ETV Bharat / state

मध्यप्रदेश में भारत बंद का दिखा मिला-जुला असर, बंद को सफल बनाने में जुटी रही कांग्रेस

मध्यप्रदेश में भारत बंद का मिला जुला असर देखने मिला. कांग्रेस के बड़े नेता दिग्विजय सिंह, जीतू पटवारी और सज्जन सिंह वर्मा इंदौर में बंद के तहत धरने पर बैठे. वहीं ग्वालियर में केंद्रीय मंत्री के घर का घेराव हुआ. इस तरह कई जिलों में दुकानें खुली रही तो कई जगह दुकानें बंद भी रही.

Bharat bandh performance
भारत बंद का प्रदर्शन
author img

By

Published : Dec 8, 2020, 7:27 PM IST

Updated : Dec 8, 2020, 7:57 PM IST

भोपाल। तीन कृषि कानून के खिलाफ पिछले 12 दिनों से किसान दिल्ली में प्रदर्शन कर रहे हैं. इसी के चलते आज मतलब मंगलवार को 'भारत बंद' का आह्वान किया गया था. सुबह 11 बजे से भारत बंद शुरू होने के बाद प्रदेश में जगह-जगह कांग्रेस नेता सड़कों पर उतरे थे. जबकि इस दौरान किसान संगठन नजर नहीं आया. राजधानी भोपाल में प्रशासन ने सख्त पहरा रखा था. लिहाजा प्रदेश में भारत बंद का मिला जुला असर देखने को मिला. कई जगह दुकानें बंद मिली तो कई जगह दुकानें खुली भी रही.

प्रदेश में सबसे पहले उज्जैन में भारत बंद का समर्थन करने कांग्रेसी सड़क पर उतरे. जहां उन्होंने दुकानदारों से दुकानें बंद करने की अपील की थी, इस दौरान शहर में भारी पुलिस बल की तैनाती कर दी गई थी.वहीं राजधानी भोपाल में बंद को लेकर पहले से ही पुलिस बल तैनात कर दी गई थी, बाहर से आने वाले तमाम वाहनों की चैकिंग की जा रही थी.

इंदौर में दिग्विजय सिंह ने दिया धरना

इंदौर में बीते दिन ही प्रशासन ने धारा 144 लगा दी थी. जिसके बाद भी दिग्विजय सिंह ने वहां धरना देने की बात कही थी. अपने बयान के मुताबिक आज दिग्विजय सिंह इंदौर में छावनी अनाज मंडी पहुंचकर धरना दिया. इसके अलावा कांग्रेस के पूर्व मंत्री जीतू पटवारी और सज्जन सिंह वर्मा सहित कई नेताओं ने धरना प्रदर्शन किया.

पढ़ें:दिग्विजय सिंह ने जानी किसानों के मन की बात,कहा- कृषि कानून में संशोधन करे सरकार

ग्वालियर नरेंद्र सिंह तोमर के घर का हुआ घेराव

जबकि ग्वालियर में आप नेताओं ने केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के घर का घेराव किया था. जिसके बाद पुलिस ने करीब 18 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर सेंट्रल जेल भेजा था. इसके अलावा ग्वालियर में ही कांग्रेस नेताओं ने पीएम मोदी का पुतला फूंका था.

मंत्री भारत सिंह कुशवाह ने बंद को लेकर दिया बयान

भारत बंद को लेकर खाद्य प्रसंस्करण मंत्री भारत सिंह कुशवाह ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा था कि राजनीतिक पार्ट्रियां किसानों को बहलाकर दलगत की राजनीति करने में लगी हैं.

वीडी शर्मा ने कहा कांग्रेस की प्लानिंग हुई फेल

वहीं प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने बंद को लेकर बयान दिया है कि कांग्रेस की प्लानिंग पूरी तरह से फेल हो गई है. क्योंकि किसानों ने कांग्रेस का समर्थन नहीं किया. किसान कृषि कानून को समझ चुके हैं.

पढ़ें:कांग्रेस की प्लानिंग हुई फेल, भारत बंद में किसानों ने नहीं दिया साथ - वीडी शर्मा

सीएम ने ट्वीट कर पीएम मोदी को बताया किसान हितैषी

सीएम शिवराज ने ट्वीट कर लिखा है कि पीएम मोदी से बड़ा कोई किसान हितैषी नहीं है. किसान हित में भाजपा सरकार द्वारा कई ऐतिहासिक काम हुए है. जो विपक्ष आज अपनी राजनैतिक रोटियां सेंकने के लिए किसानों का झूठा हितैषी बनकर विरोध कर रहा है, इस बिल पर सभी ने पहले समर्थन दिया था.

कहीं बंद, कहीं प्रदर्शन तो कहीं मिला जुला असर

खरगोन में किसान ट्रैक्टर में भरकर जिला मुख्यालय पहुंचे थे. किसानों के साथ व्यापारियों ने भी समर्थन दिया था.वहीं प्रदेश के ग्वालियर चंबल अंचल की बात करें, जहां से बड़ी संख्या में किसान दिल्ली में धरने पर बैठे किसानों का समर्थन करने पहुंचे है. वहां भी सुबह से ही किसान मंडी गेट पर इकठ्ठे हो गए थे.जहां वे सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए कृषि कानून को वापस लाने की मांग कर रहे थे. जबलपुर में लंच के दौरान कर्मचारियों ने खाने का बहिष्कार कर समर्थन दिया था. जबकि भोपाल में राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ ने काली मंदिर चौराहे पर चक्काजाम किया था. इसी तरह प्रदेश के बाकी जिलों में जैसे हरदा, शिवपुरी,छिंदवाड़ा,रीवा और भिंड में भारत बंद का मिला जुला असर देखने को मिला. इसी तरह राजधानी भोपाल में भी बंद का कोई खास असर देखने को नहीं मिला.

बता दें ऑल इंडिया किसान संघर्ष को-ऑर्डिनेशन कमिटी के बैनर तले बुलाए गए भारत बंद में देशभर के 400 से ज्‍यादा किसान संगठन शामिल रहे. मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस समेत दर्जन भर राजनीतिक दलों ने भी बंद का समर्थन किया था.

भोपाल। तीन कृषि कानून के खिलाफ पिछले 12 दिनों से किसान दिल्ली में प्रदर्शन कर रहे हैं. इसी के चलते आज मतलब मंगलवार को 'भारत बंद' का आह्वान किया गया था. सुबह 11 बजे से भारत बंद शुरू होने के बाद प्रदेश में जगह-जगह कांग्रेस नेता सड़कों पर उतरे थे. जबकि इस दौरान किसान संगठन नजर नहीं आया. राजधानी भोपाल में प्रशासन ने सख्त पहरा रखा था. लिहाजा प्रदेश में भारत बंद का मिला जुला असर देखने को मिला. कई जगह दुकानें बंद मिली तो कई जगह दुकानें खुली भी रही.

प्रदेश में सबसे पहले उज्जैन में भारत बंद का समर्थन करने कांग्रेसी सड़क पर उतरे. जहां उन्होंने दुकानदारों से दुकानें बंद करने की अपील की थी, इस दौरान शहर में भारी पुलिस बल की तैनाती कर दी गई थी.वहीं राजधानी भोपाल में बंद को लेकर पहले से ही पुलिस बल तैनात कर दी गई थी, बाहर से आने वाले तमाम वाहनों की चैकिंग की जा रही थी.

इंदौर में दिग्विजय सिंह ने दिया धरना

इंदौर में बीते दिन ही प्रशासन ने धारा 144 लगा दी थी. जिसके बाद भी दिग्विजय सिंह ने वहां धरना देने की बात कही थी. अपने बयान के मुताबिक आज दिग्विजय सिंह इंदौर में छावनी अनाज मंडी पहुंचकर धरना दिया. इसके अलावा कांग्रेस के पूर्व मंत्री जीतू पटवारी और सज्जन सिंह वर्मा सहित कई नेताओं ने धरना प्रदर्शन किया.

पढ़ें:दिग्विजय सिंह ने जानी किसानों के मन की बात,कहा- कृषि कानून में संशोधन करे सरकार

ग्वालियर नरेंद्र सिंह तोमर के घर का हुआ घेराव

जबकि ग्वालियर में आप नेताओं ने केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के घर का घेराव किया था. जिसके बाद पुलिस ने करीब 18 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर सेंट्रल जेल भेजा था. इसके अलावा ग्वालियर में ही कांग्रेस नेताओं ने पीएम मोदी का पुतला फूंका था.

मंत्री भारत सिंह कुशवाह ने बंद को लेकर दिया बयान

भारत बंद को लेकर खाद्य प्रसंस्करण मंत्री भारत सिंह कुशवाह ने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा था कि राजनीतिक पार्ट्रियां किसानों को बहलाकर दलगत की राजनीति करने में लगी हैं.

वीडी शर्मा ने कहा कांग्रेस की प्लानिंग हुई फेल

वहीं प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने बंद को लेकर बयान दिया है कि कांग्रेस की प्लानिंग पूरी तरह से फेल हो गई है. क्योंकि किसानों ने कांग्रेस का समर्थन नहीं किया. किसान कृषि कानून को समझ चुके हैं.

पढ़ें:कांग्रेस की प्लानिंग हुई फेल, भारत बंद में किसानों ने नहीं दिया साथ - वीडी शर्मा

सीएम ने ट्वीट कर पीएम मोदी को बताया किसान हितैषी

सीएम शिवराज ने ट्वीट कर लिखा है कि पीएम मोदी से बड़ा कोई किसान हितैषी नहीं है. किसान हित में भाजपा सरकार द्वारा कई ऐतिहासिक काम हुए है. जो विपक्ष आज अपनी राजनैतिक रोटियां सेंकने के लिए किसानों का झूठा हितैषी बनकर विरोध कर रहा है, इस बिल पर सभी ने पहले समर्थन दिया था.

कहीं बंद, कहीं प्रदर्शन तो कहीं मिला जुला असर

खरगोन में किसान ट्रैक्टर में भरकर जिला मुख्यालय पहुंचे थे. किसानों के साथ व्यापारियों ने भी समर्थन दिया था.वहीं प्रदेश के ग्वालियर चंबल अंचल की बात करें, जहां से बड़ी संख्या में किसान दिल्ली में धरने पर बैठे किसानों का समर्थन करने पहुंचे है. वहां भी सुबह से ही किसान मंडी गेट पर इकठ्ठे हो गए थे.जहां वे सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए कृषि कानून को वापस लाने की मांग कर रहे थे. जबलपुर में लंच के दौरान कर्मचारियों ने खाने का बहिष्कार कर समर्थन दिया था. जबकि भोपाल में राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ ने काली मंदिर चौराहे पर चक्काजाम किया था. इसी तरह प्रदेश के बाकी जिलों में जैसे हरदा, शिवपुरी,छिंदवाड़ा,रीवा और भिंड में भारत बंद का मिला जुला असर देखने को मिला. इसी तरह राजधानी भोपाल में भी बंद का कोई खास असर देखने को नहीं मिला.

बता दें ऑल इंडिया किसान संघर्ष को-ऑर्डिनेशन कमिटी के बैनर तले बुलाए गए भारत बंद में देशभर के 400 से ज्‍यादा किसान संगठन शामिल रहे. मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस समेत दर्जन भर राजनीतिक दलों ने भी बंद का समर्थन किया था.

Last Updated : Dec 8, 2020, 7:57 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.