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फ्री में चाहिए माननीयों को फ्लैट! एजेंसी को बना दिया कर्जदार, 50 का आवंटन निरस्त

प्रदेश के माननीयों (Current and former legislators) को राजधानी (Bhopal) में आवास (Apartments) उपलब्ध कराने के लिए बनाए गए टाॅवर में करीब 150 ने बुकिंग करा ली, लेकिन सालों बाद भी 50 माननीयों ने इसकी किस्त (installment) जमा नहीं की. अब जाकर आवास संघ ने ऐसे सभी पूर्व और वर्तमान विधायकों के आवंटन को निरस्त कर उनकी आवंटन राशि लौटा दी है.

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भोपाल न्यूज
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Published : Sep 25, 2021, 6:35 PM IST

Updated : Sep 27, 2021, 2:35 PM IST

भोपाल (Bhopal)। प्रदेश के वर्तमान और पूर्व विधायकों को राजधानी में आवास (residence) उपलब्ध कराने के लिए बनाए गए टाॅवर में करीब 50 माननीयों ने बुकिंग करा तो ली, लेकिन सालों बाद भी इसकी किस्त (installment) जमा नहीं की. अब जाकर आवास संघ ने ऐसे सभी विधायकों के आवंटन को निरस्त कर उनकी आवंटन राशि लौटा दी है. यह स्थिति तब है जब विधायकों को यह फ्लैट (Flat) रियायती दरों पर दिए जा रहे हैं.

50 विधायकों के FLATE आवंटन निरस्त
50 विधायकों के FLATE आवंटन निरस्त

4 अक्टूबर को समीक्षा बैठक
वर्तमान और पूर्व विधायकों द्वारा रूचि न दिखाए जाने से 368 फ्लैट के इस टाॅवर में करीबन डेढ़ सौ से ज्यादा फ्लैट (Flat) अब तक बिक नहीं सके. इसके चलते निर्माण एजेंसी आवास संघ की देनदारी करोड़ों में हो गई है. उधर, विधायकों के आवास के लिए गठित कमेटी के अध्यक्ष और बीजेपी विधायक यशपाल सिसोदिया ने इसकी समीक्षा के लिए 4 अक्टूबर को समीक्षा बैठक बुलाई है.


विधायकों के आवास में एजेंसी बनी कर्जदार
राजधानी की प्राइम लोकेशन रचना नगर में 368 लग्जरी फ्लैट के लिए प्रदेश आवास संघ ने 2012-13 में काम शुरू किया था. टाॅवर में 282 पूर्व और वर्तमान विधायकों ने फ्लैट की बुकिंग की थी, लेकिन अभी तक सिर्फ 150 विधायकों ने ही फ्लैट की रजिस्ट्री कराई है. विधायकों द्वारा रूचि न दिखाए जाने से रचना टाॅवर के करीब 168 आवास खाली रह गए हैं. पंजीयन कराने वाले करीब 50 विधायक ऐसे हैं, जिन्होंने फ्लैट के लिए 3.50 लाख की पंजीयन राशि देकर फ्लैट बुक तो कराया, लेकिन इसके बाद इसकी एक भी किस्त नहीं भरी. विधायकों की लापरवाही का खामियाजा निर्माण एजेंसी आवास संघ को भुगतना पड़ा. यही कारण है कि आवास संघ करोड़ों की कर्जदार बन गई है. बताया जाता है कि आवास संघ पर करीब 19 करोड़ रुपए की देनदारी हो गई है.

विधायकों के आवंटन निरस्त
आवंटन को आवास संघ ने निरस्त कर दिया है. संघ ने इनके पंजीयन राशि में से 5 फीसदी राशि काटकर इसे वापस कर दिया है. हालांकि अभी कई विधायक ऐसे हैं, जिन्होंने इसकी गिनी चुनी किश्तें ही जमा की हैं. विधायकों के आवास के लिए गठित कमेटी के अध्यक्ष यशपाल सिसौदिया ने बताया कि कई विधायकों ने अभी राशि जमा नहीं की है.


सरस्वती शिशु मंदिर फैलाते हैं नफरत - दिग्विजय सिंह

कांग्रेस क्यों है चुप?
रचना टाॅवर को लेकर 4 अक्टूबर को समीक्षा बैठक बुलाई गई है. हालांकि हर मुद्दे को लेकर मुखर रहने वाले कांग्रेस विधायक इन आवासों को लेकर चुप्पी साधे हुए हैं. इसको लेकर जब कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस बारे में जानकारी नहीं है, वे कुछ नहीं बोलेंगे.

यह है विधायकों के आवास की कीमतें

  • 120 एचआईजी फ्लैट- कीमत- 61.20 लाख रुपए
  • 120 सीनियर एमआईजी फ्लैट- 58 लाख रुपए
  • 80 जूनियर एमआईजी फ्लैट- 42 लाख रुपए
  • 20 एलआईजी फ्लैट- 16 लाख रुपए
  • 28 फ्लैट ईडब्ल्यूएस के तहत तैयार किए गये हैं

    माननीयों के लिए पहले कई आ चुकी योजनाएं
    राजधानी भोपाल में विधायकों के लिए पहला विश्राम गृह 20 जुलाई 1958 को तैयार किया गया था. इसमें 24 यूनिट थी. इसके बाद 270 नए विधायकों के आवास बने. बाद में तीन अन्य फैमिली ब्लाॅक बने, जिसमें 732 आवास बनें. सबसे पहले 1980-83 में विधायकों के लिए जवाहर चौक पर 45 एमएलए क्वार्टर बनाए गये. 1990 से 1993 के दौरान जवाहर चौक और डिपो चैराहे के बीच आवासीय परिसर का निर्माण कराया गया, जिसमें 45 एमएलए क्वार्टर बनाया गए. 2003 में 7 एकड़ में रिवेरा टाउन बनाया गया. इसमें 80 बंगले बनाए गए.

भोपाल (Bhopal)। प्रदेश के वर्तमान और पूर्व विधायकों को राजधानी में आवास (residence) उपलब्ध कराने के लिए बनाए गए टाॅवर में करीब 50 माननीयों ने बुकिंग करा तो ली, लेकिन सालों बाद भी इसकी किस्त (installment) जमा नहीं की. अब जाकर आवास संघ ने ऐसे सभी विधायकों के आवंटन को निरस्त कर उनकी आवंटन राशि लौटा दी है. यह स्थिति तब है जब विधायकों को यह फ्लैट (Flat) रियायती दरों पर दिए जा रहे हैं.

50 विधायकों के FLATE आवंटन निरस्त
50 विधायकों के FLATE आवंटन निरस्त

4 अक्टूबर को समीक्षा बैठक
वर्तमान और पूर्व विधायकों द्वारा रूचि न दिखाए जाने से 368 फ्लैट के इस टाॅवर में करीबन डेढ़ सौ से ज्यादा फ्लैट (Flat) अब तक बिक नहीं सके. इसके चलते निर्माण एजेंसी आवास संघ की देनदारी करोड़ों में हो गई है. उधर, विधायकों के आवास के लिए गठित कमेटी के अध्यक्ष और बीजेपी विधायक यशपाल सिसोदिया ने इसकी समीक्षा के लिए 4 अक्टूबर को समीक्षा बैठक बुलाई है.


विधायकों के आवास में एजेंसी बनी कर्जदार
राजधानी की प्राइम लोकेशन रचना नगर में 368 लग्जरी फ्लैट के लिए प्रदेश आवास संघ ने 2012-13 में काम शुरू किया था. टाॅवर में 282 पूर्व और वर्तमान विधायकों ने फ्लैट की बुकिंग की थी, लेकिन अभी तक सिर्फ 150 विधायकों ने ही फ्लैट की रजिस्ट्री कराई है. विधायकों द्वारा रूचि न दिखाए जाने से रचना टाॅवर के करीब 168 आवास खाली रह गए हैं. पंजीयन कराने वाले करीब 50 विधायक ऐसे हैं, जिन्होंने फ्लैट के लिए 3.50 लाख की पंजीयन राशि देकर फ्लैट बुक तो कराया, लेकिन इसके बाद इसकी एक भी किस्त नहीं भरी. विधायकों की लापरवाही का खामियाजा निर्माण एजेंसी आवास संघ को भुगतना पड़ा. यही कारण है कि आवास संघ करोड़ों की कर्जदार बन गई है. बताया जाता है कि आवास संघ पर करीब 19 करोड़ रुपए की देनदारी हो गई है.

विधायकों के आवंटन निरस्त
आवंटन को आवास संघ ने निरस्त कर दिया है. संघ ने इनके पंजीयन राशि में से 5 फीसदी राशि काटकर इसे वापस कर दिया है. हालांकि अभी कई विधायक ऐसे हैं, जिन्होंने इसकी गिनी चुनी किश्तें ही जमा की हैं. विधायकों के आवास के लिए गठित कमेटी के अध्यक्ष यशपाल सिसौदिया ने बताया कि कई विधायकों ने अभी राशि जमा नहीं की है.


सरस्वती शिशु मंदिर फैलाते हैं नफरत - दिग्विजय सिंह

कांग्रेस क्यों है चुप?
रचना टाॅवर को लेकर 4 अक्टूबर को समीक्षा बैठक बुलाई गई है. हालांकि हर मुद्दे को लेकर मुखर रहने वाले कांग्रेस विधायक इन आवासों को लेकर चुप्पी साधे हुए हैं. इसको लेकर जब कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस बारे में जानकारी नहीं है, वे कुछ नहीं बोलेंगे.

यह है विधायकों के आवास की कीमतें

  • 120 एचआईजी फ्लैट- कीमत- 61.20 लाख रुपए
  • 120 सीनियर एमआईजी फ्लैट- 58 लाख रुपए
  • 80 जूनियर एमआईजी फ्लैट- 42 लाख रुपए
  • 20 एलआईजी फ्लैट- 16 लाख रुपए
  • 28 फ्लैट ईडब्ल्यूएस के तहत तैयार किए गये हैं

    माननीयों के लिए पहले कई आ चुकी योजनाएं
    राजधानी भोपाल में विधायकों के लिए पहला विश्राम गृह 20 जुलाई 1958 को तैयार किया गया था. इसमें 24 यूनिट थी. इसके बाद 270 नए विधायकों के आवास बने. बाद में तीन अन्य फैमिली ब्लाॅक बने, जिसमें 732 आवास बनें. सबसे पहले 1980-83 में विधायकों के लिए जवाहर चौक पर 45 एमएलए क्वार्टर बनाए गये. 1990 से 1993 के दौरान जवाहर चौक और डिपो चैराहे के बीच आवासीय परिसर का निर्माण कराया गया, जिसमें 45 एमएलए क्वार्टर बनाया गए. 2003 में 7 एकड़ में रिवेरा टाउन बनाया गया. इसमें 80 बंगले बनाए गए.
Last Updated : Sep 27, 2021, 2:35 PM IST
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