भोपाल। देश और प्रदेश में 14 अप्रैल को संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती धूमधाम से मनाई गई. सत्ता और विपक्ष के तमाम नेता इस दौरान अलग-अलग कार्यक्रमों में शामिल हुए और दलितों को लेकर कई बयान दिए. वहीं सियासत का केंद्र बने अंबेडकर की भव्य मूर्ति को 27 साल बाद विधानसभा परिसर में लगाया गया है. हालांकि विधानसभा जब बन रही थी तो उस वक्त सीमेंट की छोटी सी मूर्ति यहां लगाई गई थी.
बाबा अंबेडकर की लगी प्रतिमा: अम्बेडकर को आप अब विधानसभा में प्रवेश करते ही देख सकेंगे. विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम का मानना है कि जब भी इनको देखेंगे तो जहन में आएगा कि अंबेडकर ने ही देश का संविधान बनाया है. ये वहीं हैं, जिन्होंने दलित, शोषित और पीड़ितों की आवाज उठाई. गिरीश इंद्रेश गिरीश गौतम ने इंद्रेश गजभिए के प्रति आभार जताते हुए कहा कि हमें ऐसी मूर्ति स्थापित करनी थी जो कि दयनीय स्थिति में ना हो. बाबा साहब के बारे में जितना बोला जाए उतना कम पड़ेगा. उन्होंने समाज को एक चेतना दी है. समाज का हर वर्ग शिक्षा प्राप्त करने के लिए अग्रसर है.
पुरानी मूर्ति हो चुकी थी खराब: विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री बाबासाहेब अंबेडकर के सपनों को पूरा करने के लिए पूरा प्रयास कर रहे हैं. पुरानी मूर्ति खराब हो चुकी थी, इसलिए उसकी जगह नई मूर्ति लगाई गई है. वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि केवल प्रतिमा लगाने से सब नहीं होता है. वह पथ प्रदर्शक भी होते हैं. बाबा साहब हम सबके आस्था का केंद्र हैं. उनके योगदान को कोई भुला नहीं सकता. महू में हम अभी स्मारक बना रहे हैं. उनके स्मारक के लिए साढ़े तीन एकड़ जमीन सेना से मिल गई है और समिति को सौंप दी गई है.
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परिसर में लगी नर्मदा की मूर्ति भी दोबारा बनेगी: पिछले विधानसभा सत्र में नर्मदा की मूर्ति को लेकर भी आपत्ति जताई गई है. दरअसल जो मूर्ति है, उसमें मूर्ति पर कपड़े नहीं पहनाये गए. ईटीवी भारत ने इस खबर को प्रमुखता से दिखाया था, इसके बाद अध्यक्ष ने इसके लिए अमरकंटक से दल बुलाया. अब ये दल अध्ययन कर रहा है कि मूर्ति को किस तरह से डिजाइन किया जाना है. साथ ही विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि इसके लिए हमने एक्सपर्ट को बुलाया है, हालांकि अभी तक विधानसभा यह तय नहीं कर पाई है कि नई मूर्ति कब तक बनकर तैयार हो जाएगी, लेकिन फिलहाल कहा गया है जल्द ही मूर्ति बनकर तैयार हो जाएगी.