भोपाल। राम मंदिर के मुद्दे के जरिए सत्ता में आई भाजपा एक बार फिर राम मंदिर के जरिए ही मध्य प्रदेश की सत्ता में कमबैक चाह रही है. यही वजह है 22 जनवरी को प्रधानमंत्री के अयोध्या जाने की घोषणा के बाद प्रदेश भर में भव्य राम मंदिर की तस्वीरों के साथ पीएम मोदी और बीजेपी दिग्गजों के होर्डिंग लग गए हैं. कांग्रेस इसे लेकर चुनाव आयोग पहुंची है तो भाजपा इसे कांग्रेस का राम और राम मंदिर विरोधी चेहरा बता रही है. भव्य राम मंदिर की तस्वीर बगल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, नीचे भाजपा के तमाम दिग्गजों की फोटो राजधानी भोपाल समेत इंदौर में लगे, इन होर्डिंग के चलते ही मध्य प्रदेश में सियासी आग भड़क चुकी है.
भाजपा ने लगाए कांग्रेस पर आरोप: चुनावी मौसम में इन होर्डिंग्स को लगे देख कांग्रेस नेताओं ने इंदौर में चुनाव आयोग से शिकायत दर्ज कराई और कहा कि "राम मंदिर की तस्वीर वाले होर्डिंग लगाकर वोट मांगना आचार संहिता का उल्लंघन है. कांग्रेसी नेताओं के राम मंदिर की तस्वीरें वाले होर्डिंग के विरोध में चुनाव आयोग पहुंचते ही बीजेपी को जैसे मनचाहा मौका मिल गया, एक के बाद एक भाजपा के नेता फ्रंट पर आए और कांग्रेस पर हमला बोल दिया. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने इसी मुद्दे पर प्रेस कांफ्रेंस बुलाई और कहा कि "हिंदुत्व, सनातन का विरोध कांग्रेस का मूल चरित्र है."
वीडी शर्मा के बयान के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी कांग्रेस पर हमलावर हो गए और कहा कि "प्रियंका गांधी बताएं भगवान श्रीराम और राम मंदिर से कांग्रेस को तकलीफ क्या है, चाहे महाकाल के होर्डिंग हो या भगवान श्री राम के राम मंदिर के यह होर्डिंग नहीं हटाए जा सकते."
राम मंदिर पर कांग्रेस: दरअसल इन होर्डिंग्स के एमपी में लगने से पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 22 जनवरी को अयोध्या जाकर राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा की बात से ही कांग्रेस हमलावर हो गई थी, नामांकन के दिन कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने राम मंदिर को पूरे देश का बताते हुए कहा था "यह किसी पार्टी का मंदिर नहीं है, ये देश का मंदिर है."
राम से जोड़ी जा रही राजनीति: कांगेस राम को राजनीति से जोड़ने पर बीजेपी नेताओं की सद्बुद्धि के लिए कामना कर रही है, प्रदेश प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने वीडी शर्मा के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि "भगवान राम उन्हें सद्बुद्धि दें. राम भक्त, आस्था, त्याग का विषय हैं, श्रीराम की कोई पार्टी नहीं है तो दलगत राजनीति का विषय कैसे हो सकते हैं. भगवान राम के दरबार में जाएंगे तो प्रदेश उन्हे सद्बुद्धि मिलेगी." वहीं केके मिश्रा ने कहा कि "जब बाबरी मस्जिद की शहीदी हुई थी, तब मुरली मनोहर और आडवाणी ने कहा कि हमने नहीं आपराधिक तत्त्वों ने बाबरी मस्जिद गिराई."