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भोपाल सीबीआई ने छत्तीसगढ़ में हुए 1 हजार करोड़ के घोटाला मामले में की FIR दर्ज - फिजिकल रेफरल रिहैबिलिटेशन सेंटर

रमन सिंह की सरकार के समय समाज कल्याण विभाग के अधीन कागजी संस्था बनाकर किए गए बहुचर्चित एक हजार करोड़ के घोटाले में CBI भोपाल के द्वारा मुकदमा दर्ज कर लिया गया है.

Bhopal CBI files case in Chhattisgarh famous one thousand crore scam
बहुचर्चित एक हजार करोड़ के घोटाले में भोपाल CBI ने दर्ज किया मुकदमा
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Published : Feb 5, 2020, 11:31 PM IST

Updated : Feb 5, 2020, 11:37 PM IST

भोपाल| छत्तीसगढ़ में रमन सरकार के कार्यकाल के दौरान समाज कल्याण विभाग के अधीन कागजी संस्था बनाकर किए गए बहुचर्चित एक हजार करोड़ के घोटाले में CBI भोपाल के द्वारा मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. CBI ने 7 आईएएस अधिकारियों के अलावा राज्य प्रशासनिक सेवा के 12 अधिकारियों पर मामला दर्ज किया गया है. इसके अलावा ये जानकारी सीबीआई के द्वारा हाई कोर्ट को भी दे दी गई है.

बहुचर्चित एक हजार करोड़ के घोटाले में भोपाल CBI ने दर्ज किया मुकदमा


समाज कल्याण विभाग में संविदा कर्मचारी कुंदन सिंह की एक याचिका पर हाई कोर्ट ने CBI को 7 दिनों में आरोपित अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू करने के निर्देश दिए थे. उसी के तहत ये कार्रवाई की गई है. संविदा कर्मचारी कुंदन सिंह ने अपनी याचिका में सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत मिली सूचनाओं को प्रमुख दस्तावेज के रूप में शामिल किया गया था. जिसमें बताया गया था कि साल 2004 से 2018 के बीच राज्य निशक्तजन स्रोत संस्था, फिजिकल रेफरल रिहैबिलिटेशन सेंटर के नाम से कागजी एनजीओ बनाकर सरकारी खजाने से करीब एक हजार करोड़ रुपए का घोटाला कर चुकी है. इसमें तत्कालीन आईएएस व राज्य सेवा संवर्ग के अधिकारी भी शामिल थे.


इस जनहित याचिका की सुनवाई जस्टिस प्रशांत मिश्रा व जस्टिस पीपी साहू की डिवीजन बेंच में हुई थी. डिवीजन बेंच ने घोटाले में फंसे आईएएस व राज्य सेवा संवर्ग के एक दर्जन अधिकारियों के खिलाफ एक सप्ताह में एफ आई आर दर्ज करने के लिए CBI को निर्देशित किया था. जिसके तहत कार्रवाई शुरू कर दी गई है. इस मामले में अभी किसी की गिरफ्तारी नहीं की गई है, साथ ही CBI के द्वारा नामों का खुलासा भी नहीं किया गया है, लेकिन बताया जा रहा है कि इस पूरे घोटाले में छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्य सचिव के अलावा राज्य प्रशासनिक सेवा के कई बड़े अधिकारी शामिल हैं. जिन पर जल्द ही CBI अपना शिकंजा कस सकती है.

भोपाल| छत्तीसगढ़ में रमन सरकार के कार्यकाल के दौरान समाज कल्याण विभाग के अधीन कागजी संस्था बनाकर किए गए बहुचर्चित एक हजार करोड़ के घोटाले में CBI भोपाल के द्वारा मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. CBI ने 7 आईएएस अधिकारियों के अलावा राज्य प्रशासनिक सेवा के 12 अधिकारियों पर मामला दर्ज किया गया है. इसके अलावा ये जानकारी सीबीआई के द्वारा हाई कोर्ट को भी दे दी गई है.

बहुचर्चित एक हजार करोड़ के घोटाले में भोपाल CBI ने दर्ज किया मुकदमा


समाज कल्याण विभाग में संविदा कर्मचारी कुंदन सिंह की एक याचिका पर हाई कोर्ट ने CBI को 7 दिनों में आरोपित अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू करने के निर्देश दिए थे. उसी के तहत ये कार्रवाई की गई है. संविदा कर्मचारी कुंदन सिंह ने अपनी याचिका में सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत मिली सूचनाओं को प्रमुख दस्तावेज के रूप में शामिल किया गया था. जिसमें बताया गया था कि साल 2004 से 2018 के बीच राज्य निशक्तजन स्रोत संस्था, फिजिकल रेफरल रिहैबिलिटेशन सेंटर के नाम से कागजी एनजीओ बनाकर सरकारी खजाने से करीब एक हजार करोड़ रुपए का घोटाला कर चुकी है. इसमें तत्कालीन आईएएस व राज्य सेवा संवर्ग के अधिकारी भी शामिल थे.


इस जनहित याचिका की सुनवाई जस्टिस प्रशांत मिश्रा व जस्टिस पीपी साहू की डिवीजन बेंच में हुई थी. डिवीजन बेंच ने घोटाले में फंसे आईएएस व राज्य सेवा संवर्ग के एक दर्जन अधिकारियों के खिलाफ एक सप्ताह में एफ आई आर दर्ज करने के लिए CBI को निर्देशित किया था. जिसके तहत कार्रवाई शुरू कर दी गई है. इस मामले में अभी किसी की गिरफ्तारी नहीं की गई है, साथ ही CBI के द्वारा नामों का खुलासा भी नहीं किया गया है, लेकिन बताया जा रहा है कि इस पूरे घोटाले में छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्य सचिव के अलावा राज्य प्रशासनिक सेवा के कई बड़े अधिकारी शामिल हैं. जिन पर जल्द ही CBI अपना शिकंजा कस सकती है.

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छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित एक हजार करोड़ के घोटाले में भोपाल सीबीआई ने दर्ज किया मुकदमा, हो सकती है बड़ी कार्यवाही



भोपाल | छत्तीसगढ़ में रमन सरकार के कार्यकाल के दौरान समाज कल्याण विभाग के अधीन कागजी संस्था बनाकर किए गए बहुचर्चित 1000 करोड़ के घोटाले में सीबीआई भोपाल के द्वारा मुकदमा दर्ज कर लिया गया है मुकदमे में 7 आईएएस अधिकारियों के अलावा राज्य प्रशासनिक सेवा के 12 अधिकारियों पर मामला दर्ज किया गया है इसके अलावा यह जानकारी सीबीआई के द्वारा हाई कोर्ट को भी दे दी गई है


Body:बता दें कि समाज कल्याण विभाग में संविदा कर्मचारी कुंदन सिंह की एक याचिका पर हाईकोर्ट ने सीबीआई को 7 दिनों में आरोपित अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू करने के निर्देश दिए थे उसी के तहत यह कार्यवाही की गई है संविदा कर्मचारी कुंदन सिंह ने अपनी याचिका में सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत मिली सूचनाओं को प्रमुख दस्तावेज के रूप में शामिल किया गया था जिसमें बताया गया था कि वर्ष 2004 से वर्ष 2018 के बीच राज्य निशक्तजन स्रोत संस्था फिजिकल रेफरल रिहैबिलिटेशन सेंटर के नाम से कागजी एनजीओ बनाकर सरकारी खजाने से करीब एक हजार करोड़ रुपए का घोटाला तत्कालीन आईएएस व राज्य सेवा संवर्ग के अधिकारियों के द्वारा किया गया है


Conclusion:जो गया इस जनहित याचिका की सुनवाई जस्टिस प्रशांत मिश्रा व जस्टिस पीपी साहू की डिवीजन बेंच में हुई थी डिवीजन बेंच ने घोटाले में फंसे आईएएस व राज्य सेवा संवर्ग के एक दर्जन अधिकारियों के खिलाफ 1 सप्ताह में एफ आई आर दर्ज करने के लिए सीबीआई को निर्देशित किया था जिसके तहत आप कार्यवाही शुरू कर दी गई है हालांकि इस मामले में अभी किसी की गिरफ्तारी नहीं की गई है साथ ही सीबीआई के द्वारा नामों का खुलासा भी नहीं किया गया है लेकिन बताया जा रहा है कि इस पूरे घोटाले के मामले में छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्य सचिव के अलावा राज्य प्रशासनिक सेवा के कई बड़े अधिकारी शामिल है जिन पर जल्द ही सीबीआई अपना शिकंजा कस सकता है .
Last Updated : Feb 5, 2020, 11:37 PM IST
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