भोपाल। आखिरकार एनजीटी की रोक के बाद भोपाल के बड़े तालाब में क्रूज़ सहित दो दर्जन मोटर बोटो का संचालन गुरुवार से बंद हो गया. इसको लेकर एनजीटी ने रोक लगाई थी और तालाब के प्रदूषित होने को लेकर सख्त निर्देश जारी किए थे. जिसके बाद गुरुवार को यहां दिन के समय मोटर बोट और शाम को क्रूज का संचालन नहीं किया गया. जबकि मंगलवार को यह आदेश निकाले थे और बुधवार को क्रूज का संचालन बेधड़क जारी था. ऐसे में इसके संचालन की खबरें सामने आने के बाद आखिरकार पर्यटन विकास निगम ने इसके संचालन पर रोक लगा दी.
NGT ने क्रूज सहित मोटर बोटों पर लगाया बैन: आपको बता दें की भोपाल के बड़े तालाब पर चल रहे क्रूज के साथ ही अन्य जलाशय में क्रूज बोट चलने पर बैन मंगलवार को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की केंद्रीय पीठ ने लगा दिया था. जिसमें वेटलैंड नियम 2017 के तहत बफर जोन के अंदर हो रहे निर्माण पर बैन लगाने की बात कही गई थी. यह मामला भोपाल नगर निगम परिषद की बैठक में भी उठा था. जिसे कांग्रेस पार्षदों ने उठाया था. दरअसल एनजीटी ने नगर निगम पर बड़े तालाब में निर्माण की अनुमति देने पर जुर्माना लगाया था. इस जुर्माने की भरपाई के लिए कांग्रेस पार्षदों ने नगर निगम के अधिकारियों को जिम्मेदार माना था और उनके वेतन से इस हर्जाने के पैसे की पूर्ति करने की बात कही थी, लेकिन भाजपा पार्षदों ने इस बात पर यह तर्क दिए थे कि क्रूस का संचालन पर्यटन निगम के माध्यम से हो रहा है. जबकि भोज वेटलैंड के अधिकारियों ने सिर्फ अनुमति की प्रक्रिया की है. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट जाकर याचिका दायर करने की बात 4 दिन पहले कही गई थी.
आदेश के बाद भी बुधवार शाम तक चलते रहे बोट: इधर एनजीटी ने साफ तौर पर अपने आदेश में कहा था कि बफर जोन के अंदर किए गए निर्माण को तुरंत हटाया जाए या तोड़ा जाए. आदेश का पालन करने के लिए पीसीबी को निर्देशित भी किया गया था, लेकिन मंगलवार को इस आदेश के बाद भी बुधवार को भोपाल के बड़े तालाब पर क्रूज का संचालन शाम के समय होता रहा. इसके बाद पर्यटन विकास निगम पर सवालिया निशान और एनजीटी के आदेश की अवहेलना के आरोप भी लगते रहे. दरअसल भोपाल के बड़े तालाब में क्रूज बोट का संचालन पर्यटन विभाग निगम करता है. इसके पहले बोट क्लब में ही फ्लोरिंग रेस्टोरेंट बनाने का मामला भी सामने आया था. जिसमें बड़े तालाब पर पिलर डालकर काम शुरू किया गया था. यह मामला ग्रीन ट्रिब्यूनल में पहुंचा था. जिसमें याचिका करता सुभाष पांडे ने याचिका लगाई थी. इसके बाद एनजीटी ने इस पर रोक लगा दी थी और निर्माण को तोड़ने के निर्देश दिए थे.
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कचरा और डीजल से होता प्रदूषण: क्रूज के संचालन से तालाब में डीजल और अन्य गतिविधियों से प्रदूषण का मामला सामने आया था. जिसमें कहा गया था कि क्रूज से निकलने वाले सॉलिड, लिक्विड कचरा से तालाब गंदा होता है. वहीं इसके डीजल से भी तालाब में पॉल्यूशन फैलता है. इसको लेकर पहले भी क्रूज की जांच हो चुकी है और जांच में भी यह बात सामने आई थी कि इससे निकलने वाला कचरा और डीजल आदि से तालाब प्रदूषित हो रहा है. इसकी एक रिपोर्ट भी एनजीटी को प्रस्तुत की गई थी. यह पूरी की पूरी जांच एनजीटी के निर्देश पर ही हुई थी.