भोपाल। राजधानी भोपाल के कमला नगर पार्क में दो सौ साल पुराना बरगद का पेड़ तेज हवाओं के चलते गिर गया है. पेड़ की जड़े कमजोर होने की वजह से हवाओं का जोर पेड़ नहीं झेल पाया. पेड़ के महत्व को समझते हुए नगर निगम और हॉर्टिकल्चर विभाग अब पेड़ को दोबारा जिंदा करने की कोशिशों में लग गया है.
पेड़ के सपोर्ट के लिए लगाए गए बड़े-बड़े खंभे
राजधानी भोपाल में पेड़ को जिंदा करने का ये अनोखा मामला सामने आया. जहां अचानक हुई तेज बारिश में दो सौ साल पुराना बरगद का पेड़ गिर गया, पेड़ को अब जिंदा करने के लिए उसके किनारे 10 ट्रक मिट्टी डाली जा चुकी है. वहीं पेड़ को सपोर्ट देने के लिए बड़े-बड़े लोहे के खंभे लगाए गए हैं, जिसकी मदद से पेड़ को सहारा दिया जा रहा है.
पेड़ पर दो बार गिर चुकी है बिजली
पेड़ के चारों तरफ एक बाउंड्री बना दी गई है. जिससे मिट्टी बाहर ना निकले. इस पेड़ ने लंबे समय तक धूल और प्रदूषण झेला है. जानकारी के अनुसार दो बार इस पेड़ पर बिजली भी गिर चुकी है. हॉर्टिकल्चर विभाग के डिप्टी डायरेक्टर ने बताया की, पेड़ को जिंदा करने के लिए तमाम प्रयास किए जा रहे हैं. विभाग को उम्मीद है कि, इन प्रयासों से ये पेड़ फिर दोबारा खड़ा हो जाएगा.
बरगद के औषधीय फायदे
बताया जाता है कि, बरगद का पेड़ 20 घंटे से ज्यादा समय तक ऑक्सीजन देता है. आयुर्वेद के अनुसार, बरगद का पेड़ एक उत्तम औषधि है, जो कई बीमारियों का इलाज कर सकता हैं. इलाज में बरगद की छाल, बरगद का फल, बरगद का बीज और बरगद का दूध भी काम आता है. बरगद के पेड़ से कफ, वात, पित्त दोष को ठीक किया जा सकता है.
बरगद से होने वाले फायदे
बालों के लिए फायदे मंद
वट वृक्ष के स्वच्छ कोमल पत्तों के रस में बराबर मात्रा में सरसों का तेल मिलाकर इसे आग पर पका लें. इस तेल को बालों में लगाने से सभी प्रकार की समस्याएं दूर हो जाती हैं.
आंखों की समस्या होती है दूर
वट वृक्ष के 10 मिली लीटर दूध में 125 मिली लीटर कपूर और 2 चम्मच शहद मिलाएं और इसे आखों में लगाने से आखों की समस्याएं दूर होती हैं.
नाक से खून आने की समस्या में उपयोगी
3 ग्राम बरगद की जड़ की छाल लें. इसे लस्सी के साथ पिएं, इससे नाक से खून आने की समस्या में लाभ होता है.
कान के रोगों में फायदे मंद
कान में अगर फुंसी हो तो वट वृक्ष के दूध की कुछ बूंदों में सरसों का तेल मिलाकर कान में डालने से फुंसी ठीक हो जाती है.
चेहरे की चमक में बढ़ोतरी
- वट वृक्ष के 5-6 कोमल पत्ते या जटा को 10-20 ग्राम मसूर के साथ पीसकर लेप तैयार कर इसे चेहरे पर लगाएं. इससे मुंहासे और झाइयां दूर हो जाती हैं.
- निर्गुण्डी बीज, बड़ के पीले पके पत्ते, प्रियंगु, मुलेठी, कमल का फूल, लोध्र, केशर, लाख और इंद्रायण चूर्ण को बराबर भाग में मिलाकर इन्हें पानी के साथ पीसकर लेप तैयार कर लें. इसे चेहरे पर लगाने से चेहरे की चमक बढ़ जाती है.