेरे अपने: 2020 में कांग्रेस छोड़कर आए सिंधिया समर्थकों में भी पोहरी सीट से सुरेश राठखेड़ा को फिर टिकट दिया गया है. इसके अलावा विवादित होने के बावजूद बम्हौरी सीट से सिंधिया के प्रबल समर्थक महेन्द्र सिंह सिसौदिया मैदान में हैं. अशोक नगर से पार्टी ने जजपाल सिंह जज्जी को ही अपना उम्मीदवार बनाया है. बिजावर से राजेश शुक्ला को टिकट दिया है. जिन्होंने 2018 का विधानसभा चुनाव समाजवादी पार्टी से लड़ा था.

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बल्ला घुमाने वाले आकाश हिट विकेट हुए: वैसे तो कैलाश विजयवर्गीय को टिकट दिए जाने के साथ ही तय हो गया था कि अब आकाश विजयवर्गीय का पत्ता कट चुका है और आकाश विजयवर्गीय ने भी समय रहते संभाल करते हुए पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा को चिट्ठी लिख दी थी कि वे चुनाव नहीं लड़ना चाहते. लेकिन इंदौर तीन से राकेश गोलू शुक्ला को उम्मीदवार घोषत किए जाने के साथ साफ हो गया कि अब बैट्स मैन आकाश को पार्टी ने पिच पर नहीं उतारा.

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ब्यौहारी से शरद कौल को टिकट

कमलनाथ को आईकॉन बताने वाले नेता को टिकट: ब्यौहारी विधानसभा सीट से जिन शरद कौल को पार्टी ने अपना उम्मीदवार बनाया है. उनके राजनीतिक इतिहास में बहुत लंबा नहीं जाना पड़ेगा...और ये सच्चाई सामने आ जाएगी कि किस तरह अपनी पार्टी के खिलाफ जाकर उन्होंने कमलनाथ सरकार का एक विधेयक पर समर्थन किया था और बीजेपी के खिलाफ बयानबाजी भी की थी. साथ ही कमलनाथ को अपना आईकॉन बताया था.

बड़े दिल की भाजपा ने शरद कौल को माफ किया: ब्यौहारी विधानसभा सीट से मैदान में उतारे गए शरद कौल की राजनीति का इतिहास नारायण त्रिपाठी के आस पास का ही रहा है. आस पास का इन मायनों में कि वे भी कांग्रेस और बीजेपी के बीच अवसर के साथ छलांगे लगाते रहे हैं. लेकिन हैरत की बात ये कि इन्ही शरद कौल ने अठारह महीने की कमलनाथ सरकार के दौर में एक विधेयक पर अपनी पार्टी के खिलाफ जाकर सरकार का समर्थन किया था. कौल इतने पर ही नहीं रुके उन्होंने तत्कालीन सीएम कमलनाथ के साथ बैठकर बीजेपी के खिलाफ बयानबाजी की थी. कमलनाथ को अपना आइकॉन बता चुके थे शरद कौल.

भोपाल। 92 उम्मीदवारों वाली बीजेपी की पांचवी सूची में चौंकाने जैसा कुछ नहीं है, लेकिन कई चमत्कार हैं. इस सूची में स्काईलैब सी लैडिंग वाले उम्मीदवार भी हैं. पार्टी में कुल जमा 24 घंटे के तजुर्बे वाले सिद्धार्थ तिवारी को पार्टी ने त्योंथर से अपना उम्मीदवार बना दिया है. यानि इधर पार्टी की सदस्यता ली और उधर पार्टी ने सीधे उन्हें मैदान में उतार दिया. पांचवी सूची में सिद्धार्थ अकेले नहीं हैं...इसी महीने बीजेपी की सदस्यता लेने वाले सचिन बिड़ला को भी पार्टी ने बड़वाह सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है. एमपी के 2023 के विधानसभा चुनाव हर मायने में दिलचस्प हैं.

इधर एंट्री उधर टिकट भी: बीजेपी में अब भी ऐसे निष्ठावान बीजेपी कार्यकर्ताओं की लंबी कतार है. जिन्होंने अपनी पूरी उम्र बीजेपी के लिए काम करते खपा दी. लेकिन संगठन से सत्ता का रास्ता ये कार्यकर्ता तय नहीं कर पाए. कई ऐसे नेता हैं जिनकी चुनाव लड़ने की हसरत भी अधूरी रह गई. लेकिन 2020 के बाद बदली बीजेपी में अब कई सालों का त्याग और परिश्रम नहीं कुछ घंटे की सदस्यता भी पार्टी में उम्मीदवारी का क्राइटेरिया हो जाती है, बशर्ते जीतने वाला प्रत्याशी हों. बड़वाह से सचिन बिड़ला और त्योंथर से पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी के पोते सिद्धार्थ तिवारी की उम्मीदवारी इसी अंदाज में हुई है. दोनों प्रत्याशियों को पार्टी में आए पूरा एक महीना भी नहीं बीता. लेकिन इधर एंट्री ली तो उधर टिकट भी पक्का हो गया.

सपा और कांग्रेस से आए भी पार्टी के मेरे अपने: 2020 में कांग्रेस छोड़कर आए सिंधिया समर्थकों में भी पोहरी सीट से सुरेश राठखेड़ा को फिर टिकट दिया गया है. इसके अलावा विवादित होने के बावजूद बम्हौरी सीट से सिंधिया के प्रबल समर्थक महेन्द्र सिंह सिसौदिया मैदान में हैं. अशोक नगर से पार्टी ने जजपाल सिंह जज्जी को ही अपना उम्मीदवार बनाया है. बिजावर से राजेश शुक्ला को टिकट दिया है. जिन्होंने 2018 का विधानसभा चुनाव समाजवादी पार्टी से लड़ा था.

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mp election 2023
ब्यौहारी से शरद कौल को टिकट

कमलनाथ को आईकॉन बताने वाले नेता को टिकट: ब्यौहारी विधानसभा सीट से जिन शरद कौल को पार्टी ने अपना उम्मीदवार बनाया है. उनके राजनीतिक इतिहास में बहुत लंबा नहीं जाना पड़ेगा...और ये सच्चाई सामने आ जाएगी कि किस तरह अपनी पार्टी के खिलाफ जाकर उन्होंने कमलनाथ सरकार का एक विधेयक पर समर्थन किया था और बीजेपी के खिलाफ बयानबाजी भी की थी. साथ ही कमलनाथ को अपना आईकॉन बताया था.

बड़े दिल की भाजपा ने शरद कौल को माफ किया: ब्यौहारी विधानसभा सीट से मैदान में उतारे गए शरद कौल की राजनीति का इतिहास नारायण त्रिपाठी के आस पास का ही रहा है. आस पास का इन मायनों में कि वे भी कांग्रेस और बीजेपी के बीच अवसर के साथ छलांगे लगाते रहे हैं. लेकिन हैरत की बात ये कि इन्ही शरद कौल ने अठारह महीने की कमलनाथ सरकार के दौर में एक विधेयक पर अपनी पार्टी के खिलाफ जाकर सरकार का समर्थन किया था. कौल इतने पर ही नहीं रुके उन्होंने तत्कालीन सीएम कमलनाथ के साथ बैठकर बीजेपी के खिलाफ बयानबाजी की थी. कमलनाथ को अपना आइकॉन बता चुके थे शरद कौल.

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