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बरकतउल्ला विश्वविद्यालय कार्यपरिषद बैठक: 11 असिस्टेंट प्रोफेसरों की जांच के लिए एक और कमेटी का गठन - बरकतउल्ला विश्वविद्यालय असिस्टेंट प्रोफेसर्स नियुक्ति विवाद

बरकतउल्ला विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद की बैठक में 6 साल पहले नियुक्त हुए 11 असिस्टेंट प्रोफेसरों की जांच के लिए एक और कमेटी का गठन किया गया है.

Barkatullah University will be re-examined for the appointment of Assistant Professors
11 असिस्टेंट प्रोफेसरों की जांच के लिए एक और कमेटी का गठन
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Published : Sep 30, 2020, 10:07 AM IST

भोपाल। शहर के बरकतउल्ला विश्वविद्यालय ने भाषा विभाग के एचओडी केबी पंडा को रिएक्टर नियुक्त किया है. साथ ही बीडीएस फर्जीवाड़े में निलंबित हुए कर्मचारी हरवान सिंह को बहाल करने का निर्णय लिया है, इसी तरह एसएटीआई विदिशा के प्रोफेसर जनार्दन सिंह ने एक ही समय में एक से ज्यादा डिग्री हासिल की हैं. जिसके चलते उनकी डिग्री को भी निरस्त कर दिया गया है. वहीं नियुक्ति के मामले में गिरी महू विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर आशा शुक्ला को बरकतउल्ला विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद ने अपना पक्ष रखने का मौका दिया है .

बता दें मंगलवार को बरकतउल्ला विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद की बैठक आयोजित की गई, जहां विश्वविद्यालय में 6 साल पहले नियुक्त हुए 11 असिस्टेंट प्रोफेसरों की जांच के लिए एक और कमेटी का गठन किया गया है. यह तीसरी कमेटी होगी जो इस मामले की जांच करेगी.

इससे पहले जुलाई में हुई कार्यपरिषद की बैठक में 6 साल पहले हुई जांच रिपोर्ट को रखा गया था, जांच रिपोर्ट में नियुक्तियों को लेकर तथ्य स्पष्ट नहीं थे. जिसके चलते इस जांच रिपोर्ट को राजभवन भेज दिया गया था, लेकिन राजभवन ने बरकतउल्ला विश्वविद्यालय को जांच के आधार पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे. जिसके बाद बरकतउल्ला विश्वविद्यालय ईसी ने एक और कमेटी गठित कर दोबारा जांच कराए जाने की मंजूरी दे दी है, यही वजह है कि 11 सहायक प्रोफेसरों की नियुक्तियों की जांच एक बार फिर से की जाएगी.

भोपाल। शहर के बरकतउल्ला विश्वविद्यालय ने भाषा विभाग के एचओडी केबी पंडा को रिएक्टर नियुक्त किया है. साथ ही बीडीएस फर्जीवाड़े में निलंबित हुए कर्मचारी हरवान सिंह को बहाल करने का निर्णय लिया है, इसी तरह एसएटीआई विदिशा के प्रोफेसर जनार्दन सिंह ने एक ही समय में एक से ज्यादा डिग्री हासिल की हैं. जिसके चलते उनकी डिग्री को भी निरस्त कर दिया गया है. वहीं नियुक्ति के मामले में गिरी महू विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर आशा शुक्ला को बरकतउल्ला विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद ने अपना पक्ष रखने का मौका दिया है .

बता दें मंगलवार को बरकतउल्ला विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद की बैठक आयोजित की गई, जहां विश्वविद्यालय में 6 साल पहले नियुक्त हुए 11 असिस्टेंट प्रोफेसरों की जांच के लिए एक और कमेटी का गठन किया गया है. यह तीसरी कमेटी होगी जो इस मामले की जांच करेगी.

इससे पहले जुलाई में हुई कार्यपरिषद की बैठक में 6 साल पहले हुई जांच रिपोर्ट को रखा गया था, जांच रिपोर्ट में नियुक्तियों को लेकर तथ्य स्पष्ट नहीं थे. जिसके चलते इस जांच रिपोर्ट को राजभवन भेज दिया गया था, लेकिन राजभवन ने बरकतउल्ला विश्वविद्यालय को जांच के आधार पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे. जिसके बाद बरकतउल्ला विश्वविद्यालय ईसी ने एक और कमेटी गठित कर दोबारा जांच कराए जाने की मंजूरी दे दी है, यही वजह है कि 11 सहायक प्रोफेसरों की नियुक्तियों की जांच एक बार फिर से की जाएगी.

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