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कोरोना के खिलाफ लड़ाई में अहम भूमिका निभा रहे हैं एंबुलेंस क्रू मेंबर्स, संक्रमण के खतरे के बीच कर रहे ड्यूटी - corona virus pandemic

कोरोना काल में एंबुलेंस क्रू मेंबर्स भी कोरोना वॉरियर्स के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रहे हैं, जो कोरोना संक्रमितों को अस्पताल पहुंचाने के चुनौतीपूर्ण काम में जुटे हुए हैं.

ambulance crew
एम्बुलेंस क्रू
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Published : May 29, 2020, 11:40 AM IST

Updated : May 29, 2020, 2:03 PM IST

भोपाल। COVID-19 के संकटकाल में दिन- रात अपनी सेवाएं दे रहे कोरोना योद्धाओं की बात करें तो, एंबुलेंस क्रू के तौर पर काम करने वाले कर्मचारियों के योगदान को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. इनके ऊपर सबसे बड़ी जिम्मेदारी कोरोना मरीजों को अस्पताल पहुंचाने की होती है. इस चुनौतीपूर्ण काम को करते वक्त इन्हें संक्रमण के खतरे से भी लड़ना पड़ता है. मेडिकल स्टाफ से हटकर देखा जाए तो, इस समय सफाई कर्मी, निगम कर्मी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशा कार्यकर्ता भी कंधे से कंधा मिलाकर इस महामारी से लड़ने में बड़ी भूमिका निभा रहे हैं. ये सभी वो छुपे हुए योद्धा हैं, जो अब सबके सामने आए हैं. ऐसे ही कोरोना वॉरियर्स में शामिल हैं 'एम्बुलेंस क्रू', जिनकी जिम्मेदारी है कोरोना वायरस के संक्रमित और संदिग्ध मरीजों को अस्पताल लाने और ले जाने की.

एंबुलेंस क्रू

राजधानी भोपाल में इन योद्धाओं की बात करें तो, एम्बुलेंस का संचालन करने वाली जिगित्सा हेल्थ केयर की तरफ से 4 एम्बुलेंस कोरोना मरीजों को लाने और लेजाने के लिए ड्यूटी पर लगाई गई हैं. शहर में बढ़ रहे मामलों के कारण एक एम्बुलेंस को 15-20 मरीजों को रोजाना कोविड-19 के चिन्हित अस्पतालों में पहुंचाना पड़ता है.

कर रहे देश सेवा

इन मुश्किल हालातों में भी इन कोरोना योद्धाओं का कहना है कि, उन्हें लोगों की सेवा करने का मौका मिला है. एम्बुलेंस में ड्राइवर नरेश मेवाड़ा ने बताया कि, जब से शहर में कोरोना वायरस की दस्तक हुई है, तब से ही वे अपनी टीम के साथ लगातार काम में लगे हुए हैं. जब से शहर में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले बढ़ने शुरू हुए, तभी से ये क्रू-मेंबर अपने परिवार वालों से दूर रह रहे हैं, बावजूद इसके सभी कर्मचारियों का कहना है कि, वे तो देश की सेवा कर रहे हैं.

सुरक्षा की व्यवस्था

एम्बुलेंस के क्रू-मेंबर्स की सुरक्षा को लेकर चिकित्सा हेल्थ केयर के प्रोजेक्ट हेड जितेंद्र शर्मा ने बताया कि, कंपनी की ओर से इनके लिए व्यव्स्थाएं की गई हैं. कोविड-19 के मरीजों को ले जाने वाले एम्बुलेंस क्रू को सारे प्रोटेक्टिव गियर उपलब्ध कराए गए हैं. कोरोना वायरस के किसी भी सन्दिग्ध या संक्रमित व्यक्ति को अस्पताल ले जाने से पहले यह सुनिश्चित किया जाता है कि, स्टाफ ने पीपीई किट, मास्क और ग्लव्स पहना है या नहीं. इसके अलावा एम्बुलेंस क्रू के रहने और खाने की व्यवस्था सीएमएचओ और जिला प्रशासन के साथ मिलकर ही की गई है, ताकि हाई रिस्क में रहने वाले स्टाफ से उनके परिवार को वायरस का खतरा न हो. बता दें कि, राजधानी भोपाल में कोविड-19 के मरीजों के लिए 4 एम्बुलेंस का संचालन किया जा रहा है. हर एम्बुलेंस में 4 कर्मचारियों का स्टाफ शिफ्ट के मुताबिक काम कर रहा है. वहीं इनकी सुरक्षा का पूरा ख्याल भी रखा जा रहा है.

भोपाल। COVID-19 के संकटकाल में दिन- रात अपनी सेवाएं दे रहे कोरोना योद्धाओं की बात करें तो, एंबुलेंस क्रू के तौर पर काम करने वाले कर्मचारियों के योगदान को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. इनके ऊपर सबसे बड़ी जिम्मेदारी कोरोना मरीजों को अस्पताल पहुंचाने की होती है. इस चुनौतीपूर्ण काम को करते वक्त इन्हें संक्रमण के खतरे से भी लड़ना पड़ता है. मेडिकल स्टाफ से हटकर देखा जाए तो, इस समय सफाई कर्मी, निगम कर्मी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशा कार्यकर्ता भी कंधे से कंधा मिलाकर इस महामारी से लड़ने में बड़ी भूमिका निभा रहे हैं. ये सभी वो छुपे हुए योद्धा हैं, जो अब सबके सामने आए हैं. ऐसे ही कोरोना वॉरियर्स में शामिल हैं 'एम्बुलेंस क्रू', जिनकी जिम्मेदारी है कोरोना वायरस के संक्रमित और संदिग्ध मरीजों को अस्पताल लाने और ले जाने की.

एंबुलेंस क्रू

राजधानी भोपाल में इन योद्धाओं की बात करें तो, एम्बुलेंस का संचालन करने वाली जिगित्सा हेल्थ केयर की तरफ से 4 एम्बुलेंस कोरोना मरीजों को लाने और लेजाने के लिए ड्यूटी पर लगाई गई हैं. शहर में बढ़ रहे मामलों के कारण एक एम्बुलेंस को 15-20 मरीजों को रोजाना कोविड-19 के चिन्हित अस्पतालों में पहुंचाना पड़ता है.

कर रहे देश सेवा

इन मुश्किल हालातों में भी इन कोरोना योद्धाओं का कहना है कि, उन्हें लोगों की सेवा करने का मौका मिला है. एम्बुलेंस में ड्राइवर नरेश मेवाड़ा ने बताया कि, जब से शहर में कोरोना वायरस की दस्तक हुई है, तब से ही वे अपनी टीम के साथ लगातार काम में लगे हुए हैं. जब से शहर में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले बढ़ने शुरू हुए, तभी से ये क्रू-मेंबर अपने परिवार वालों से दूर रह रहे हैं, बावजूद इसके सभी कर्मचारियों का कहना है कि, वे तो देश की सेवा कर रहे हैं.

सुरक्षा की व्यवस्था

एम्बुलेंस के क्रू-मेंबर्स की सुरक्षा को लेकर चिकित्सा हेल्थ केयर के प्रोजेक्ट हेड जितेंद्र शर्मा ने बताया कि, कंपनी की ओर से इनके लिए व्यव्स्थाएं की गई हैं. कोविड-19 के मरीजों को ले जाने वाले एम्बुलेंस क्रू को सारे प्रोटेक्टिव गियर उपलब्ध कराए गए हैं. कोरोना वायरस के किसी भी सन्दिग्ध या संक्रमित व्यक्ति को अस्पताल ले जाने से पहले यह सुनिश्चित किया जाता है कि, स्टाफ ने पीपीई किट, मास्क और ग्लव्स पहना है या नहीं. इसके अलावा एम्बुलेंस क्रू के रहने और खाने की व्यवस्था सीएमएचओ और जिला प्रशासन के साथ मिलकर ही की गई है, ताकि हाई रिस्क में रहने वाले स्टाफ से उनके परिवार को वायरस का खतरा न हो. बता दें कि, राजधानी भोपाल में कोविड-19 के मरीजों के लिए 4 एम्बुलेंस का संचालन किया जा रहा है. हर एम्बुलेंस में 4 कर्मचारियों का स्टाफ शिफ्ट के मुताबिक काम कर रहा है. वहीं इनकी सुरक्षा का पूरा ख्याल भी रखा जा रहा है.

Last Updated : May 29, 2020, 2:03 PM IST
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