भोपाल। कृषि उपज मंडी एवं मॉडल अधिनियम में बदलाव के विरोध में भोपाल सहित प्रदेश की समस्त अनाज मंडियों में पिछले 4 दिनों से लगातार कर्मचारियों के द्वारा हड़ताल की जा रही है. संयुक्त संघर्ष मोर्चा मध्यप्रदेश मंडी बोर्ड भोपाल के आह्वान पर प्रदेश के करीब नौ हजार कृषि उपज मंडी अधिकारी, कर्मचारी एवं तुलावटी, हम्मालों ने गुरुवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी थी. इस दौरान उन्होंने सरकार को चेतावनी दी है कि जब तक मंडी अधिनियम में बदलाव नहीं किया जाता, तब तक यह हड़ताल प्रदेश भर में इसी तरह से जारी रहेगी. मंडी में हो रही हड़ताल का असर अब दिखाई देने लगा है, जिसकी वजह से कारोबार प्रभावित हो रहा है.
संयुक्त संघर्ष मोर्चा मंडी बोर्ड के द्वारा सभी मंडियों में व्यापक रूप से हड़ताल की जा रही है. इस दौरान सभी कर्मचारियों का साथ भी संघर्ष मोर्चा को मिल रहा है. इस हड़ताल को राजधानी के थोक सब्जी कारोबारियों ने भी अपना समर्थन देना शुरू कर दिया है. यही वजह है कि आज सब्जी मंडी में किसी भी प्रकार से सब्जियों की नीलामी नहीं हो पाई है. जिसका सीधा असर शहर के सब्जी व्यवसाय पर और आम लोगों पर पड़ेगा. सब्जी मंडी में नीलामी ना होने की वजह से अब सब्जियों के दाम और भी ज्यादा बढ़ सकते हैं.
नहीं हुई मंडियों में नीलामी
करोंद सब्जी मंडी से राजधानी के करीब 80 प्रतिशत हिस्से में फल और सब्जी पहुंचती है, इस सब्जी मंडी से कई फुटकर सब्जी व्यवसायियों का कारोबार जुड़ा हुआ है, लेकिन आज थोक सब्जी कारोबारियों ने संयुक्त संघर्ष मोर्चा की हड़ताल को समर्थन देते हुए मंडी में नीलामी नहीं होने दी, करोंद स्थित अनाज मंडी गुरुवार से ही बंद पड़ी हुई है. लेकिन फल, सब्जी मंडी को इसमें शामिल नहीं किया गया था, इसीलिए पिछले 4 दिनों से वहां पर फल और सब्जी की नीलामी हो रही थी, लेकिन रविवार को सब्जी कारोबारियों ने अपना विरोध दर्ज कराने के लिए सब्जियों की नीलामी नहीं होने दी है.
मांग नहीं मानी तो जारी रहेगी हड़ताल
जानकारी के अनुसार मंडी अधिकारी ,कर्मचारी, तुलावटी, हम्माल की अनिश्चितकालीन हड़ताल का समर्थन करते हुए ही सब्जी मंडी में आज नीलामी बंद रखी गई है. लेकिन सोमवार से दोबारा नीलामी शुरू हो सकती है. हालांकि देर रात तक इस पर कोई फैसला नहीं हो पाया है. फल मंडी को पहले से ही हर रविवार को बंद रखा जा रहा था. संयुक्त मोर्चा के द्वारा सरकार को साफ तौर पर चेतावनी दी गई है कि जब तक मांगे पूरी नहीं हो जाती है तब तक प्रदेश भर में हड़ताल जारी रहेगी. वर्तमान में प्रदेश की सभी अनाज मंडींया पूरी तरह से बंद है और करीब 9 हजार से अधिक अधिकारी कर्मचारी हड़ताल पर हैं. हड़ताल के दौरान अधिकारी कर्मचारियों के द्वारा अलग-अलग स्थानों पर सरकार की सद्बुद्धि के लिए सुंदरकांड का पाठ भी किया जा रहा है .