भोपाल। कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद को पुलिस ने गिरफ्तार किया, वहीं गिरफ्तारी के तुरंत बाद विधायक को जमानत भी दे दी गई है. तलैया थाना क्षेत्र स्थित इकबाल मैदान में 2 दिन पहले फ्रांस के राष्ट्रपति के खिलाफ प्रदर्शन को लेकर विधायक आरिफ मसूद सहित 2 हजार लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई थी.
भोपाल मध्य से कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद और उनके 50 समर्थकों को पुलिस ने गिरफ्तार किया. बाद में उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया है. दरअसल, फ्रांस के राष्ट्रपति के खिलाफ प्रदर्शन को लेकर भीड़ जुटाने के खिलाफ विधायक पर मामला दर्ज किया गया था.
क्या है मामला
बताया जा रहा है कि फ्रांस के राष्ट्रपति ने मोहम्मद पैगंबर का कार्टून बनाया और उनके खिलाफ अभद्र टिप्पणी की. जिसके चलते दुनियाभर के मुस्लिम समुदाय में आक्रोश है. मुस्लिम समाज राष्ट्रपति से माफी मांगने की अपील कर रहा है. मुस्लिम समुदाय के रहनुमाओं का कहना है कि जब तक वह माफी नहीं मांगेंगे तब तक इसी तरह के आंदोलन विश्व भर में जारी रहेंगे. वहीं भारत में भी इस तरह के आंदोलन जगह-जगह किए जाएंगे.
कौन हैं आरिफ मसूद
2018 के विधानसभा चुनाव में भोपाल मध्य से विधायक चुने गए आरिफ मसूद मुसलमानों से संबंधित मुद्दों पर पहले से भी मुखर होकर बोलते रहे हैं. मॉब लिंचिंग से लेकर राम मंदिर और ट्रिपल तलाक जैसे मुद्दों पर उनके बयान अक्सर चर्चा में रहे हैं. विधायक चुने जाने के थोड़े दिनों बाद ही उनके एक बयान को लेकर बवाल खड़ा हो गया था. उन्होंने कह दिया था कि मैं देश से प्यार करता हूं, लेकिन वंदे मातरम नहीं गाऊंगा. इसके खिलाफ बीजेपी कार्यकर्ता सड़क पर उतर आए थे और कांग्रेस पार्टी से उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी.
दबंग छवि के हैं आरिफ मसूद
दबंग छवि के लिए मशहूर मसूद ने ट्रिपल तलाक बिल के खिलाफ पूरे भोपाल में प्रदर्शन आयोजित किए थे. मॉब लिंचिंग के खिलाफ भी अपने समर्थकों के साथ वे सड़कों पर उतरे थे साल 2001 में गदर- एक प्रेम कथा फिल्म की स्क्रीनिंग के खिलाफ भोपाल के लिली टॉकीज में भी कार्यकर्ताओं के साथ इनपर तोड़फोड़ का आरोप है. इसका नेतृत्व भी मसूद ने ही किया था. उस समय मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष रहे दिग्विजय सिंह ने इसके बाद उन्हें पार्टी से निकाल दिया था. कुछ समय समाजवादी पार्टी में रहने के बाद वे फिर से कांग्रेस में लौट आए और 2010 में पार्टी के अल्पसंख्क मोर्चा के संयोजक बने.
सीएम ने किया था ट्वीट
इकबाल मैदान में बिना अनुमति के भीड़ इकठ्ठी करने को लेकर सीएम शिवराज ने भी इस मामले में ट्वीट किया था. सीएम ने इस मामले को गंभीरता से लेने की बात कही थी. वहीं पुलिस भी इस मामले में गंभीर हो गई और एफआईआर में आपदा प्रबंधन और एपिडेमिक आईपीसी की धाराएं बढ़ाई. विधायक आरिफ मसूद सहित उनके 50 समर्थकों को गिरफ्तार किया. लेकिन अपराध जमानती होने के कारण उन्हें जमानत दे दी गई.
बचे हुए अज्ञात आरोपियों की तलाश में पुलिस
बता दें कि मामले में 2000 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. इस मामले में पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था. सिर्फ मध्य विधायक आरिफ मसूद का नाम लिखा गया था. जो नामजद था, बाकी सब अज्ञात थे. वही बचे हुए अज्ञात लोगों की पुलिस तलाश कर रही है.
भड़काऊ मैसेज करने वाले युवक पर दर्ज हुई FIR
भोपाल के इकबाल मैदान में फ्रांस के राष्ट्रपति के विरोध में प्रदर्शन का भड़काऊ मैसेज वायरल करने वाले युवक के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज किया है. पुलिस ने युवक मुफ्ती मसरूर के खिलाफ आईटी एक्ट की धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की है. वहीं पुलिस आरोपी युवक की तलाश कर रही है.
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कांग्रेस विधायक ने जताया विरोध
दरअसल, 30 अक्टूबर को भोपाल के कव्वाल मैदान में फ्रांस के राष्ट्रपति एमेनुअल मैक्रों का मुस्लिम समाज के लोगों ने कड़ा विरोध किया था. कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद के नेतृत्व में फ्रांस के राष्ट्रपति का विरोध किया गया था. इस दौरान प्रदशनकारियों ने राष्ट्रपति एमेनुअल मैक्रों के पोस्टर को पैरों तले रौंदा गया और उनसे माफी मांगने की अपील की थी.
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ईटीवी भारत से बातचीत में क्या बोले थे आरिफ मसूद
एफआईआर दर्ज होने पर विधायक आरिफ मसूद ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा है कि कोरोना गाइडलाइन का पालन नहीं करने को लेकर दो हजार लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई है, लेकिन हम शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे थे. कोई भी नारेबाजी या हुड़दंग नहीं हुआ. वहीं चुनावी रैलियों और सभाओं में हजारों की भीड़ उमड़ रही है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सभाओं में तो मंच पर ही 200 से 500 की भीड़ रहती है. इन सभाओं में भी कोई कोरोना गाइडलाइन का पालन नहीं कर रहा है.
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मोहम्मद नबी की शान में गुस्ताखी करने पर कांग्रेस विधायक ने भारत सरकार से फ्रांस से आर्थिक सहित सभी तरह के रिश्ते तोड़ने की बात कही. उन्होंने कहा कि फ्रांस के राष्ट्रपति ने भारत में रह रहे मुस्लिमों का दिल आहत किया है. भारत के प्रधानमंत्री को यह निर्णय लेना चाहिए कि फ्रांस से अब हमें आयात निर्यात बंद कर देना चाहिए.
क्यों हो रहा मैक्रों के बयान पर विवाद
यूरोप में फ्रांस ऐसा देश है, जहां की आबादी में 10 फीसदी मुस्लिम हैं. इनमें ज्यादातर दूसरे देशों या फ्रांस के उपनिवेशों से आए लोग शामिल हैं. सीरिया और इराक में आईएस के उभरने के बाद फ्रांस इस आतंकी संगठन के निशाने पर रहा है. कई आतंकी हमलों के बाद राष्ट्रपति मैक्रों इस्लामी आतंकवाद और कट्टरपंथ से लड़ने की बात कह चुके हैं.
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हालिया इंटरव्यू में मैक्रों ने फ्रांस की धर्मनिरपेक्षता को सर्वोपरि बताते हुए इस्लाम को संकट में पड़ा धर्म बताया था. कुछ ही दिन पहले फ्रांस में पैगंबर मोहम्मद का आपत्तिजनक कार्टून दिखाने वाले एक टीचर की हत्या के बाद मैक्रों ने कट्टरपंथी ताकतों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की बात कही. इसके बाद फ्रांस में कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया और कुछ एनजीओ भी बंद किए गए. इसी के खिलाफ दुनियाभर में उनका विरोध जारी है. भारत के विदेश मंत्रालय ने फ्रांस के राष्ट्रपति पर हो रहे जुबानी हमलों की निंदा की है, वहीं कुछ नेताओं ने मैक्रों को समर्थन भी जताया है.