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अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय में मनाया गया हिंदी दिवस, राज्यपाल लालजी टंडन रहे मौजूद

प्रशासन अकादमी में हिंदी दिवस कार्यक्रम का आयोजन अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय द्वारा किया गया. इस मौके पर राज्यपाल लालजी टंडन मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए.

अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय में मनाया गया हिंदी दिवस
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Published : Sep 15, 2019, 1:02 PM IST

भोपाल। 66वें हिंदी दिवस के अवसर पर अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय ने प्रशासन अकादमी में कार्यक्रम का आयोजन किया. इस मौके पर राज्यपाल लालजी टंडन सहित उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी और जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा उपस्थित थे. साथ ही अन्य विश्वविद्यालय के कुलपतियों ने भी कार्यक्रम में शिरकत की.

अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय में मनाया गया हिंदी दिवस

कार्यक्रम में प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन ने हिंदी को भारत की मां बताते हुए कहा अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय प्रदेश का गौरव है. अटल जी के नाम पर बनाए गए इस विश्वविद्यालय का उद्देश्य हिंदी को महत्व देना है. क्योंकि अटल बिहारी वाजपेयी देश के पहले ऐसे नेता थे, जिन्होंने भारत के बाहर भी हिंदी को जिंदा रखने की कोशिश की. उन्होंने विदेश मंत्री रहते युवाओं में अपना पहला भाषण हिंदी में दिया. अटल जी के नाम से शुरूआत हुए इस विश्वविद्यालय को विशेष विश्वविद्यालय का दर्जा दिया जाए. उन्होंने कहा कि मैं प्रदेश सरकार से अपेक्षा करता हूं कि विश्वविद्यालय में जो खामियां हैं, उन्हें दूर करने के लिए आवश्यक कदम उठाएं. साथ ही विश्वविद्यालय में पदस्थ अतिथि शिक्षक को नियमित किया जाए.

वहीं कार्यक्रम में उपस्थित उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने कहा कि प्रदेश सरकार हिंदी विश्वविद्यालय को एक बेहतर विश्वविद्यालय बनाने को लेकर महत्वपूर्ण कदम उठाएगी. ताकि हिंदी भाषा को जिस तरह से बढ़ावा देने के लिए काम हो रहा है, उसमें मध्यप्रदेश अपनी भूमिका निभा सके. वहीं उन्होंने कहा कि राज्यपाल महोदय द्वारा बताई गई समस्याओं को प्राथमिकता से दूर किया जाएगा.

हिंदी विश्वविद्यालय मध्यप्रदेश का पहला विश्वविद्यालय है, जिसकी स्थापना 2011 में हुई थी. विश्वविद्यालय का शिलान्यास देश के तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने किया था. लेकिन विश्वविद्यालय का ग्राफ काफी नीचे गिर चुका है, जिसे चलते दो दिन पहले विश्वविद्यालय के शिक्षक राज्यपाल से मिले थे और अपनी समस्याएं उनके सामने रखी थी. राज्यपाल ने संबोधन में इस विषय में उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी को अवगत कराया.

भोपाल। 66वें हिंदी दिवस के अवसर पर अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय ने प्रशासन अकादमी में कार्यक्रम का आयोजन किया. इस मौके पर राज्यपाल लालजी टंडन सहित उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी और जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा उपस्थित थे. साथ ही अन्य विश्वविद्यालय के कुलपतियों ने भी कार्यक्रम में शिरकत की.

अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय में मनाया गया हिंदी दिवस

कार्यक्रम में प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन ने हिंदी को भारत की मां बताते हुए कहा अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय प्रदेश का गौरव है. अटल जी के नाम पर बनाए गए इस विश्वविद्यालय का उद्देश्य हिंदी को महत्व देना है. क्योंकि अटल बिहारी वाजपेयी देश के पहले ऐसे नेता थे, जिन्होंने भारत के बाहर भी हिंदी को जिंदा रखने की कोशिश की. उन्होंने विदेश मंत्री रहते युवाओं में अपना पहला भाषण हिंदी में दिया. अटल जी के नाम से शुरूआत हुए इस विश्वविद्यालय को विशेष विश्वविद्यालय का दर्जा दिया जाए. उन्होंने कहा कि मैं प्रदेश सरकार से अपेक्षा करता हूं कि विश्वविद्यालय में जो खामियां हैं, उन्हें दूर करने के लिए आवश्यक कदम उठाएं. साथ ही विश्वविद्यालय में पदस्थ अतिथि शिक्षक को नियमित किया जाए.

वहीं कार्यक्रम में उपस्थित उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने कहा कि प्रदेश सरकार हिंदी विश्वविद्यालय को एक बेहतर विश्वविद्यालय बनाने को लेकर महत्वपूर्ण कदम उठाएगी. ताकि हिंदी भाषा को जिस तरह से बढ़ावा देने के लिए काम हो रहा है, उसमें मध्यप्रदेश अपनी भूमिका निभा सके. वहीं उन्होंने कहा कि राज्यपाल महोदय द्वारा बताई गई समस्याओं को प्राथमिकता से दूर किया जाएगा.

हिंदी विश्वविद्यालय मध्यप्रदेश का पहला विश्वविद्यालय है, जिसकी स्थापना 2011 में हुई थी. विश्वविद्यालय का शिलान्यास देश के तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने किया था. लेकिन विश्वविद्यालय का ग्राफ काफी नीचे गिर चुका है, जिसे चलते दो दिन पहले विश्वविद्यालय के शिक्षक राज्यपाल से मिले थे और अपनी समस्याएं उनके सामने रखी थी. राज्यपाल ने संबोधन में इस विषय में उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी को अवगत कराया.

Intro:अटल बिहारी वाजपेई हिंदी विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित हिंदी दिवस राजधानी के प्रशासन अकादमी में आयोजित किया गया इस मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में राज्यपाल लालजी टंडन ने अपने संबोधन में हिंदी को भारत की मां बताते हुए कहा अटल बिहारी वाजपेई हिंदी विश्वविद्यालय मध्य प्रदेश का गौरव है अटल बिहारी जी के नाम से बनाया विश्वविद्यालय जिसका उद्देश्य हिंदी को महत्व देना है क्योंकि अटल बिहारी वाजपेई देश के पहले ऐसे नेता थे जिन्होंने भारत के बाहर भी हिंदी को जिंदा रखने की कोशिश की उन्होंने विदेश मंत्री के तौर पर युवाओं में अपना पहला भाषण हिंदी में दिया था इससे हम समझ सकते हैं कि उनके लिए हिंदी का क्या महत्व था क्योंकि उनके नाम से यह विश्वविद्यालय की शुरुआत की गई है तो मैं चाहता हूं कि इस विश्वविद्यालय को विशेष विश्वविद्यालय का दर्जा दिया जाए


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66वा हिंदी दिवस देश भर में मनाया गया मैं वही राजधानी के अटल बिहारी वाजपेई हिंदी विश्वविद्यालय द्वारा राजधानी के प्रशासन अकादमी में आयोजित किया गया इस मौके पर उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा और राज्यपाल लालजी टंडन उपस्थित हुए कार्यक्रम में प्रदेशभर के महाविद्यालयों के कुलपति शामिल हुए..
राज्यपाल लालजी टंडन ने हिंदी विश्वविद्यालय को विशेष दर्जा देने की बात कही उन्होंने कहा अटल बिहारी वाजपेई जिनका हिंदी से काफी लगाव था उन्होंने हिंदी को बढ़ावा देने के लिए हमेशा काम किया है और आज हम उन्हीं के नाम से मध्य प्रदेश में हिंदी विश्वविद्यालय संचालित कर रहे हैं यह हमारे लिए गर्व की बात है और मैं प्रदेश सरकार से अपेक्षा करता हूं कि इस विश्वविद्यालय में जो भी खामियां हैं उन्हें दूर करने के लिए जरूर आवश्यक कदम उठाएं ताकि हमारे देश की राष्ट्रीय भाषा देश में ही नहीं बल्कि विदेश में भी जानी जाए उन्होंने कहा विश्वविद्यालय में पदस्थ जो अतिथि शिक्षक हैं उन्हें इसी विश्वविद्यालय में नियमित किया जाए 2011 से इतने कम वेतन में जो कार्य कर रहे हैं वह इसके हकदार हैं
मैं उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने कहा कि प्रदेश सरकार हिंदी विश्वविद्यालय को एक बेहतर विश्वविद्यालय बनाने को लेकर काम करेगी ताकि हिंदी भाषा को जिस तरह से बढ़ावा देने के लिए काम हो रहा है उसमें मध्यप्रदेश अपनी भूमिका निभा सके वहीं उन्होंने कहा कि राज्यपाल महोदय ने जो भी समस्याओं को दूर करने की बात कही है मैं और शिक्षा विभाग समस्या को प्राथमिकता से दूर करेंगे।
दरअसल हिंदी विश्वविद्यालय मध्य प्रदेश का पहला विश्वविद्यालय है जिसकी स्थापना 2011 में हुई थी और इसका शिलान्यास देश के तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने किया था विश्वविद्यालय अटल बिहारी वाजपेई जी के सपने को पूरा करने के लिए शुरू हुआ था लेकिन इस विश्वविद्यालय का ग्राफ अब बेहद नीचे गिर चुका है जिसको देखते हुए 2 दिन पहले ही विश्वविद्यालय के शिक्षक राज्यपाल से मिले थे और अपनी समस्याएं उनके सामने रखी थी आज अपने संबोधन में राज्यपाल ने इस विषय में उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी को अवगत कराया।


Conclusion:अटल बिहारी वाजपेई हिंदी विश्वविद्यालय द्वारा राजधानी के प्रशासन अकादमी में हिंदी दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया इस मौके पर राज्यपाल लालजी टंडन सहित जनसंपर्क मंत्री पी सी शर्मा और उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी शामिल हुए
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