भोपाल। सियासी संकट के बीच मध्यप्रदेश विधानसभा का बजट सत्र भी हंगामेदार रहा है. राज्यपाल के अभिभाषण के बाद जहां विपक्ष ने जोरदार हंगामा करते हुए फ्लोर टेस्ट की मांग की. वहीं विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने विधानसभा की कार्यवाही को 26 मार्च तक के लिए स्थगित कर दिया है.
बजट सत्र में आज राज्यपाल के अभिभाषण से लेकर सत्र के स्थगित होने की जानकारी:
- 11बजकर 14 मिनट पर राज्यपाल लालजी टंडन का विधानसभा में आगमन हुआ. 11बजकर 16 मिनट पर राज्यपाल के अभिभाषण के पहले ही नरोत्तम मिश्रा खड़े हो गए और सरकार के बहुमत पर सवाल खड़ा करने लगे.
- सत्ता पक्ष के विधायकों के विरोध के चलते नरोत्तम मिश्रा बैठ गए.
- 11बजकर 17 मिनट पर राज्यपाल ने संक्षिप्त अभिभाषण दिया.
- 11बजकर18 मिनट पर अभिभाषण के बाद राज्यपाल ने कहा कि मैं सभी माननीय सदस्यों के साथ शुभकामनाएं देते हुए सलाह देता हूं कि प्रदेश की जो स्थिति है, उसमें शांति पूर्ण तरीके और संविधान प्रदत्त नियमों का पालन करें. जिससे प्रदेश का गौरव और लोकतांत्रिक परम्पराओं की रक्षा हो सके.
- राज्यपाल लालजी टंडन सदन से रवाना हुए.
- स्पीकर और मुख्यमंत्री साथ गए.
- 11बजकर 19 मिनटर पर स्पीकर और मुख्यमंत्री कमलनाथ के लौटते ही हंगामा शुरू.
- 11बजकर 23 मिनट पर नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने प्रदेश में उपजे सियासी संकट पर बोलना शुरू किया.
- जिसके बाद सत्ता पक्ष के विधायकों ने हंगामा शुरू कर दिया.
- मंत्री जीतू पटवारी ने राज्यपाल का सम्मान करने और लोकतंत्र की हत्या ना करने की बात कही.
- 11बजकर 26 मिनट पर स्पीकर एनपी प्रजापति ने विपक्ष के विधायकों से कहा कि जो भी आपका पत्राचार हुआ है, वो राज्यपाल महोदय से हुआ है,मेरे से नहीं हुआ है.
- 11बजकर 27मिनट पर सदन में फिर हंगामा शुरू हो गया.
- 11बजकर 29मिटन पर स्पीकर एनपी प्रजापति आसंदी से उठकर चले गए.
- 11बजकर 35मिनट पर स्पीकर एनपी प्रजापति सदन में वापस आए.
- स्पीकर के सदन में आते ही पूर्व सीएम शिवराज सिंह ने सरकार को अल्पमत में बताते हुए विश्वास मत हासिल करने की मांग की.
- 11बजकर 36 मिनट पर हंगामे के बीच स्पीकर ने कोरोना वायरस के कारण विधानसभा 26 मार्च तक स्थगित कर दी.
- विधानसभा स्थगित होने के स्पीकर के ऐलान के साथ ही मुख्यमंत्री कमलनाथ और कई मंत्री सदन से रवाना हो गए. लेकिन विपक्ष के सभी सदस्य सदन में ही बैठे रहे. दूसरी तरफ सत्ता पक्ष के मंत्री और विधायक नारेबाजी करते रहे. सत्ता पक्ष के मंत्री और विधायकों ने पहले लड़े थे गोरों से, अब लड़ेंगे चोरों से और लोकतंत्र के हत्यारों से.