भोपाल। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), भोपाल और मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (MANIT) के बीच अकादमिक सहयोग बढ़ाने और स्वास्थ्य विज्ञान व अभियांत्रिकी के क्षेत्र में अनुसंधान को प्रोत्साहित करने के लिए एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर हुए हैं. MOU पर एम्स भोपाल की ओर से कर्नल (डॉ.) अजीत कुमार, उपनिदेशक (प्रशासन), मैनिट भोपाल और की ओर से डॉ. मनमोहन काप्शे, डीन (अनुसंधान एवं परामर्श) द्वारा हस्ताक्षर किए गए.
साझेदारी के महत्व पर जोर: एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक और सीईओ डॉ. अजय सिंह ने संस्थानों के बीच प्रभावी साझेदारी के महत्व पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि इस MOU का परिणाम अंततः सामाजिक प्रभाव के साथ उन्नत अनुसंधान में होना चाहिए. आगे नीति निर्माताओं को समाधान प्रदान करना चाहिए. एम्स भोपाल राष्ट्रीय महत्व का एक स्वायत्त संस्थान (INI) है, जो स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत काम कर रहा है. जिसका उद्देश्य सस्ती और विश्वसनीय तृतीयक स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता में क्षेत्रीय असंतुलन को ठीक करना, गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा के लिए सुविधाओं को बढ़ाना व स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों का एक महत्वपूर्ण समूह बनाने के लिए शिक्षा और देश में अनुसंधान करना है.
गुणवत्ता पर जोर: प्रोफेसर ने कहा कि "मैनिट 17 क्षेत्रीय इंजीनियरिंग कॉलेजों में से एक है. जिसकी स्थापना वर्ष 1961 में शैक्षणिक योग्यता, तार्किक मानसिकता और नैतिक मूल्यों के अनुरूप तकनीकी पेशेवरों को तैयार करने के मिशन के साथ शिक्षा में गुणवत्ता के साथ पूरी प्रतिबद्धता के साथ की गई थी. आंतरिक शक्ति राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए वैश्विक व्यापार की भविष्य की आवश्यकता के साथ तुल्यकालिक है. दोनों संस्थानों के बीच समझौता ज्ञापन स्वास्थ्य, इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अनुसंधान, प्रकाशन, शैक्षणिक कार्यक्रमों और अनुसंधान परियोजनाओं पर विचारों के आदान-प्रदान सहित शैक्षणिक और वैज्ञानिक सहयोग पर निर्मित पारस्परिक रूप से लाभकारी संबंधों पर ध्यान केंद्रित रहेगा.