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चाइल्ड केयर लीव देने की जिम्मेदारी प्राचार्य की, नहीं काटने होंगे DEO के चक्कर

भोपाल। स्कूल शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों की शिक्षिकाओं के लिए आदेश जारी किए हैं. इस आदेश के तहत अब महिला शिक्षिकाएं चाइल्ड केयर लीव के लिए जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के चक्कर नहीं काटेंगे.

School Principal gets responsibility for child care leave
चाइल्ड केयर लीव की जिम्मेदारी स्कूल प्राचार्य को मिली
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Published : Jan 3, 2020, 2:20 PM IST

Updated : Jan 3, 2020, 2:52 PM IST

भोपाल। अब सरकारी स्कूल की शिक्षिकाओं को चाइल्ड केयर लीव के लिए जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के चक्कर नहीं काटने होंगे. अब सीसीएल के लिए प्राचार्य अधिकृत होंगे. इस संबंध में जिले के डीईओ ने आदेश जारी कर दिए है. जिला शिक्षा अधिकारी नितिन सक्सेना के मुताबिक दूर-दूर से आने वाली महिला शिक्षिकाओं की परेशानियों को देखते हुए शिक्षा विभाग ने यह कदम उठाया है.

चाइल्ड केयर लीव की जिम्मेदारी स्कूल प्राचार्य को मिली

भोपाल जिला शिक्षा अधिकारी ने एक आदेश जारी किया है, जिसमें सरकारी स्कूलों में पढ़ाने वाली महिला शिक्षिकाओं के लिए मिलने वाली चाइल्ड केयर लीव की जिम्मेदारी स्कूल के प्राचार्य को सौंपी गई है. डीईओ ने आदेश में ये भी लिखा है कि अगर स्कूलों में शिक्षकों की कमी के कारण शिक्षण व्यवस्था प्रभावित होती है तो इसके लिए प्राचार्य ही जिम्मेदार होंगे. डीईओ के पास करीब 200 आवेदन पेंडिंग हैं. इसमें हर रोज करीब 10- 15 आवेदन जिले भर से आते हैं. भोपाल जिले में 1,223 प्राइमरी माध्यमिक हाईस्कूल और सेकंडरी स्कूलों में करीब 10 हजार शिक्षक है. इसमें करीब 7 हजार शिक्षिकाएं पदस्थ है.

बता दें कि सभी शासकीय विभागों में 18 साल होने तक बच्चे की देखभाल या पढ़ाई के लिए महिलाएं अधिकतम 730 दिनों तक कि सीसीएल ले सकती हैं. जिला शिक्षा अधिकारी नितिन सक्सेना ने बताया कि महिलाओं की सुविधा को देखते हुए ये आदेश जारी किए हैं, जिससे महिलाएं छुट्टी के लिए प्राचार्य से ही आवेदन कर सकते हैं और प्राचार्य भी अपनी सुविधा के मुताबिक छुट्टी दे सकते हैं.

भोपाल। अब सरकारी स्कूल की शिक्षिकाओं को चाइल्ड केयर लीव के लिए जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के चक्कर नहीं काटने होंगे. अब सीसीएल के लिए प्राचार्य अधिकृत होंगे. इस संबंध में जिले के डीईओ ने आदेश जारी कर दिए है. जिला शिक्षा अधिकारी नितिन सक्सेना के मुताबिक दूर-दूर से आने वाली महिला शिक्षिकाओं की परेशानियों को देखते हुए शिक्षा विभाग ने यह कदम उठाया है.

चाइल्ड केयर लीव की जिम्मेदारी स्कूल प्राचार्य को मिली

भोपाल जिला शिक्षा अधिकारी ने एक आदेश जारी किया है, जिसमें सरकारी स्कूलों में पढ़ाने वाली महिला शिक्षिकाओं के लिए मिलने वाली चाइल्ड केयर लीव की जिम्मेदारी स्कूल के प्राचार्य को सौंपी गई है. डीईओ ने आदेश में ये भी लिखा है कि अगर स्कूलों में शिक्षकों की कमी के कारण शिक्षण व्यवस्था प्रभावित होती है तो इसके लिए प्राचार्य ही जिम्मेदार होंगे. डीईओ के पास करीब 200 आवेदन पेंडिंग हैं. इसमें हर रोज करीब 10- 15 आवेदन जिले भर से आते हैं. भोपाल जिले में 1,223 प्राइमरी माध्यमिक हाईस्कूल और सेकंडरी स्कूलों में करीब 10 हजार शिक्षक है. इसमें करीब 7 हजार शिक्षिकाएं पदस्थ है.

बता दें कि सभी शासकीय विभागों में 18 साल होने तक बच्चे की देखभाल या पढ़ाई के लिए महिलाएं अधिकतम 730 दिनों तक कि सीसीएल ले सकती हैं. जिला शिक्षा अधिकारी नितिन सक्सेना ने बताया कि महिलाओं की सुविधा को देखते हुए ये आदेश जारी किए हैं, जिससे महिलाएं छुट्टी के लिए प्राचार्य से ही आवेदन कर सकते हैं और प्राचार्य भी अपनी सुविधा के मुताबिक छुट्टी दे सकते हैं.

Intro:अब सरकारी स्कूल की शिक्षिकाओं को चाइल्ड केयर लीव के लिए जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के चक्कर नहीं काटना होगा अब सीसीएल के लिए प्राचार्य अधिकृत होंगे इस संबंध में जिले के डीईओ ने आदेश जारी कर दिए है जिला शिक्षा अधिकारी नितिन सक्सेना ने बताया दूर-दूर से आने वाली महिला शिक्षिकाओं की परेशानियों को देखते हुए शिक्षा विभाग ने यह कदम उठाया है


Body:स्कूल शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों की शिक्षिकाओं के लिए आदेश जारी किए हैं इस आदेश के तहत अब महिला शिक्षिकाएं चाइल्ड केयर लीव के लिए जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के चक्कर नहीं काटेंगे बल्कि स्कूल के प्राचार्य से ही चाइल्ड केयर लीव के लिए आवेदन करेंगी।
भोपाल जिला शिक्षा अधिकारी ने एक आदेश जारी किया है जिसमें सरकारी स्कूलों में पढ़ाने वाली महिला शिक्षिकाओं के लिए मिलने वाली चाइल्ड केयर लीव की जिम्मेदारी स्कूल के प्राचार्य को सौंपी है डीईओ ने आदेश में यह भी लिखा है कि अगर स्कूलों में शिक्षकों की कमी के कारण शिक्षण व्यवस्था प्रभावित होती है तो इसके लिए प्राचार्य ही जिम्मेदार होंगे,
डीईओ के पास करीब 200 आवेदन पेंडिंग है इसमें हर रोज करीब 10 से 15 आवेदन जिले भर से आते हैं भोपाल जिले में 1223 प्राइमरी माध्यमिक हाईस्कूल एवं हायर सेकंडरी स्कूलों में करीब 10,000 शिक्षक है इसमें करीब 7000 शिक्षिकाएं पदस्थ है आपको बता दें कि सभी शासकीय विभागों में 18 वर्ष होने तक बच्चे की देखभाल या पढ़ाई के लिए महिलाएं अधिकतम 730 दिनों तक कि सीसीएल ले सकती हैं
जिला शिक्षा अधिकारी नितिन सक्सेना ने बताया कि महिलाओं की सुविधा को देखते हुए यह आदेश जारी किए हैं जिससे महिलाएं छुट्टी के लिए प्राचार्य से ही आवेदन कर सकते हैं और प्राचार्य भी अपनी सुविधा के मुताबिक छुट्टी दे सकते हैं

बाइट- नितिन सक्सेना जिला शिक्षा अधिकारी भोपाल


Conclusion:अब शासकीय स्कूलों में पढ़ाने वाली महिला शिक्षिकाओं को छुट्टी के लिए जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे चाइल्ड केयर लीव के लिए अब महिला शिक्षिकाएं प्राचार्य से छुट्टी के लिए आवेदन कर सकती हैं जिला शिक्षा अधिकारी ने आदेश जारी कर संकुल प्राचार्य प्राचार्यो को जिम्मेदारी सौंप दी है
Last Updated : Jan 3, 2020, 2:52 PM IST
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