भोपाल(Bhopal)। मध्यप्रदेश का बड़वानी और खंडवा जिला अवैध हथियारों का बड़ा सप्लायर बनता जा रहा है. इन जिलों से मध्यप्रदेश ही नहीं बल्कि देश के कई राज्यों में अवैध हथियार सप्लाई हो रहे हैं. पिछले आठ महीने में पंजाब पुलिस बड़वानी से सप्लाई होने वाले अवैध हथियारों के तीन मामलों का खुलासा कर चुकी है. 10 जुलाई को पुलिस ने प्वाइंट 33 बोर की पिस्तौल और तीन मैग्जीन बरामद की है. पंजाब के अलावा दिल्ली, हरियाणा तक अवैध हथियारों की सप्लाई की जा रही है. ऐसा आरोप है सिकलीगर समुदाय के इन लोगों द्वारा की जा रही अवैध हथियारों की तस्करी पर अभी भी पूरी तरह से काबू नहीं पाया जा सकता है।
अवैध हथियारों का पंजाब कनेक्शन
प्रदेश के बड़वानी और खंडवा इलाके से पंजाब में बड़ी मात्रा में अवैध हथियार सप्लाई हो रहे हैं.पिछले 8 महीने में पंजाब पुलिस ने एमपी से सप्लाई होने वाली तीन अलग-अलग हथियारों की खेप बरामद कर चुकी है. ताजा मामला 10 जुलाई को सामने आया है. जिसमें पंजाब पुलिस ने हथियारों के मुख्य सप्लायर बलजीत सिंह उर्फ स्वीटी सिंह को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने प्वाइंट 33 बोर की पिस्तौल और तीन मैग्जीन बरामद की है. बताया जाता है कि बरामद किए गए हथियार बेहद ही उच्च गुणवत्ता के हैं. हालांकि अवैध हथियारों के खिलाफ इस कार्रवाई में एमपी पुलिस से महत्वपूर्ण जानकारी दी थी.
एमपी में बने हथियार पकड़ाए थे दिल्ली में
पंजाब ही नहीं बल्कि हरियाणा, उत्तर प्रदेश और दिल्ली तक एमपी के खरगोन, खंडवा और बुरहानपुर में बने हथियारों की अवैध सप्लाई हो रही है. पिछले जून माह में दिल्ली की स्पेशल सेल ने भी दो आरोपियों को पकड़कर 12 सेमी ऑटोमेटिड पिस्टल और 24 जिंदा कारतूस बरामद किए थे. पकड़े गए आरोपियों ने कबूल किया था कि पिछले 3 सालों में वे एमपी के खरगोन और बुरहानपुर से लाकर करीब 500 अवैध हथियार बेच चुके हैं. जनवरी 2021 में राजस्थान पुलिस ने अवैध हथियारों के कुख्यात अपराधी श्याम सिंह उर्फ टोनी को एमपी के बड़वानी से गिरफ्तार किया था. आरोपी राजस्थान में कार्बाइन जैसे हथियार तक सप्लाई करता था.
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ऐसा आरोपी है सिकलीगर समुदाय के लोग अवैध हथियार बनाने में माहिर
सिख समुदाय से आने वाले सिकलीगर हथियार बनाने में माहिर माने जाते हैं. यह उनका खानदानी पेशा है. यह समुदाय निमाड क्षेत्र के बड़वानी, खंडवा, बुरहानपुर इलाकों में बसा हुआ है. बताया जाता है कि सिकलीगरों के गांवों में 80 फीसदी घरों में अवैध हथियार बनाने का काम होता है. अवैध हथियारों के लिय यह प्लंबिंग में उपयोग होने वाले पाइप का उपयोग होता है.एसटीएफ के एआईजी नवीन चैधरी बताते हैं कि अवैध हथियारों को अलग-अलग राज्यों में सप्लाई करने का इनका अपना तरीका है. पुलिस की आंखों से बचने के लिए एक व्यक्ति हथियार लेकर 100 किलोमीटर से ज्यादा का सफर नहीं करता. लंबी दूरी तक हथियार पहुंचाने के लिए अलग-अलग लोगों को जिम्मेदारी दी जाती है. सोशल मीडिया के उपयोग के बाद हथियारों को बेचना इनके लिए और आसान हुआ है. हथियार का सेंपल और रकम अब ये पहले ही तय कर देते हैं. यह हथियार 3 हजार रुपए से 25 हजार रुपए तक बेचे जाते हैं. हालांकि पिछले समय में हथियार तस्करों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई हुई है.