भोपाल। बारिश का मौसम शुरू होते ही भोपाल के आसपास पहाड़ी इलाकों में ढेर सारी झरने (Fall) बहने लगते हैं. लेकिन यह सभी जगह देखने में जितने खूबसूरत दिखाई देते हैं, उतनी ही खतरनाक हैं. खतरनाक उनके लिए हैं, जो रील्स और सेल्फी के लिए पागलपन की हदें पार करते हैं और फिर उतर जाते हैं. सबसे पहले बात करें महादेव पानी की. यह जगह दो दिन से चर्चा का विषय बनी हुई है, क्योंकि इस साल पहली बारिश के बाद यह फॉल जमकर बहना शुरू हुआ तो रविवार होने के कारण यहां खासी भीड़ लग गई. सेल्फी और रील्स बनाने के चक्कर में तीन नाबालिग लड़के तेज बहाव के बीच चले गए और बह गए.
एक युवक अभी भी लापता : हालांकि इनमें से दो को बचा लिया गया, जबकि एक अभी भी लापता हैं. ऐसा पहली बार नहीं हुआ, जब इस फॉल में कोई बहा हो. हर साल यहां हादसे होते हैं, लेकिन प्रशासन लोगों को रोक पाने में नाकाम साबित होता है. यह फॉल रायसेन जिले में आता है. रायसेन के एसपी विकास सहवाल ने बताया कि हमने पुलिसकर्मी तैनात कर दिए हैं और सुरक्षा बोर्ड भी लगा दिए हैं. मगरमच्छ वाले डैम में पांव पानी में डालकर बैठते हैं. शहर की दूसरी खूबसूरत मगर बेहद डेंजरर्स जगह है कलियासोत डैम. यह डेम दो तरफ से शहर से सटा है तो दो तरफ सड़क बनी हुई है. यानी चारों ही तरफ से लोग आ सकते हैं. देखने में बेहद खूबसूरत यह डैम तब खतरनाक हो जाता है, जब लोग नीचे की तरफ जाते हैं. दरअसल, इस डेम में कई मगरमच्छ हैं और अक्सर इन्हें डेम किनारे देखा गया है.
कलियासोत डैम भी खतरनाक : कलियासोत डैम दो थाना क्षेत्रों की सीमा से से सटा है. पहला कमला नगर और दूसरा शाहपुरा थाना. दो थानों की तरफ से डैम में डायल 100 की एक व्हीकल पूरे समय खड़ी होती है. लेकिन लोग खतरों के खिलाड़ी बनकर नीचे पहुंच ही जाते हैं. भोपाल की करीबी जगहों में तीसरी सबसे खूबसूरत लेकिन सबसे अधिक डेंजर जगह है अमरगढ़ फॉल. शहर से करीब 55 किमी दूर स्थित यह फॉल सीहोर जिले में आता है. बीते साल अक्टूबर माह में अचानक तेज बारिश आने से नाले के दूसरी तरफ 100 से अधिक लोग फंस गए थे. इन्हें निकालने के लिए भोपाल और सीहोर एसडीआरएफ की टीम ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया था. यह इलाका बाघ मूवमेंट वाला भी है.
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केरवा डैम नदी : शहर के सबसे फेमस पिकनिक स्पॉट के रूप में केरवा डैम को माना जाता है. यहां बड़ी संख्या में लोग जाते हैं. डैम के नीचे की तरफ से एक तेज नदी बहती है. कई बार करीब से सेल्फी लेने के चक्कर में हादसे हो जाते हैं. थोड़ी दूरी पर मौत का कुआं भी है. यहां हर साल किसी न किसी की मौत हुई है. इसके बाद भी लोग यहां पहुंचते हैं. शहर के करीबी इलाकों की बात करें तो पर्यटन स्थल कोलार डैम, कलियासोत डैम, मिनी पचमढ़ी सलामतपुर, केरवा जलप्रपात, सतकुंडा की हरीभरी पहाडिय़ां औबेदुल्लागंज, दोहटा जलप्रपात, अमरावद डैम सागर रोड, हलाली डैम, रायसेन का ऐतिहासिक किला पहाड़ी, बारना डैम बाड़ी, चिडिय़ाटोल खरबई, महादेव पानी गुफा के झरने, बेतवा कुंड भोजपुर, सांची के बौद्ध स्तूप, सीतातलाई झरना बाइपास आदि जगहों पर ऊंचे झरनों को देखने के लिए भारी तादाद में लोग पहुंचते हैं. प्रशासन की अधूरी तैयारी के कारण यहां हर बार हादसे होते हैं.