भोपाल। लोकायुक्त पुलिस ने एक सहायक जेल अधीक्षक को एक व्यक्ति से 20 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया है. (Bhopal Lokayukta Police Action) यह रिश्वत व्यक्ति से जेल में बंद उसके एक रिश्तेदार को वहां प्रताड़ित ना करने, उनसे मुलाकात करवाने के साथ अन्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने के एवज में मांगी गई थी. मामले को लेकर शिकायतकर्ता ने कहा कि, काफी समय से जेल अधीक्षक हमसे 20 हजार रुपये की मांग कर रहा था. इसके बाद हमने लोकायुक्त को लिखित शिकायत दी थी. लोकायुक्त अधिकारी ने कहा कि, इनकी संपत्ति की भी जांच की जाएगी.
मामले का खुलासा: सहायक जेल अधीक्षक महावीर सिंह बघेल आवेदक के साले रामनिवास और 4 अन्य लोगों को जेल में किसी भी तरह की कोई भी समस्या ना हो इसके एवज में पैसे ले रहा था. इस पूरे मामले का खुलासा उस समय हुआ जब 5 जनवरी को अचानक आवेदन अर्जुन पवार पिता बाबूलाल पवार निवासी बजरंगकुटी नसरुल्लागंज जिला सीहोर ने मामले से जुड़ी जानकारी पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त भोपाल को दी थी.
लोकायुक्त को देख जिला पंचायत कार्यालय में मची भगदड़, 20 हजार की रिश्वत लेते हुए पकड़ाया लिपिक
रंगे हाथ गिरफ्तार: जब इस मामले की जांच की गई तो पाया गया कि महावीर सिंह बघेल की छवि एक भ्रष्ट अधिकारी की है. वहीं रिश्वत लेने शिकायत की. उसे सही पाते हुए भोपाल लोकायुक्त ने इस कार्यवाही को अंजाम दिया. इस पूरे मामले में पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त भोपाल के निर्देशन पर गुरुवार को डीएसपी सलिल शर्मा के नेतृत्व में ट्रेपकर्ता अधिकारी निरीक्षक घनश्याम मार्सकोले, निरीक्षक आशीष भट्टाचार्य, निरीक्षक मयूरी गौर की टीम द्वारा योजनाबद्ध तरीके से आरोपी सहायक जेल अधीक्षक महावीर सिंह बघेल को उनके जेल परिसर के समीप स्थित शासकीय आवास पर जेल प्रहरियों व द्वारपाल को चकमा देकर कुशलतापूर्वक 20 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथो गिरफ्तार किया गया.