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एमपी के अवैध हथियारों के साथ पकड़े गए तीन तस्कर, 24 अवैध पिस्टल बरामद

दिल्ली-एनसीआर में हथियार सप्लाई करने वाली एक तस्कर गैंग का स्पेशल सेल ने पर्दाफाश किया है. इस गैंग के तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके पास से 24 अवैध पिस्तौल बरामद किए गए हैं.

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Published : Mar 5, 2021, 9:42 PM IST

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पकड़े गए तीन तस्कर

नई दिल्ली: मध्य प्रदेश के हथियार दिल्ली-एनसीआर में सप्लाई करने वाली एक तस्कर गैंग का स्पेशल सेल ने पर्दाफाश किया है. इस गैंग के तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके पास से 24 अवैध पिस्तौल बरामद किए गए हैं. आरोपियों की पहचान भुवनेश कुमार, रोकेश कुमार और चंद्रवीर सिंह के रूप में की गई है. इनके पास से एक चोरी की कार भी पुलिस ने बरामद की है जो राजौरी गार्डन इलाके से चुराई गई थी.

गुप्त सूचना के आधार स्पेशल ने किया पर्दाफाश
डीसीपी संजीव यादव के अनुसार अवैध हथियारों की तस्करी करने वाले गैंग को लेकर स्पेशल सेल की टीम लगातार काम कर रही थी. बीते कुछ समय में ऐसे कई गैंग का स्पेशल सेल द्वारा पर्दाफाश किया गया है. हाल में एक ऐसे ही गैंग के बारे में स्पेशल सेल को इनपुट मिला. इसे ध्यान में रखते हुए एसीपी जसबीर सिंह की देखरेख में इंस्पेक्टर कृष्ण कुमार की टीम ने गैंग के बारे में जानकारी जुटाने का काम शुरू किया. बीते 4 मार्च को उन्हें सूचना मिली कि यूपी से हथियार की खेप लेकर बदमाश रोहिणी स्थित हेलीपैड के पास आएंगे. यहां पर वह अवैध हथियार सप्लाई करेंगे.

पकड़े गए तीन तस्कर
तीन आरोपियों से बरामद हुईं 24 पिस्तौलइस जानकारी पर पुलिस टीम ने रात के समय वहां जाल बिछाया. कुछ समय बाद वहां पर एक कार आई. इसमें से दो युवक नीचे उतरे जिनके कंधे पर बैग था. मुखबिर ने बताया कि यही लोग हथियार सप्लाई करने के लिए आए हैं. पुलिस टीम ने उन्हें सरेंडर करने के लिए कहा लेकिन उन्होंने भागने की कोशिश की. पुलिस टीम ने पीछा कर उन्हें पकड़ लिया. भुवनेश के बैग से पुलिस को 14 पिस्तौल जबकि रोकेश कुमार के बैग से 10 पिस्तौल बरामद हुईं. उनके पास मौजूद गाड़ी भी राजा गार्डन थाने इलाके से चोरी की गई थी. यह गाड़ी उनका तीसरा साथी चंद्रवीर सिंह चला रहा था. उसे वह अपने साथ आने के लिए अच्छी खासी कीमत देते थे. इस बाबत आर्म्स एक्ट का मामला दर्ज कर तीनों को गिरफ्तार कर लिया गया. 100 फीसदी मुनाफे में बेचते थे हथियारगिरफ्तार किया गया भुवनेश कुमार बी. फार्मा का कोर्स कर चुका है. लॉकडाउन से पहले वह बाउंसर का काम करता था. कोरोना के चलते उसकी नौकरी चली गई. इसके बाद उसने मध्य प्रदेश के बुरहानपुर निवासी राकेश से संपर्क किया जो हथियार की तस्करी करता है. उसके साथ मिलकर वह हथियार की तस्करी करने लगा और दिल्ली एनसीआर के बदमाशों को हथियार पहुंचाने लगा. दिल्ली के अलावा वह मेरठ और हरियाणा में भी हथियार की सप्लाई करता है. उसने पुलिस को बताया कि वह अवैध पिस्तौल 7500 रुपये में खरीद कर उसे 15000 रुपये में बेचता है. वहीं आगे बदमाश उससे ली गई पिस्तौल को आगे 25 से 35 हजार रुपये में खरीदते हैं.

ये भी पढ़ें- स्पेशल स्टाफ के हत्थे चढ़ा वांटेड बदमाश

ये भी पढ़ें- बिंदापुर पुलिस ने बरामद किए चार मोबाइल फोन

एक चक्कर के मिलते थे 10 हजार रुपये
आरोपी चंद्रवीर सिंह अलीगढ़ का रहने वाला है. वह हाथरस में बाइक रिपेयरिंग का काम सीख रहा था. इस दौरान भुवनेश से उसकी मुलाकात हुई और वह उसके इशारे पर अवैध हथियारों की सप्लाई करने लगा. वह उनके साथ बुरहानपुर जाकर हथियार लेकर आता था और इन्हें सप्लाई करने के लिए दिल्ली भी आता था. उसे एक ट्रिप के लिए आठ से 10 हजार रुपये मिलते थे. तीसरा आरोपी मुकेश कुमार यूपी के हाथरस का रहने वाला है और पारिवारिक कारणों से उसने अपना घर छोड़ दिया था. वह भुवनेश कुमार के पड़ोसी गांव का रहने वाला है और उसके साथ मिलकर अवैध हथियारों की तस्करी में शामिल था.

नई दिल्ली: मध्य प्रदेश के हथियार दिल्ली-एनसीआर में सप्लाई करने वाली एक तस्कर गैंग का स्पेशल सेल ने पर्दाफाश किया है. इस गैंग के तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके पास से 24 अवैध पिस्तौल बरामद किए गए हैं. आरोपियों की पहचान भुवनेश कुमार, रोकेश कुमार और चंद्रवीर सिंह के रूप में की गई है. इनके पास से एक चोरी की कार भी पुलिस ने बरामद की है जो राजौरी गार्डन इलाके से चुराई गई थी.

गुप्त सूचना के आधार स्पेशल ने किया पर्दाफाश
डीसीपी संजीव यादव के अनुसार अवैध हथियारों की तस्करी करने वाले गैंग को लेकर स्पेशल सेल की टीम लगातार काम कर रही थी. बीते कुछ समय में ऐसे कई गैंग का स्पेशल सेल द्वारा पर्दाफाश किया गया है. हाल में एक ऐसे ही गैंग के बारे में स्पेशल सेल को इनपुट मिला. इसे ध्यान में रखते हुए एसीपी जसबीर सिंह की देखरेख में इंस्पेक्टर कृष्ण कुमार की टीम ने गैंग के बारे में जानकारी जुटाने का काम शुरू किया. बीते 4 मार्च को उन्हें सूचना मिली कि यूपी से हथियार की खेप लेकर बदमाश रोहिणी स्थित हेलीपैड के पास आएंगे. यहां पर वह अवैध हथियार सप्लाई करेंगे.

पकड़े गए तीन तस्कर
तीन आरोपियों से बरामद हुईं 24 पिस्तौलइस जानकारी पर पुलिस टीम ने रात के समय वहां जाल बिछाया. कुछ समय बाद वहां पर एक कार आई. इसमें से दो युवक नीचे उतरे जिनके कंधे पर बैग था. मुखबिर ने बताया कि यही लोग हथियार सप्लाई करने के लिए आए हैं. पुलिस टीम ने उन्हें सरेंडर करने के लिए कहा लेकिन उन्होंने भागने की कोशिश की. पुलिस टीम ने पीछा कर उन्हें पकड़ लिया. भुवनेश के बैग से पुलिस को 14 पिस्तौल जबकि रोकेश कुमार के बैग से 10 पिस्तौल बरामद हुईं. उनके पास मौजूद गाड़ी भी राजा गार्डन थाने इलाके से चोरी की गई थी. यह गाड़ी उनका तीसरा साथी चंद्रवीर सिंह चला रहा था. उसे वह अपने साथ आने के लिए अच्छी खासी कीमत देते थे. इस बाबत आर्म्स एक्ट का मामला दर्ज कर तीनों को गिरफ्तार कर लिया गया. 100 फीसदी मुनाफे में बेचते थे हथियारगिरफ्तार किया गया भुवनेश कुमार बी. फार्मा का कोर्स कर चुका है. लॉकडाउन से पहले वह बाउंसर का काम करता था. कोरोना के चलते उसकी नौकरी चली गई. इसके बाद उसने मध्य प्रदेश के बुरहानपुर निवासी राकेश से संपर्क किया जो हथियार की तस्करी करता है. उसके साथ मिलकर वह हथियार की तस्करी करने लगा और दिल्ली एनसीआर के बदमाशों को हथियार पहुंचाने लगा. दिल्ली के अलावा वह मेरठ और हरियाणा में भी हथियार की सप्लाई करता है. उसने पुलिस को बताया कि वह अवैध पिस्तौल 7500 रुपये में खरीद कर उसे 15000 रुपये में बेचता है. वहीं आगे बदमाश उससे ली गई पिस्तौल को आगे 25 से 35 हजार रुपये में खरीदते हैं.

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एक चक्कर के मिलते थे 10 हजार रुपये
आरोपी चंद्रवीर सिंह अलीगढ़ का रहने वाला है. वह हाथरस में बाइक रिपेयरिंग का काम सीख रहा था. इस दौरान भुवनेश से उसकी मुलाकात हुई और वह उसके इशारे पर अवैध हथियारों की सप्लाई करने लगा. वह उनके साथ बुरहानपुर जाकर हथियार लेकर आता था और इन्हें सप्लाई करने के लिए दिल्ली भी आता था. उसे एक ट्रिप के लिए आठ से 10 हजार रुपये मिलते थे. तीसरा आरोपी मुकेश कुमार यूपी के हाथरस का रहने वाला है और पारिवारिक कारणों से उसने अपना घर छोड़ दिया था. वह भुवनेश कुमार के पड़ोसी गांव का रहने वाला है और उसके साथ मिलकर अवैध हथियारों की तस्करी में शामिल था.

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