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अश्विनी शर्मा से जुड़े हैं भाजपा के तार, सबूतों को जुटाने में लगी कांग्रेस - लोकेंद्र पाराशर

अश्विवनी शर्मा मामले में नया मोड़ सामने आया है. जहां करोड़ों को बेनाम संपत्ति मिलने के बाद अश्विवनी शर्मा ने खुद को बीजेपी का बताया है. वहीं एक बार फिर सियासत गर्माती नजर आ रही है.

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Published : Apr 10, 2019, 2:39 PM IST

भोपाल। मध्यप्रदेश में आईटी विभाग द्वारा की गई छापे की कार्रवाई लोकसभा चुनाव के लिए एक नया मुद्दा बन गई है. आयकर विभाग के छापे के बाद सुर्खियों में आए अश्विनी शर्मा ने खुद को बीजेपी का आदमी बताया है. जिसके बाद प्रदेश में सियासत गर्माती नजर आ रही है. अश्विनी शर्मा के बयान के बाद कांग्रेस अपने बचाव के लिए दस्तावेज जुटाना शुरू कर दिया है.
जिसके जरिए कांग्रेसी यह साबित करने की कोशिश में जुटे हैं कि अश्विन शर्मा की काली कमाई बीजेपी राज की है. प्रशासनिक सूत्रों की माने तो इसके पुख्ता प्रमाण सरकार को हासिल भी हो गए हैं और तय रणनीति के तहत कांग्रेस इसका खुलासा करेगी. वहीं प्रदेश कांग्रेस के को-ऑर्डिनेटर भूपेंद्र गुप्ता का कहना है कि अश्विनी शर्मा ने जब खुद अपने आप को बीजेपी का कार्यकर्ता कहा है, तो अब कुछ बचा ही नहीं है.

अश्विवनी शर्मा मामले में गर्मायी सियासत


वहीं खुद का बचाव करते हुए बीजेपी के मीडिया प्रभारी ने कहा कि बीजेपी ने आदमी और औरत नहीं होते हैं, बीजेपी में तो कार्यकर्ता होते हैं. उन्होंने कहा कि यह बीजेपी की शब्दावली नहीं हैं. यह अफवाह कांग्रेस ने फैलाई है. वहीं अश्विन शर्मा में खुद कुबूल कर कहा है कि वो बीजेपी का आदमी है. जानकारी के मुताबिक अश्विनी शर्मा पिछले कई सालों से बीजेपी राज में मंत्रियों और अफसरों की आंखों का तारा था. मंत्रालय में अफसरों और मंत्रियों के कैबिन में उसका बेरोकटोक आना जाना भी था.


चर्चा तो ये भी है कि छापे में आयकर को कई ऐसे सबूत मिले हैं, जो बीजेपी के लिए परेशानी का सबब बन सकते हैं. आरोग्य जन कल्याण नाम से एनजीओ संचालित करने वाले अश्विन शर्मा को बीजेपी राज में करोड़ों रूपए की बंदरवाट की गयी थी. पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, संस्कृति विभाग और आजीविका मिशन के कई प्रोजेक्ट अश्विन शर्मा को हासिल हुए हैं. कहा तो यह भी जा रहा है कि बीजेपी के कई मंत्रियों और संगठन के पदाधिकारियों के अश्विन शर्मा से नजदीकी संबंध हैं.

भोपाल। मध्यप्रदेश में आईटी विभाग द्वारा की गई छापे की कार्रवाई लोकसभा चुनाव के लिए एक नया मुद्दा बन गई है. आयकर विभाग के छापे के बाद सुर्खियों में आए अश्विनी शर्मा ने खुद को बीजेपी का आदमी बताया है. जिसके बाद प्रदेश में सियासत गर्माती नजर आ रही है. अश्विनी शर्मा के बयान के बाद कांग्रेस अपने बचाव के लिए दस्तावेज जुटाना शुरू कर दिया है.
जिसके जरिए कांग्रेसी यह साबित करने की कोशिश में जुटे हैं कि अश्विन शर्मा की काली कमाई बीजेपी राज की है. प्रशासनिक सूत्रों की माने तो इसके पुख्ता प्रमाण सरकार को हासिल भी हो गए हैं और तय रणनीति के तहत कांग्रेस इसका खुलासा करेगी. वहीं प्रदेश कांग्रेस के को-ऑर्डिनेटर भूपेंद्र गुप्ता का कहना है कि अश्विनी शर्मा ने जब खुद अपने आप को बीजेपी का कार्यकर्ता कहा है, तो अब कुछ बचा ही नहीं है.

अश्विवनी शर्मा मामले में गर्मायी सियासत


वहीं खुद का बचाव करते हुए बीजेपी के मीडिया प्रभारी ने कहा कि बीजेपी ने आदमी और औरत नहीं होते हैं, बीजेपी में तो कार्यकर्ता होते हैं. उन्होंने कहा कि यह बीजेपी की शब्दावली नहीं हैं. यह अफवाह कांग्रेस ने फैलाई है. वहीं अश्विन शर्मा में खुद कुबूल कर कहा है कि वो बीजेपी का आदमी है. जानकारी के मुताबिक अश्विनी शर्मा पिछले कई सालों से बीजेपी राज में मंत्रियों और अफसरों की आंखों का तारा था. मंत्रालय में अफसरों और मंत्रियों के कैबिन में उसका बेरोकटोक आना जाना भी था.


चर्चा तो ये भी है कि छापे में आयकर को कई ऐसे सबूत मिले हैं, जो बीजेपी के लिए परेशानी का सबब बन सकते हैं. आरोग्य जन कल्याण नाम से एनजीओ संचालित करने वाले अश्विन शर्मा को बीजेपी राज में करोड़ों रूपए की बंदरवाट की गयी थी. पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, संस्कृति विभाग और आजीविका मिशन के कई प्रोजेक्ट अश्विन शर्मा को हासिल हुए हैं. कहा तो यह भी जा रहा है कि बीजेपी के कई मंत्रियों और संगठन के पदाधिकारियों के अश्विन शर्मा से नजदीकी संबंध हैं.

Intro:भोपाल। मध्यप्रदेश में हुई आयकर छापों की कार्रवाई इन दोनों लोकसभा चुनाव का मुद्दा बन गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार कांग्रेस पर हमला कर रहे हैं और इन छापों में मिली रकम कांग्रेसी नेताओं की बता रहे हैं। लेकिन दूसरी तरफ अश्विन शर्मा ने मीडिया में दिए अपने बयानों में खुद को बीजेपी कार्यकर्ता बताया है। इसी बयान के बाद कांग्रेस ने नए सिरे से रणनीति तैयार की है और इसकी झलक कल मुख्यमंत्री कमलनाथ और दिग्विजय सिंह के बयानों में साफ देखने को मिली है। सीधे तौर पर अश्विन शर्मा को कांग्रेस ने बीजेपी से जुड़ा बताना शुरू कर दिया है। वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस ने उन दस्तावेजों को सबूतों को जुटाना शुरू कर दिया है, जिसके जरिए कांग्रेसी यह सिद्ध कर सके कि अश्विन शर्मा की काली कमाई भाजपा राज की है। प्रशासनिक सूत्रों की माने तो इसके पुख्ता प्रमाण सरकार को हासिल भी हो गए हैं और तय रणनीति के तहत कांग्रेस इसका खुलासा करने जा रही है।


Body:दरअसल अश्विन शर्मा आयकर छापों के बाद जरूर सुर्खियों में आया है। लेकिन बताया जा रहा है कि अश्विन शर्मा पिछले कई सालों से भाजपा राज में कई मंत्रियों और अफसरों की आंखों का तारा था। मंत्रालय मैं अफसरों और मंत्रियों के कैबिन में उसका बेरोकटोक आना जाना था और उसका कोई भी काम कभी नहीं रुकता था। कहा तो यहां तक जा रहा है कि उसने भोपाल में आने वाले मंत्रियों और अफसरों की तीमारदारी के लिए हर तरह के इंतजाम किए थे। चर्चा तो यह भी है कि छापे में आयकर विभाग को भी कई ऐसे सबूत मिले हैं, जो भाजपा के लिए परेशानी का सबब बन सकते हैं। आरोग्य जनकल्याण नाम से एनजीओ संचालित करने वाले अश्विन शर्मा को भाजपा राज में करोड़ों की बंदरबांट की गई है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, संस्कृति विभाग और आजीविका मिशन के कई प्रोजेक्ट अश्विन शर्मा को हासिल हुए हैं। खबर तो यहां तक भी है कि भाजपा राज के कई मंत्री और संगठन के पदाधिकारियों के अश्विन शर्मा से काफी नजदीकी संबंध थे।


Conclusion:इस बारे में मध्यप्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता का कहना है कि अश्विन शर्मा ने जब खुद अपने आप को बीजेपी का कार्यकर्ता कहा है, तो अब कुछ छुपा नहीं रह गया है। सब जानते हैं कि वह किस मंत्री से कहां-कहां और कब, कैसे जुड़ा हुआ था। उसने जो कुछ अर्जित किया है, वह भाजपा के कार्यकाल में ही किया है। उसकी जो संपत्ति है, उसकी जानकारी वह देंगे, यह उनकी निजी जानकारियां हैं। जो उनको देना होगा, इससे कांग्रेस पार्टी का कोई लेना देना नहीं है।

वहीं दूसरी तरफ भाजपा के मीडिया प्रभारी लोकेंद्र पाराशर का कहना है कि हां उसने कहा है कि मैं भाजपा का आदमी हूं। ऐसा मुझे मीडिया से पता चला है। पहली बात तो भाजपा में कोई आदमी और औरत का विषय नहीं होता है। भाजपा में केवल कार्यकर्ता और पदाधिकारी होता है। जिसे भाजपा की शब्दावली नहीं आती है, वह कैसे कह सकता है कि मैं भाजपा से जुड़ा हुआ हूं। यह अफवाह कांग्रेस के लोगों द्वारा फैलाई गई है। उसके इस तरह की कोई वीडियो या बयान अब तक सामने नहीं आए हैं।

(नोट - इस खबर से संबंधित अश्विन शर्मा के दो बयान की बाइट मेल से भेज रहा हूं जिसमें वह अपने आप को बीजेपी का आदमी और फिर पीट कक्कड़ को ना जाने की बात कह रहा है)

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