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निगम मंडल की नियुक्तियां टली, पद चाहने वालों को और करना पड़ेगा इंतजार

देशभर में लोकसभा चुनाव में निराशाजनक परिणाम और सरकार को सुरक्षित रखने की कवायद से फिलहाल निगम मंडल की नियुक्तियां भी टल गई है.

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Published : Jun 24, 2019, 11:56 PM IST

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भोपाल। मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार को 6 महीने से ज्यादा वक्त बीत चुका है. सरकार का हिस्सा बनने के लिए इंतजार कर रहे संगठन के कार्यकर्ता और पदाधिकारियों के लिए निगम मंडल की नियुक्ति का इंतजार लंबा होता जा रहा है. संगठन में सक्रियता के जरिए निगम मंडल का पद हासिल करने की कोशिश में जुटे संगठन कार्यकर्ता और पदाधिकारी भोपाल से लेकर दिल्ली दरबार तक दस्तक दे रहे हैं.

निगम मंडल की टल नियुक्तियां

लोकसभा चुनाव के पहले चर्चा थी कि चुनाव बाद लोकसभा चुनाव के परफॉर्मेंस के आधार पर लोगों को निगम मंडल के पद पर नियुक्त किया जाएगा लेकिन लोकसभा चुनाव के निराशाजनक परिणाम और सरकार को सुरक्षित रखने की कवायद से फिलहाल निगम मंडल की नियुक्तियां भी टल गई है. कांग्रेसी सूत्रों की माने निगम मंडल की नियुक्तियों के लिए दावेदारों करीब एक महीने का इंतजार करना होगा.

एक तरफ कमलनाथ सरकार खुद को सुरक्षित रखने के लिए विधायकों को भी निगम मंडल में एडजस्ट करना चाहती है. सरकार उन्हें निगम मंडल में पद देना चाहती है जो मंत्री पद के दावेदार तो नहीं हैं, लेकिन निगम मंडल में पद हासिल कर सरकार को सुरक्षित रखने में मदद कर सकते हैं. कमलनाथ सरकार तय संख्या में ही मंत्रिमंडल में विधायकों को शामिल कर सकती है. ऐसे में माना जा रहा है कि कुछ विधायकों को निगम मंडल के पद दिए जाएंगे. ऐसी स्थिति में मुख्यमंत्री कमलनाथ लगातार आईसीसी के संपर्क में और संगठन की हरी झंडी मिलते ही मंत्रिमंडल विस्तार के साथ-साथ निगम मंडल की नियुक्तियां करेंगे.

निगम मंडल की नियुक्तियों में कुछ विधायकों के अलावा ज्यादातर संगठन के लोगों को तवज्जो दी जाएगी. इसमें क्षेत्रीय और जातिगत समीकरण को ध्यान रखे जाएंगे. संगठन और पार्टी में सक्रियता को प्रमुख आधार माना जाएगा.

मध्यप्रदेश कांग्रेस के प्रदेश संगठन महामंत्री राजीव सिंह का कहना है कि मुख्यमंत्री जल्द ही इस मामले में निर्णय लेंगे. निगम मंडल की नियुक्ति के लिए एआईसीसी से अनुमति लेना पड़ती है. राजीव सिंह ने कहा कि सभी लोगों को निगम मंडल में नियुक्ति मिले, सभी लोगों को प्रतिनिधित्व मिले, हर संभाग के लोग शामिल हो और खासकर ऐसे नेता और कार्यकर्ता जिन्होंने संगठन में लगातार संघर्ष किया है और पार्टी के लिए काम किया है, उनको अवसर मिले. राजीव सिंह ने कहा है कि जुलाई में विधानसभा का मानसून सत्र है उसी के बाद यह नियुक्तियां हो पाएंगी.

भोपाल। मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार को 6 महीने से ज्यादा वक्त बीत चुका है. सरकार का हिस्सा बनने के लिए इंतजार कर रहे संगठन के कार्यकर्ता और पदाधिकारियों के लिए निगम मंडल की नियुक्ति का इंतजार लंबा होता जा रहा है. संगठन में सक्रियता के जरिए निगम मंडल का पद हासिल करने की कोशिश में जुटे संगठन कार्यकर्ता और पदाधिकारी भोपाल से लेकर दिल्ली दरबार तक दस्तक दे रहे हैं.

निगम मंडल की टल नियुक्तियां

लोकसभा चुनाव के पहले चर्चा थी कि चुनाव बाद लोकसभा चुनाव के परफॉर्मेंस के आधार पर लोगों को निगम मंडल के पद पर नियुक्त किया जाएगा लेकिन लोकसभा चुनाव के निराशाजनक परिणाम और सरकार को सुरक्षित रखने की कवायद से फिलहाल निगम मंडल की नियुक्तियां भी टल गई है. कांग्रेसी सूत्रों की माने निगम मंडल की नियुक्तियों के लिए दावेदारों करीब एक महीने का इंतजार करना होगा.

एक तरफ कमलनाथ सरकार खुद को सुरक्षित रखने के लिए विधायकों को भी निगम मंडल में एडजस्ट करना चाहती है. सरकार उन्हें निगम मंडल में पद देना चाहती है जो मंत्री पद के दावेदार तो नहीं हैं, लेकिन निगम मंडल में पद हासिल कर सरकार को सुरक्षित रखने में मदद कर सकते हैं. कमलनाथ सरकार तय संख्या में ही मंत्रिमंडल में विधायकों को शामिल कर सकती है. ऐसे में माना जा रहा है कि कुछ विधायकों को निगम मंडल के पद दिए जाएंगे. ऐसी स्थिति में मुख्यमंत्री कमलनाथ लगातार आईसीसी के संपर्क में और संगठन की हरी झंडी मिलते ही मंत्रिमंडल विस्तार के साथ-साथ निगम मंडल की नियुक्तियां करेंगे.

निगम मंडल की नियुक्तियों में कुछ विधायकों के अलावा ज्यादातर संगठन के लोगों को तवज्जो दी जाएगी. इसमें क्षेत्रीय और जातिगत समीकरण को ध्यान रखे जाएंगे. संगठन और पार्टी में सक्रियता को प्रमुख आधार माना जाएगा.

मध्यप्रदेश कांग्रेस के प्रदेश संगठन महामंत्री राजीव सिंह का कहना है कि मुख्यमंत्री जल्द ही इस मामले में निर्णय लेंगे. निगम मंडल की नियुक्ति के लिए एआईसीसी से अनुमति लेना पड़ती है. राजीव सिंह ने कहा कि सभी लोगों को निगम मंडल में नियुक्ति मिले, सभी लोगों को प्रतिनिधित्व मिले, हर संभाग के लोग शामिल हो और खासकर ऐसे नेता और कार्यकर्ता जिन्होंने संगठन में लगातार संघर्ष किया है और पार्टी के लिए काम किया है, उनको अवसर मिले. राजीव सिंह ने कहा है कि जुलाई में विधानसभा का मानसून सत्र है उसी के बाद यह नियुक्तियां हो पाएंगी.

Intro:भोपाल। मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार को 6 महीने से ज्यादा वक्त बीत चुका है। ऐसे में सरकार का हिस्सा बनने के लिए इंतजार कर रहे संगठन के कार्यकर्ता और पदाधिकारियों के लिए निगम मंजिल की नियुक्ति का इंतजार लंबा होता जा रहा है। संगठन में सक्रियता के जरिए निगम मंडल का पद हासिल करने की कोशिश में जुटे संगठन कार्यकर्ता और पदाधिकारी भोपाल से लेकर दिल्ली दरबार तक दस्तक दे रहे हैं। हालांकि लोकसभा चुनाव के पहले चर्चा थी कि चुनाव बाद लोकसभा चुनाव के परफॉर्मेंस के आधार पर लोगों को निगम मंडल के पद पर नियुक्त किया जाएगा लेकिन लोकसभा चुनाव के निराशाजनक परिणाम और सरकार को सुरक्षित रखने की कवायद से फिलहाल निगम मंडल की नियुक्तियां भी टल गई है। कांग्रेसी सूत्रों की माने निगम मंडल की नियुक्तियों के लिए दावेदारों करीब एक महीने का इंतजार करना होगा।


Body:दरअसल एक तरफ कमलनाथ सरकार अपनी सरकार को सुरक्षित रखने के लिए उन विधायकों को भी निगम मंडल में एडजस्ट करना है. जो मंत्री पद के दावेदार तो नहीं है, निगम मंडल में पद हासिल कर सरकार को सुरक्षित रखने में मदद कर सकते हैं। कमलनाथ सरकार तय संख्या में ही मंत्रिमंडल में विधायकों को शामिल कर सकती है। ऐसे में माना जा रहा है कि कुछ विधायकों को निगम मंडल के पद दिए जाएंगे ऐसी स्थिति में मुख्यमंत्री कमलनाथ लगातार आईसीसी के संपर्क में और संगठन की हरी झंडी मिलते ही मंत्रिमंडल विस्तार के साथ-साथ निगम मंडल की नियुक्तियां करेंगे। निगम मंडल की नियुक्तियों में कुछ विधायकों के अलावा ज्यादातर संगठन के लोगों को तवज्जो दी जाएगी इसमें क्षेत्रीय और जातिगत समीकरण को ध्यान रखें जाएंगे। साथ ही संगठन और पार्टी में सक्रियता को प्रमुख आधार माना जाएगा। इस स्थिति में संगठन के जरिए निगम मंडल का पद हासिल करने की कवायद में जुटे कांग्रेस नेता और पदाधिकारी लगातार मुख्यमंत्री कमलनाथ और दिल्ली दरबार में दस्तक दे रहे हैं। लेकिन इन दावेदारों को अभी करीब एक महीने से लेकर डेढ़ महीने तक इंतजार होगा। क्योंकि निगम मंडल की नियुक्तियां भी मंत्रिमंडल विस्तार के साथ की जाएंगी।


Conclusion:इस मामले में मध्यप्रदेश कांग्रेस के प्रदेश संगठन महामंत्री राजीव सिंह का कहना है कि मुख्यमंत्री जल्द ही इस मामले में निर्णय लेंगे। निगम मंडल की नियुक्ति के लिए एआईसीसी से अनुमति लेना पड़ती है। मैं समझता हूं कि उनके निर्देशानुसार सभी लोगों को निगम मंडल में नियुक्ति मिले, सभी लोगों को प्रतिनिधित्व मिले, हर संभाग के लोग शामिल हो और खासकर ऐसे नेता और कार्यकर्ता जिन्होंने संगठन में लगातार संघर्ष किया है और पार्टी के लिए काम किया है,उनको अवसर मिले। मेरा मानना है कि जुलाई में विधानसभा का मानसून सत्र है उसी के बाद यह नियुक्तियां हो पाएंगी।
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