भोपाल। मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में लगातार चीतों की मौत को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने प्रधानमंत्री मोदी पर कटाक्ष किया है. दिग्विजय सिंह ने कहा ''मोदी जी को ढूंढ रहा हूं, वह फोटोग्राफर कहां है, वह इसका भी चित्र ले लें तो अच्छा होगा.'' दिग्विजय सिंह भोपाल के मानस भवन में पूर्व मुख्यमंत्री कैलाष जोशी की याद में आयोजित संत स्मरण दिवस समारोह में पहुंचे थे. यहां मीडिया से रूबरू हुए दिग्विजय सिंह ने पटवारी परीक्षा को लेकर शिवराज सिंह चौहान की सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने सवाल किया कि ''आखिर इस परीक्षा की जांच करेगा कौन, जिसने खुद भ्रष्टाचार किया.''
आखिर ब्लैक लिस्टेड कंपनी को ही काम क्यों: दिग्विजय सिंह ने कहा कि ''ऑनलाइन परीक्षा जब से शुरू हुई है, उसमें क्या कारण है कि पहले व्यापमं और अब पीईबी. आखिर ब्लैक लिस्टेड कंपनी को ही क्यों इंगेज किया जाता है. जिनके खिलाफ शिकायतें हैं, उन्हीं को काम क्यों दिया जाता है. ऑनलाइन परीक्षा डेढ से दो महीने चलती है. हर परीक्षा के लिए अलग प्रश्न पत्र रखा जाता है. बाद में शिकायत आती है कि पैसा लेकर सॉल्वर बैठ जाते हैं. पटवारी परीक्षा में भी वही हुआ जो कि व्यामपं में हुआ था. लेकिन अब एक नई प्रक्रिया शुरू हो गई है कि बोर्ड तय करता है कि कौन सा पेपर कठिन था और कौन सा पेपर सरल था, जिसे नॉर्मलाइजेशन कहते हैं. अब इसमें भी भ्रष्टाचार होता है.
पास नहीं होने वाले मैरिट में आ गए: दिग्विजय सिंह ने कहा, ''नीतू राजपूत और एक अन्य मामला आया है, उसमें पहले उसके नंबर 169 आए और बाद में बताया कि उसके 86 नंबर हैं. 12 लाख लोगों ने विश्वास करके फॉर्म भरा आज वह ठगे महसूस कर रहे हैं. जो परीक्षा में पास नहीं हो सकते, वह मैरिट में आ रहे हैं. बालाघाट के दो परीक्षार्थी ने बालाघाट के स्थान पर ग्वालियर आकर परीक्षा दी और दोनों ने टॉप किया. अब सरकार कह रही है जांच करेगी, लेकिन जांच कौन करेगा, वहीं जिसने भ्रष्टाचार किया.''
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कैलाश जोशी ऐसे सीएम, जिन पर भ्रष्टाचार के आरोप नहीं: इसके पहले संत स्मरण दिवस समारोह में लोगों को संबोधित करते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा कि ''हाल पिपलिया में आज भी पूर्व सीएम कैलाश जोशी का दो कमरों का मकान है, जबकि जो राजनीति में बहुत अच्छे पदों पर नहीं रह पाए उनकी बड़ी-बड़ी कोठियां बन गईं, वे बड़ी गाड़ियों में घूमते हैं.'' दिग्विजय सिंह ने कहा कि राजनीतिक रास्ते हमारे अलग-अलग थे, लेकिन प्रतिशोध कभी नहीं था. हमेशा व्यवहार कुशलता से हमने काम किया. आज अगर वे जीवित होते, तो 92 साल के होते. उन्होंने अपना पूरा जीवन संत के रूप में जिया. उन्होंने कभी यह मौका नहीं दिया कि उन पर कभी भ्रष्टाचार का कोई आरोप भी लगा सके. राजनीति में यदि कोई आना चाहता है, किसी को आदर्श बनाना है तो कैलाश जोशी से बेहतर कोई और नहीं हो सकता, क्योंकि आजकल ईडी और आईटी के जमाने में यही एक रास्ता है जिससे आप खुद को बचा पाओगे.''