भोपाल। मध्यप्रदेश में आईटी विभाग द्वारा की गई छापे की कार्रवाई लोकसभा चुनाव के लिए एक नया मुद्दा बन गई है. आयकर विभाग के छापे के बाद सुर्खियों में आए अश्विनी शर्मा ने खुद को बीजेपी का आदमी बताया है. जिसके बाद प्रदेश में सियासत गर्माती नजर आ रही है. अश्विनी शर्मा के बयान के बाद कांग्रेस अपने बचाव के लिए दस्तावेज जुटाना शुरू कर दिया है.
जिसके जरिए कांग्रेसी यह साबित करने की कोशिश में जुटे हैं कि अश्विन शर्मा की काली कमाई बीजेपी राज की है. प्रशासनिक सूत्रों की माने तो इसके पुख्ता प्रमाण सरकार को हासिल भी हो गए हैं और तय रणनीति के तहत कांग्रेस इसका खुलासा करेगी. वहीं प्रदेश कांग्रेस के को-ऑर्डिनेटर भूपेंद्र गुप्ता का कहना है कि अश्विनी शर्मा ने जब खुद अपने आप को बीजेपी का कार्यकर्ता कहा है, तो अब कुछ बचा ही नहीं है.
वहीं खुद का बचाव करते हुए बीजेपी के मीडिया प्रभारी ने कहा कि बीजेपी ने आदमी और औरत नहीं होते हैं, बीजेपी में तो कार्यकर्ता होते हैं. उन्होंने कहा कि यह बीजेपी की शब्दावली नहीं हैं. यह अफवाह कांग्रेस ने फैलाई है. वहीं अश्विन शर्मा में खुद कुबूल कर कहा है कि वो बीजेपी का आदमी है. जानकारी के मुताबिक अश्विनी शर्मा पिछले कई सालों से बीजेपी राज में मंत्रियों और अफसरों की आंखों का तारा था. मंत्रालय में अफसरों और मंत्रियों के कैबिन में उसका बेरोकटोक आना जाना भी था.
चर्चा तो ये भी है कि छापे में आयकर को कई ऐसे सबूत मिले हैं, जो बीजेपी के लिए परेशानी का सबब बन सकते हैं. आरोग्य जन कल्याण नाम से एनजीओ संचालित करने वाले अश्विन शर्मा को बीजेपी राज में करोड़ों रूपए की बंदरवाट की गयी थी. पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, संस्कृति विभाग और आजीविका मिशन के कई प्रोजेक्ट अश्विन शर्मा को हासिल हुए हैं. कहा तो यह भी जा रहा है कि बीजेपी के कई मंत्रियों और संगठन के पदाधिकारियों के अश्विन शर्मा से नजदीकी संबंध हैं.