भोपाल। एमपी में विधायक तो नहीं टूटे लेकिन मीडिया सेल के उपाध्यक्ष पर बात रुक गई. अब सियासी गलियारों में चर्चे हैं कि क्या बात खत्म हो गई है? या अभी 4 दिसम्बर की शाम तक भी उस पाले से इस पाले में बीजेपी दौड़ लग सकती है. माहौल तो बना हुआ है. पार्टी के दिग्गज नेता कैलाश विजयवर्गीय का बयान इसकी बानगी जिसमें वो कह रहे हैं कि तीन चार विधायक तो अकेले उनके ही संपर्क में हैं. अंदाजा लगाइए ये एक नेता का दावा है तो बीजेपी के कितने दिग्गजों के संपर्क में कितने और विधायक होंगे. अब बीजेपी विभीषणों के लिए रेड कार्पेट बिछाए और कांग्रेस शुक्र मनाए कि अभी कितने विभीषण और हैं.
क्या सचिन बिरला कर सकते हैं घर वापिसी: बीजेपी कांग्रेस में विभीषण तलाश रही है और कांग्रेस पाला बदलकर गए उन विधायकों पर निगाह टिकाए है. जो ना खुदा ही मिला ना बिसाल-ए-सनम के हालात में आकर उलझे पड़े हैं. सचिन बिरला की गिनती उन्ही विधायकों में है. सुनने में ये आया है कि सचिन बिरला को बीजेपी में सफोकेशन हो रहा है.
टिकट पक्का होना आसान नहीं: कहा ये जा रहा है कि सचिन बिरला को ये डर सताने लगा है कि बीजेपी में उनका टिकट पक्का होना आसान नहीं. अब जमी जमाई कांग्रेस से मिली विधायकी छोड़कर बीजेपी में गए और वहां टिकट के भी लाले पड़ गए तो सोचिए क्या हालात बनेंगे. तो सुना है इसलिए सचिन बिरला घर वापिसी का रास्ता बनारहे हैं इन दिनों. चर्चा तो ये भी सुनी है कि कांग्रेस की तैयारी ये है कि अगर घर वापिसी होनी ही है तो भारत जोड़ो यात्रा के दौरान ही हो जाए. तो ये संदेश भी चला जाएगा कि राहुल गांधी की यात्रा पुराने टूटे संबधों को भी जोड़ गई है.
गुजरात चुनाव नतीजों के बाद एमपी में क्या होगा: आप इसे सवाल की तरह सुनिए कि गुजरात चुनाव के नतीजों के बाद एमपी में क्या होगा. आप जाहिर तौर पर कहेंगे कि गुजराता चुनाव नतीजों के बाद जो होना है गुजरात में होगा. लेकिन ऐसा है नहीं. सियासी गलियारों में ये चर्चा है कि गुजरात चुनाव नतीजों के बाद एमपी में भी हो सकती है पॉलीटिकल सर्जरी. कहा ये जा रहा है कि एमपी में सरकार के आठ के करीब मंत्री हैं जिनका रिपोर्ट कार्ड नॉन परफार्मिंग के दायरे में आ रहा है. इनमें हर कैटेगरी के मंत्री हैं यानि सिंधिया समर्थक भी हैं संघ के करीबी भी. चर्चा तो ये भी है इनका अप्रैजल कमजोर है इसकी जानकारी मंत्रियों को भी है. तो मंत्री अपनी परफार्मेंस सुधारने में भी जुट गए हैं. कि गुजरात चुनाव नतीजों के साथ इनके नतीजे भी बदल जाएं.