भोपाल। अब सरकारी स्कूल की शिक्षिकाओं को चाइल्ड केयर लीव के लिए जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के चक्कर नहीं काटने होंगे. अब सीसीएल के लिए प्राचार्य अधिकृत होंगे. इस संबंध में जिले के डीईओ ने आदेश जारी कर दिए है. जिला शिक्षा अधिकारी नितिन सक्सेना के मुताबिक दूर-दूर से आने वाली महिला शिक्षिकाओं की परेशानियों को देखते हुए शिक्षा विभाग ने यह कदम उठाया है.
भोपाल जिला शिक्षा अधिकारी ने एक आदेश जारी किया है, जिसमें सरकारी स्कूलों में पढ़ाने वाली महिला शिक्षिकाओं के लिए मिलने वाली चाइल्ड केयर लीव की जिम्मेदारी स्कूल के प्राचार्य को सौंपी गई है. डीईओ ने आदेश में ये भी लिखा है कि अगर स्कूलों में शिक्षकों की कमी के कारण शिक्षण व्यवस्था प्रभावित होती है तो इसके लिए प्राचार्य ही जिम्मेदार होंगे. डीईओ के पास करीब 200 आवेदन पेंडिंग हैं. इसमें हर रोज करीब 10- 15 आवेदन जिले भर से आते हैं. भोपाल जिले में 1,223 प्राइमरी माध्यमिक हाईस्कूल और सेकंडरी स्कूलों में करीब 10 हजार शिक्षक है. इसमें करीब 7 हजार शिक्षिकाएं पदस्थ है.
बता दें कि सभी शासकीय विभागों में 18 साल होने तक बच्चे की देखभाल या पढ़ाई के लिए महिलाएं अधिकतम 730 दिनों तक कि सीसीएल ले सकती हैं. जिला शिक्षा अधिकारी नितिन सक्सेना ने बताया कि महिलाओं की सुविधा को देखते हुए ये आदेश जारी किए हैं, जिससे महिलाएं छुट्टी के लिए प्राचार्य से ही आवेदन कर सकते हैं और प्राचार्य भी अपनी सुविधा के मुताबिक छुट्टी दे सकते हैं.