भोपाल। हिंदू धर्म ग्रंथों को अभी तक उनको पढ़कर या फिर साधु-संतों के प्रवचन के माध्यम से ही समझा जाता रहा है. अब इन धार्मिंक ग्रंथों के सार को चित्रों के माध्यम से भी लोग समझ सकेंगे. इसके लिए मध्यप्रदेश संस्कृति विभाग देश के जाने-माने चित्रकारों से धार्मिक ग्रंथों के उपदेशों की पेंटिंग तैयार करा रहा है. इसमें श्रीमद्भागवत के अलावा, अग्नि पुराण, मत्स्य पुराण, विष्णु पुराण, वाराह पुराण आदि के उपदेशों की पेटिंग शामिल हैं.
अलग-अलग शैली में तैयार हो रही पेंटिंगः हिंदु धर्म में अलग-अलग 18 पुराण हैं. इन पुराणों में देवी देवताओं पर आधारित कई गाथाएं कहीं गई हैं. इन गाथाओं के माध्यम से पाप-पुण्य, धर्म-अधर्म के बारे में बताया गया है. इन पुराणों में ब्रह्म पुराण, पद्म पुराण, विष्णु पुराण, भागवत पुराण, वायु पुराण हैं. अलग-अलग पुराण में अलग-अलग देवी देवताओं के बारे में समझाया गया है. यह सभी संस्कृत भाषा में हैं. जनजातीय संग्रहालय के क्यूरेटर अशोक मिश्रा के मुताबित इन धर्म ग्रंथों के उपदेशाें को चित्रों के माध्यम से समझाने के लिए देश के ख्यातिनाम चित्रकारों से पेंटिंग तैयार कराई जा रही है. अलग-अलग धर्म ग्रंथ की पेंटिंग अलग-अलग शैली में रहेगी.
300 चित्रों में होगा श्रीमद्भागवत का सारः संस्कृति विभाग द्वारा तैयार कराई जा रही पेंटिंग के लिए देश के जाने-माने चित्रकारों का चयन किया गया है. इनमें प्रहलाद महाराज, विश्वनाथ रेड्डी, कैलाश चंद्र शर्मा, रघुपति भट्ट, पद्मश्री भज्जू श्याम, शहजाद अली आदि हैं. इन चित्रकारों द्वारा अलग-अलग पुराणों के चित्र तैयार किए जा रहे हैं. श्रीमदभागवत के 300 पेंटिंग तैयार की जा रही है. इसी तरह विष्णु पुराण की 150 पेंटिंग, मार्कण्डेय पुराण की 90 पेंटिंग, लिंग पुराण की 179 पेंटिंग, वायु पुराण के 50 चित्र, वाराह पुराण की कुल 50 पेंटिंग तैयार करवाई जा रही हैं.
महाकाल नगरी में लगाई जाएंगी पेंटिंगः तैयार कराई जा रही यह सभी पेंटिंग की शैली भी अलग-अलग होगी. पद्म श्री भज्जू श्याम द्वारा वाराह पुराण की पेंटिंग गौड शैली में तैयार की जा रही हैं. इसी तरह वायु पुराण की पेंटिंग सुजीव कुमार द्वारा केरला म्यूरल और पद्म पुराण की पेंटिंग किशनगढ़ शैली में दिखाई देंगी. जनजातीय संग्रहालय के क्यूरेटर अशोक मिश्रा के मुताबिक तैयार होने वाली इन पेंटिंग को उज्जैन के त्रिवेणी संग्रहालय में प्रदर्शित किया जाएगा.