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पत्नी को हुआ ब्लड कैंसर, पति ने लगाई तलाक की अर्जी

कहते हैं पति-पत्नी का रिश्ता सात जन्मों का होता है लेकिन एक पति अपनी पत्नी को इसलिए छोड़ना चाहता है क्योंकि उसे ब्लड कैंसर है.

पत्नी को कैंसर, पत्नी ने दी तलाक की अर्जी
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Published : Oct 29, 2019, 6:31 PM IST

Updated : Oct 29, 2019, 7:17 PM IST

भोपाल- शादी के सात फेरों में सात वचन होते हैं, जिसमें सबसे अहम होता है, हर परिस्थिति में साथ निभाने का, लेकिन भोपाल में एक पति ने पत्नी के बीमार होते ही तलाक की अर्जी लगा दी. शादी के कुछ सालों तक तो सब ठीक चला, लेकिन साल 2015 में जैसे ही पति को मालूम हुआ कि पत्नी को ब्लड कैंसर है तो उसने दूरियां बढ़ाने लगा और एक दिन फैमिली कोर्ट में तलाक की अर्जी लगा दी, लेकिन पत्नी का कहना है कि वो अपने पति से दूर नहीं जाना चाहती और आखिरी सांस तक अपने पति के साथ रहना चाहती है.

पत्नी को कैंसर, पत्नी ने दी तलाक की अर्जी

गौरतलब है कि पति का नाम दीपक दुबे है, जो कि एक निजी कंपनी में एचआर है. दीपक की शादी साल 2002 में शालिनी दुबे से हुई थी और उन्हें 12 सला का बेटा भी है. जिस वक्त पति को पत्नी की बीमारी का पता चला, उसके एक दो साल तो इलाज कराया लेकिन जैसे-जैसे बीमारी बढ़ती गई, पति ने भी दूरियां बढ़ानी शुरू कर दी और उसे मायके भेज दिया. पत्नी करीब 3 सालों से मायके में अपने बेटे के साथ रह ही है, इलाज का पूरा खर्च और बच्चे की पढ़ाई मायके वाले ही करा रहे हैं. जब दोनों पक्षों की काउंसलिंग कराई गई तो पति ने तलाक की बात कही, इतना ही नहीं पति जल्द से जल्द दूसरी शादी करना चाहता है. फिलहाल पूरा मामला फैमिली कोर्ट में चल रहा है .

भोपाल- शादी के सात फेरों में सात वचन होते हैं, जिसमें सबसे अहम होता है, हर परिस्थिति में साथ निभाने का, लेकिन भोपाल में एक पति ने पत्नी के बीमार होते ही तलाक की अर्जी लगा दी. शादी के कुछ सालों तक तो सब ठीक चला, लेकिन साल 2015 में जैसे ही पति को मालूम हुआ कि पत्नी को ब्लड कैंसर है तो उसने दूरियां बढ़ाने लगा और एक दिन फैमिली कोर्ट में तलाक की अर्जी लगा दी, लेकिन पत्नी का कहना है कि वो अपने पति से दूर नहीं जाना चाहती और आखिरी सांस तक अपने पति के साथ रहना चाहती है.

पत्नी को कैंसर, पत्नी ने दी तलाक की अर्जी

गौरतलब है कि पति का नाम दीपक दुबे है, जो कि एक निजी कंपनी में एचआर है. दीपक की शादी साल 2002 में शालिनी दुबे से हुई थी और उन्हें 12 सला का बेटा भी है. जिस वक्त पति को पत्नी की बीमारी का पता चला, उसके एक दो साल तो इलाज कराया लेकिन जैसे-जैसे बीमारी बढ़ती गई, पति ने भी दूरियां बढ़ानी शुरू कर दी और उसे मायके भेज दिया. पत्नी करीब 3 सालों से मायके में अपने बेटे के साथ रह ही है, इलाज का पूरा खर्च और बच्चे की पढ़ाई मायके वाले ही करा रहे हैं. जब दोनों पक्षों की काउंसलिंग कराई गई तो पति ने तलाक की बात कही, इतना ही नहीं पति जल्द से जल्द दूसरी शादी करना चाहता है. फिलहाल पूरा मामला फैमिली कोर्ट में चल रहा है .

Intro:शादी के समय जो पति पत्नी सुख दुख में साथ रहने का वचन लेते हैं जीने मरने की कसमें खाते हैं आज वही पति पत्नी सुख में तो साथ है लेकिन दुख में साथ नहीं निभाना चाहते जिंगा राजधानी भोपाल में एक ऐसा ही मामला सामने आया है जहां पत्नी को ब्लड कैंसर होने पर पति ने कुटुंब न्यायालय में तलाक की अर्जी लगा दी,Body:शादी के समय जो पति पत्नी सुख दुख में साथ रहने का वचन लेते हैं जीने मरने की कसमें खाते हैं आज वही पति पत्नी सुख में तो साथ है लेकिन दुख में साथ नहीं निभाना चाहते जिंगा राजधानी भोपाल में एक ऐसा ही मामला सामने आया है जहां पत्नी को ब्लड कैंसर होने पर पति ने कुटुंब न्यायालय में तलाक की अर्जी लगा दी,
शादी के बाद पति पत्नी का रिश्ता सात जन्मों का होता है लेकिन एक मामले में जब पत्नी को ब्लड कैंसर हुआ तो पति ने साथ देने के बजाय तलाक के लिए आवेदन लगा दिया जिनकी काउंसलिंग कुटुंब न्यायालय में चल रही है काउंसलर्स शैल अवस्थी ने बताया कि उनके पास एक ऐसा मामला आया है जहां पति पत्नी खुशी से अपना जीवन व्यतीत कर रहे थे लेकिन अचानक पत्नी को ब्लड कैंसर होने से पति पत्नी से दूरियां बनाने लगा और तलाक की अर्जी लगा दी उन्होंने बताया कि इस पूरे मामले में पत्नी पति को तलाक नहीं देना चाहती है पत्नी का कहना है कि मैंने अपने जीवन के अनमोल पल अपने पति के साथ बिताए हैं आखिरी सांसे भी उन्हीं के साथ लेना चाहती हूं जाते-जाते तलाक का ठप्पा नहीं लगाना चाहती वह इस पूरे मामले में पति तलाक देने की जिद पर अड़ा है

गौरतलब है कि महिला का पति दीपक दुबे एक निजी कंपनी में एचआर है सन 2002 में शालिनी दुबे से शादी की दोनों का 12 साल का बेटा भी है पति को 2015 में पता चला था कि पत्नी को ब्लड कैंसर है तब पति ने एक दो साल तक इलाज कराया लेकिन फिर भी मारी बढ़ती गई तो उसे मायके भेज दिया महिला करीब 3 साल से मायके में अपने 12 साल के बेटे के साथ रह रही है उसका इलाज का खर्च और बच्चे की पढ़ाई का खर्च भी उसके मायके वाले ही उठा रहे हैं जब दोनों पक्षों की काउंसलिंग की गई तो पति अपनी बीमार पत्नी को किसी भी हाल में रखने को तैयार नहीं है पति महिला को तलाक देकर दूसरी शादी करना चाहता है फिलहाल मामले की काउंसलिंग कुटुंब न्यायालय में चल रही है इस पूरे मामले की काउंसलिंग काउंसलर शैल अवस्थी द्वारा की जा रही है

शैल अवस्थी काउंसलरConclusion:भोपाल के कुटुंब न्यायालय में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसे सुनकर रिश्तो पर से विश्वास उठ जाए राजधानी के कुटुंब न्यायालय में एक पति ने अपनी पत्नी को तलाक देने की अर्जी लगाई है पत्नी को ब्लड कैंसर होने पर पति ने पत्नी को छोड़ने का फैसला लिया
Last Updated : Oct 29, 2019, 7:17 PM IST
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